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वाराणसी की विरासत का परिचय दुनिया को उनकी भाषा में कराएं: प्रधानमंत्री मोदी

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प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने छात्रों से कहा है कि वे एक ऐसा ऐप बनाएं जिससे दुनिया के लोगों को उन्ही की मातृभाषा में काशी यानी वाराणसी की 5000 साल पुरानी विरासत को जानने का मौका मिल सके। प्रधानमंत्री मोदी ने स्मार्ट इंडिया हैकेथॉन-2018 के ग्रैंड फिनाले में देशभर के 28 केंद्रों में शामिल बनारस हिंदू विश्वविद्यालय (बीएचयू) के विद्यार्थियों को वीडियो कॉन्फ्रेंस के माध्यम से संबोधित करते हुए यह अपील की।

प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि, ‘काशी 5 हजार साल पुराना शहर है और काशी-वाराणसी के प्रति दुनिया का आकर्षण है। टेक्नोलॉजी के माध्यम से आप दुनिया को इतनी बड़ी विरासत से परिचित करा सकते हैं। गूगल के लोग 3 डी कंसेप्ट से पर्यटक स्थलों का ऐसा करते हैं। हम मोबाइल फोन के माध्यम से पूरे पांच हजार साल के इतिहास से उन्हें परिचित करा सकते हैं, जैसे वह उसी समय मौजूद है। इस प्रकार का कोई ऐप बना कर हम दुनिया के अंदर वाहवाही करवा सकते हैं।’

छात्रों का काशी की 5 हजार साल पुरानी सभ्यता की महत्ता समझाते हुए प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि बोस्टन की एक गली का नाम काशी है और वहां के निवासियों को ‘गुरु’ कहा जाता है। उन्होंने कहा कि, ‘बोस्टन शिक्षा का एक बड़ा केंद्र है। दुनिया भर से छात्र वहां पढ़ने जाते हैं। वहां पर एक स्ट्रीट है, जहां ज्यादातर प्रोफेसर रहते हैं उसका नाम काशी है। वहां जो रहते हैं उन्हें गुरु कहते हैं। सारे लोग तो अमेरिकन लोग हैं, लेकिन ज्ञान का केंद्र यानी वाराणसी और ज्ञान देने वाला यानी गुरु, ये दोनों शब्द बोस्टन के एक स्ट्रीट पर बहुत पोपुलर है।’

पीएम मोदी ने बीएचयू के कार्यक्रम में मौजूद विभिन्न राज्यों से आए 344 छात्रों से कहा कि, ‘वाराणसी के प्रति गौरव करते हुए हमलोग इस पर कुछ कर सकते हैं। मैं चाहूंगा आप सब स्टूडेंट यहां से वापस जाने के बाद इसपर काम कीजिए। वाराणसी पर कोई ऐसा ऐप बने कि दुनिया का कोई भी व्यक्ति आए उसको अपनी भाषा में 5 हजार साल के साथ उसको पार्टिसिपेंट की तरह जीने का एक मौका मिले।’

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