प्रधानमंत्री का छात्रों और बच्चों से प्रेम किसी से छुपा नहीं है। इसलिए चाहे कोई भी मंच हो वो बच्चों से अपने बात शेयर करना नहीं भूलते। 28वें मन की बात संस्करण में प्रधानमंत्री ने सफलता के कुछ मंत्र दिए, उन्होंने कहा था कि “सचमुच में, जीवन को आगे बढ़ाने के लिए प्रतिस्पर्धा काम नहीं आती है। जीवन को आगे बढ़ाने के लिए अनुस्पर्धा काम आती है और जब अनुस्पर्धा मैं कहता हूं, तो उसका मतलब है, स्वयं से स्पर्धा करना।“