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प्रधानमंत्री मोदी की नीति ने पाकिस्तान से करवाया आत्मसमर्पण

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प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने दुनिया के सामने यह साबित कर दिया है कि पाकिस्तान की नीति आतंकवाद की है और यह देश आतंकवादियों की सैरगाह है। इसका सबूत किसी और ने नहीं बल्कि पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान खान ने दिया है। इमरान खान ने स्वीकार किया है कि पाकिस्तान की नीति आतंकवाद पर चलती है और आज भी पाकिस्तान के अंदर 30 से 40 हजार आतंकवादी हैं, जो कश्मीर और अफगानिस्तान के लिए लड़ते हैं।

पाकिस्तान का सबूत

वाशिंगटन में Institute of Peace के एक समारोह में बोलते हुए इमरान खान ने स्वीकार किया कि पाकिस्तान में आज भी 30 हजार से 40 हजार आतंकवादी हैं। उन्होंने यह भी स्वीकार किया कि यह पिछली सरकारों के कारण हुआ है क्योंकि ये सरकारें आतंकवादियों पर लगाम कसने पर नाकाम रहीं। ये सभी आतंकवादी पाकिस्तानी सेना और आईएसआई ने पाकिस्तान की राष्ट्रीय नीति के तहत बनाए थे। इमरान खान ने यह भी स्वीकार किया कि पाकिस्तानी तालिबान ने 2014 में पेशावर के सैन्य स्कूल पर हमला किया था जिसके बाद से पाकिस्तान ने इन सभी आतंकी संगठनों को समाप्त करने का फैसला लिया।

प्रधानमंत्री मोदी की नीति ने उगलवाया सच

प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने शुरुआत में पाकिस्तान की तरफ दोस्ती का हाथ बढ़ाया और चाहा कि दोनों देश मिल करके गरीबी और भूखमरी के खिलाफ जंग लड़े, लेकिन पाकिस्तान को यह मजूंर नहीं था। उसने पठानकोट, उरी और पुलवामा के सैनिक ठिकानों पर आतंकी हमले करवाए। पुलवामा में 40 सैनिक की शहादत पाकिस्तान के ताबूत में आखिरी कील साबित हुई। इस तीसरी आतंकवादी घटना के बाद से प्रधानमंत्री मोदी ने पाकिस्तान पर नीति बदल दी, उन्होंने ने निर्णय कर लिया कि पाकिस्तान को उसके कर्मों की सजा मिलेगी। इसके लिए एक तरफ आतंकवादी संगठनों और आतंकवादियों के सफाए की रणनीति अपनायी गई और दूसरी ओर कूटनीतिक स्तर पर पाकिस्तान को आतंकवाद के लिए दोषी ठहराते हुए अलग-थलग करने की नीति पर काम किया गया।

प्रधानमंत्री मोदी का दबाव और पाकिस्तान का घुटने टेकना

कूटनीतिक स्तर पर पाकिस्तान को अलग-थलग करने का जिम्मा स्वयं प्रधानमंत्री मोदी ने उठाया। उन्होंने हर देश की यात्रा और संगठन की बैठकों में आतंकवाद के मुद्दे को जोर-शोर से उठाया। BRICS, SCO, G-20, UNO, OPEC आदि सभी संगठनों में पाकिस्तान को आतंकवादी देश बताया। ओसाका, जापान में संपन्न हुए G-20 शिखर सम्मेलन में अंतरराष्ट्रीय स्तर पर आतंकवाद के खिलाफ एकजुट होकर निर्णायक संघर्ष के लिए विश्व को एकजुट होने के लिए कहा।

दूसरी तरफ भारतीय वीर सैनिकों ने आतंकवादी कैंपों और आतंकवादियों के सफाए की रणनीति को अपनाया। जहां जम्मू कश्मीर में चुन-चुन करके  आतंकवादियों को मारा जा रहा है, वहीं सीमा पर पाकिस्तान के अंदर बैठे आतंकवादी और उनके कैंपों की अब खैर नहीं रह गई है।

बालाकोट में सर्जिकल स्ट्राइक करके आतंकवादी कैंपों की धज्जियां उड़ा दी गईं। सैकड़ों ऐसे आतंकवादी बालाकोट में तैयार हो रहे थे जो भारत पर आक्रमण करने की फिराक में थे। इससे पहले की वे भारत का शिकार करते भारत ने उनका शिकार कर लिया। इससे पाकिस्तान इतना विचलित हो उठा कि वह डर से कई हफ्तों तक अपने एयरस्पेस को बंद रखा। बालाकोट की एयर स्ट्राइक से पहले, सर्जिकल स्ट्राइक में भारतीय सैनिकों ने पाकिस्तान के अंदर मौजूद आतंकी कैंपों को तबाह कर दिया था।

