Home नरेंद्र मोदी विशेष काशी के सर्वांगीण विकास के लिए प्रतिबद्ध हैं प्रधानमंत्री मोदी

काशी के सर्वांगीण विकास के लिए प्रतिबद्ध हैं प्रधानमंत्री मोदी

SHARE

2014 में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने दो संसदीय सीटों से चुनाव लड़ा था। एक उनके गृहराज्य का वडोदरा और दूसरा उनके दिल के नजदीक वाराणसी था। उन्होंने दोनों जगहों से भारी बहुमत से जीत हासिल की। हालांकि वडोदरा में उनकी जीत का अंतर अधिक था, लेकिन जब एक सीट छोड़ने की बात आई तो उन्होंने वडोदरा सीट छोड़ दी। जाहिर है पीएम मोदी वाराणसी को अपनी सेवा देना चाहते थे, विकास की रेस में पिछड़ चुके वाराणसी में विकास की गति बढ़ाना चाहते थे। उन्होंने तब कहा भी था कि “गंगा मइया ने मुझे बुलाया है।”

प्रधानमंत्री बनने के तीन बरस हो गए हैं और वे वाराणसी के विकास में अनवरत लगे हुए हैं। पिछले तीन सालों में करीब 35 हजार करोड़ की योजनाओं का सौगात दे चुके हैं।

उम्मीदों पर खरे उतरे पीएम मोदी
वाराणसी की जनता ने जिस उम्मीद के साथ उन्हें अपना सांसद बनाया था, उस पर पीएम खरे उतरे हैं। वाराणसी में विभिन्न योजनाओं का आगाज हो चुका है। रिंग रोड और फोर लेन रोड के साथ ही शहर में अंडरग्राउंड बिजली का काम भी तेज गति से हो रहे हैं। वहीं वाराणसी शहर में सोडियम लाइट को हटाकर खास एलईडी लाइट लगाई गई है। गंगा घाट से लेकर पूरा शहर दुधिया रोशनी में जगमगा रहा है।

चौतरफा विकास को गति
प्रधानमंत्री अपने संसदीय क्षेत्र को नया मुकाम देने के लिए पिछले तीन साल से लगातार कोशिश कर रहे हैं। लेकिन अखिलेश सरकार के रहते इसमें कई अड़चने आ रहीं थीं। लेकिन यूपी में भाजपा की सरकार बनने के बाद से ही विकास की गति तेज हो गई है। रिंग रोड हो या फिर फोर लेन रोड या फिर आईपीडीएस सिस्टम के जरिए संसदीय क्षेत्र वाराणसी को हाईटेक बनाने की कवायद की जा रही है।

बुनियादी ढांचे का विकास
वाराणसी में 964 करोड़ रुपये में मेट्रो जैसी करीब 2291 करोड़ रुपये से सिटी को स्मार्ट बनाने की कोशिश चल रही है। 630 करोड़ की लागत से एयरपोर्ट से शहर तक की फोरलेन सड़क 270 करोड़ की लागत से बन रही है। 2600 करोड़ रुपये की लागत से बनारस से जौनपुर, मऊ और आजमगढ़ जाने वाले मार्ग का विस्तार किया जा रहा है।

विरासत को सहेजते हुए विकास
पीएम मोदी ने विकास कार्यों को गति तो दी है लेकिन वे काशी की प्राचीन विरासत से छेड़छाड़ नहीं करना चाहते हैं। सरकार ने काशी की विरासत को सहेजने की दिशा में कई बेहतर कदम उठाए हैं। हृदय और प्रसाद योजना के तहत विरासतों को भी सहेजा जा रहा है। इसी खातिर उन्होंने जापान से समझौता भी  किया है और क्योटो के तर्ज पर वाराणसी का विकास करने की ओर आगे बढ़ रहे हैं। 

