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प्रधानमंत्री मोदी के संदेश की 10 ऐसी विशेषताएं जिसे किसी ने नहीं देखा

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प्रधानमंत्री मोदी के संदेश की 10 ऐसी विशेषताएं जिसे किसी ने नहीं देखा

1. राष्ट्र के नाम इस संदेश के दौरान पहली बार दिखा कि किसी नेता को सुनने के लिए देश की सड़कें फिर से सुनसान हो सकती हैं, वो भी 31 दिसंबर की रात के मौके पर, जब देश ही नहीं पूरी दुनिया के नागरिक जश्न मनाते हैं।

2. पहली बार प्रधानमंत्री के किसी भाषण को लेकर देश के हर इंसान को जुड़ते देखा, जो पिछले तीन दिनों से लगातार इस भाषण को लेकर या तो चर्चा कर रहे थे या अटकलें लगा रहे थे। हर कोई भाषण को अपने हिसाब से जोड़ने की कोशिश कर रहा है।

3. नरेंद्र मोदी की अगुवाई में ये सरकार रोज काम करती है। होली-दीवाली हो, नए साल के जश्न का मौका हो या फिर 2 अक्टूबर। सेवा का मतलब इसी से समझा जा सकता है।

4. प्रधानमंत्री के संदेश का जो मुट्ठी भर नेता विरोध कर रहे हैं, उनकी एक बड़ी वजह ये है कि न तो मोदी खुद छुट्टी मनाते हैं और न ही उन्हें मनाने देते हैं। भई राहुल गांधी के राज में लोग गोवा से लेकर यूरोप जा सकते थे, मोदी ने कम से कम नेताओं और पत्रकारों के लिए ये सहूलियत खत्म कर दी है।

5. 31 दिसंबर की रात पहली बार देश के तमाम मंत्री छुट्टी मनाने की जगह टीवी चैनलों में नजर आए। विरोधी तो विरोधी अगर अपने लोग भी मोदी से नाराज हो जाएं तो बड़ी बात नहीं।

6. इस देश में पहली बार विपक्ष सरकार पर ज्यादा काम करने का आरोप लगा रहा है। मैंने अभी लगभग सभी चैनलों पर देखा कि विपक्ष के ज्यादातर नेताओं का आरोप था कि मोदी ने तो बजट भाषण पढ़ दिया, अब एक महीने बाद जेटली क्या करेंगे। मेरा सवाल इन लोगों से है कि भई क्या अच्छे काम सिर्फ बजट में ही हो सकते हैं?

7. आजादी के बाद पहली बार किसी सरकार ने इस तरीके से नए साल का जश्न मनाया होगा कि किसानों, गरीबों, महिलाओं और मध्यम वर्ग को भी खुशी मनाने का मौका दिया हो।

8. अरविंद केजरीवाल हो या लालू यादव, ममता बनर्जी हो या लेफ्ट के नेता, इन्होंने साफ कर दिया कि राजनीति का मतलब सिर्फ विरोध करना होता है। इनके लिए राष्ट्र या राष्ट्र के लिए मिलजुलकर काम करना कुछ नहीं होता।

9. नरेंद्र मोदी ने ये दिखा दिया कि देश के भीतर घट रही हर छोटी बड़ी घटना पर उनकी पूरी नजर है। वो बेईमानों के खिलाफ सख्ती दिखा सकते हैं तो ईमानदारों की राहत के लिए अपनी बाहें भी फैला सकते हैं।

10. पिछले 50 दिनों में जिस तरीके से लोगों का समर्थन मिला है, उससे नरेंद्र मोदी का हौसला और बढ़ा है। उन्होंने आज के भाषण के बाद ये साफ कर दिया है कि अब वो खुलकर और सख्त फैसला लेंगे।

– हरीश चन्द्र बर्णवाल 

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