पाकिस्तान के घुटने टेकने के सबूत

आज पाकिस्तान इन दबावों के चलते कैसे भीगी बिल्ली बना हुआ है इस पर भी एक नजर डालते हैं-

  • आतंकवाद की नीति अपनाने के कारण पाकिस्तान Financial Action Task Force (FATF) के grey list में शामिल हो चुका है। इस साल के अंत तक यदि पाकिस्तान ने Financial Action Task Force (FATF) की शर्तों के अनुसार आतंकवादी संगठनों और आतंकवादियों को खत्म नहीं किया तो पाकिस्तान के ऊपर अंतरराष्ट्रीय प्रतिबंध लग जाएगें और हर साल पाकिस्तान को 10 बिलियन डालर का नुकसान होगा। पाकिस्तान के लिए यह नुकसान कितना भारी होगा इसका इस बात से अंदाजा लगाया जा सकता है कि आज पाकिस्तान विश्व बैंक से मात्र 6 बिलियन डॉलर लेने के लिए हर शर्त मानने को तैयार हो गया है।
  • संयुक्त राष्ट्र संघ की सुरक्षा परिषद में पाकिस्तान के All Weather Friend चीन के विरोध के बावजूद भी जैश-ए-मोहम्मद के सरगना मसदू अजहर को अंतरराष्ट्रीय आतंकवादी घोषित कर दिया गया और पाकिस्तान को उसे गिरफ्तार करना पड़ा।
  • एयरस्पेस को बिना शर्त खोल देना, जबकि पाकिस्तान लगातार कह रहा था कि भारत सीमा पर से तैनात अपने लड़ाकू विमानों को हटाए तभी एयर स्पेस सिविलियन विमानों के उड़ान के लिए खोला जाएगा। भारत ने पाकिस्तान की शर्त को अनसुना कर दिया और आखिर में पाकिस्तान को एकतरफा अपने फैसले को पीछे लेना पड़ा। आज भी भारत के लड़ाकू विमान सीमा पर तैनात हैं। किसी भी आतंकी कार्रवाई का मुंहतोड़ जवाब कभी भी देने को तैयार हैं।
  • अंतरराष्ट्रीय न्यायालय ने भारतीय नौसेना अधिकारी कुलभूषण जाधव पर पाकिस्तानी सैन्य अदालत के फैसले पर रोक लगा दी और भारत को वियना संधि के तहत यह अधिकार दिया कि वह जाधव को अपने राजनयिक के माध्यम से कानूनी सलाह दे सकता है। इस निर्णय के तुरंत बाद पाकिस्तान ने कहा कि वह भारत को यह अवसर देने के लिए तैयार है और कूलभूषण जाधव की सजा पर रोक जारी रहेगी।
  • अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने पाकिस्तान के प्रधानमंत्री से मुलाकात के दौरान सार्वजनिक रुप से कहा कि पाकिस्तान हर साल 1.4 बिलियन डालर की मदद लेने के बावजूद भी आतंकवादी संगठनों के खात्मे में अमेरिका की मदद नहीं कर रहा है। इस सीधे आरोप को सुनने के अलावा पाकिस्तानी प्रधानमंत्री के पास कोई रास्ता नही था, क्योंकि पाकिस्तान को आज डॉलर चाहिए। पाकिस्तान के रुपये की कीमत इनती गिर चुकी है कि एक डॉलर में 156 रुपये मिल रहे हैं। पाकिस्तान में हर सामान महंगे हो गये हैं, गरीबों के पहुंच से खाने पीने की चीजें दूर होती जा रही है। पाकिस्तान के अंदर हालात गंभीर हो चुके हैं।

अब वह दिन दूर नहीं है जब पाकिस्तान, भारत की शर्तों पर बातचीत करने के लिए तैयार होगा। भारत की पहली और आखिरी शर्त है कि पाकिस्तान आतंकवादियों और आतंकवादी संगठनों का पूरी तरह से खात्मा करे। पाकिस्तान के प्रधानमंत्री का इकरार नामा भारत की शर्तों को पूरा करने की ओर पहला कदम है। आज पाकिस्तान ने स्वीकार किया है कि उसके यहां आतंकवादी हैं और कल इन्हीं आतंकवादियों का खात्मा करके भारत के साथ बातचीत करेगा।

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