रोशनी से जगमग वाराणसी
वाराणसी में 571 करोड़ रुपये में आइपीडीएस के तहत बिजली के तारों को भूमिगत किया जा रहा है। करीब 30 हजार एलईडी लाइट से शहर रोशन, हाईमास्ट से 84 घाट रौशन हुए। धरोहरों में सारनाथ के स्तूप, राजघाट के लाल खां रौजा और मानमंदिर घाट में रोशनी बिखेरने के लिए कदम उठाए गए। इसके अलावा कालोनियों में हेरिटेज लाइटिंग की सौगात मिली है।

स्वास्थ्य सेवा के लिए ठोस पहल
वाराणसी ही नहीं बल्कि पूर्वांचल के पूरे इलाके में स्वास्थ्य सेवा की हालत सुधारने के का काम पीएम मोदी कर रहे हैं। उनके प्रधानमंत्री बनने के बाद 580 करोड़ का बीएचयू में महामना मालवीय कैंसर इंस्टीट्यूट के निर्माण का काम चल रहा है। 200 करोड़ का मल्टी स्पेशियालिटी अस्पताल की सौगात मिली। इतना ही नहीं कर्मचारियों के इलाज के लिए 150 करोड़ की लागत से ईएसआई अस्पताल का विस्तार किया गया। इसके अलावा 3.5 करोड़ की लागत से भेलूपुर स्थित ईएसआइ डिस्पेंसरी का स्थापना की गई है।

स्वच्छ वाराणसी के लिए अभियान
वाराणसी को स्वच्छ बनाने की दिशा में भी कदम बढ़ाए गए हैं। 320 करोड़ रुपये की लागत से अमृत योजना के तहत जल और सीवेज व्यवस्था की गई है। इसके अलावा 6.88 करोड़ रुपये की सीएसआर सहायता से करसड़ा में ठोस कचरा प्रबंधन के लिए दिशा में कदम उठाया गया है। शहर के 90 वार्ड में डोर टू डोर कूड़ा उठाने के लिए 12 करोड़ का बजट रखा गया है, ताकि शहर साफ-सुथरा रहे।

रेलवे स्टेशन का सौंदर्यीकरण
पीएम मोदी ने वाराणसी से वड़ोदरा के बीच चलने वाली नई ट्रेन की सौगात दी है। इसके अलावा शहर के रेलवे स्टेशन को आधुनिक तौर पर बनाया गया है। कैंट रेलवे स्टेशन पर स्वचालित सीढ़ी और 500 यात्रियों के लिए विश्रामगृह बनाया गया है। मंडुआडीह स्टेशन का कायाकल्प, विस्तारीकरण एवं उच्च स्तरीय सुविधाएं मुहैया कराई गई हैं। काशी और शिवपुर स्टेशन पर सुविधाओं की बढ़ोतरी और सौंदर्यीकरण किया गया है।

ऐतिहासिक विरासत का संरक्षण
पीएम मोदी का वाराणसी की ऐतिहासिक धरोहरों को सहेजने ड्रीम प्रोजेक्ट है, जिसके तहत आठ करोड़ की लागत से दुर्गाकुंड, लक्ष्मीकुंड और लाटभैरव कुंड की सफाई और जीर्णोद्धार किया जा रहा है। 80 करोड़ में म्यूजिक हेरिटेज वॉक का निर्माण कार्य चल रहा है। इसके अलावा 140 करोड़ रुपये की लागत से कन्वेंशन सेंटर की स्थापना की कवायद की गई है।

बुनकरों को भी मिली सौगात
वाराणसी के बुनकरों के लिए 213 करोड़ की लागत से ट्रेड फैसिलिटेशन सेंटर और क्राफ्ट म्यूजियम की स्थापना की गई है। इसके अलावा 32 करोड़ की लागत से 25 हजार हस्त कलाकारों, बुनकरों के लिए नौ कॉमन फैसिलिटी सेंटर व 10 ब्लॉक क्लस्टर भी बनाए जा रहे हैं।

Leave a Reply