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ब्रिक्स नेताओं के साथ पीएम मोदी की बैठक, कहा- वैश्वीकरण और बहुपक्षवाद के प्रति प्रतिबद्ध है भारत

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प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने अर्जेंटीना दौरे के दूसरे दिन जी-20 शिखर सम्मेलन से इतर ब्रिक्स नेताओं के साथ एक अनौपचारिक बैठक की। ब्रिक्स देशों के शीर्ष नेताओं की बैठक में प्रधानमंत्री मोदी ने आतंकवाद और आर्थिक अपराध के अलावा नियम आधारित वैश्विक व्यवस्था पर जोर दिया। प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि भारत वैश्वीकरण और बहुपक्षवाद के प्रति प्रतिबद्ध है। आतंकवाद और कट्टरपंथ को दुनिया के लिए बड़ी चुनौती बताते हुए उन्होंने कहा कि आर्थिक अपराध भी एक बड़ी चिंता बन गया है।

प्रधानमंत्री ने कहा कि हमें संयुक्त राष्ट्र और इसकी सुरक्षा परिषद सहित बहुपक्षवादी संस्थाओं में विकासशील देशों को और अधिक प्रतिनिधित्व दिए जाने पर एक सुर में बात करनी चाहिए। यह वही मकसद है जिसके लिए हम ब्रिक्स में एक साथ आए हैं। उन्होंने कहा कि ब्रिक्स देश वैश्विक स्थिरता और विकास में योगदान देते रहे हैं। हमने विश्व की आर्थिक और राजनीतिक संरचना को आकार देने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है। हमने विश्व आर्थिक शासन के ढांचे को और अधिक प्रतिनिधित्व वाला और लोकतांत्रिक बनाने में सार्थक योगदान दिया है और इस दिशा में आगे भी कार्य करते रहेंगे।

ब्रिक्स देशों की इस बैठक में प्रधानमंत्री मोदी के अलावा रूस के राष्टपति ब्लादिमीर पुतिन, चीन के राष्ट्रपति शी जिन पिंग, दक्षिण अफ्रीका के राष्ट्रपति सिरिल रामाफोसा और ब्राजील के राष्ट्रपति मिशेल टेमर मौजूद थे।

प्रधानमंत्री का ब्रिक्स नेताओ की बैठक के दौरान सम्बोधन

Your Excellency President Cyril Ramaphosa,
Your Excellency President Michel Temer,
Your Excellency President Vladimir Putin ,
Your Excellency President Xi Jinping ,

मैं President Ramaphosa को जुलाई में Johannesburg में BRICS Summit की सफलता और इस बैठक के आयोजन के लिए धन्यवाद देता हूं। हम BRICS में विश्व की 42% जनसंख्या का प्रतिनिधित्व करते हैं। पिछले कुछ वर्षों से BRICS ग्लोबल ग्रोथ का इंजन बना हुआ है। हालांकि, अभी भी विश्व GDP (23%) और trade (16%) में हमारे हिस्से के बढ़ने की बहुत अधिक संभावनाएं हैं। वह जनसंख्या के अनुरूप नहीं हैं।

Excellencies,
Globalisation ने लाखों लोगों को गरीबी से बाहर निकाला है। हालांकि, globalisation के फायदों के समान वितरण को लेकर हमारे सामने चुनौतियां हैं। Multilateralism और नियम-आधारित विश्व-व्यवस्था के सामने निरंतर कठिनाइयाँ आ रही हैं और Protectionism बढ़ रहा है। Currency अवमूल्यन और तेल कीमतों में तेज बढ़ोत्तरी पिछले कुछ वर्षों में अर्जित लाभ को चुनौती दे रहे हैं।
BRICS देश वैश्विक स्थिरता और विकास में योगदान देते रहे हैं। हमने विश्व की आर्थिक और राजनैतिक संरचना को आकार देने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है।

हमने global economic governance के architecture को और अधिक प्रतिनिधित्व वाला और लोकतांत्रिक बनाने में सार्थक योगदान दिया है और इस दिशा में आगे भी कार्य करते रहेंगे। हमें संयुक्त राष्ट्र और इसकी सुरक्षा परिषद सहित multilateral institutions में विकासशील देशों को और अधिक प्रतिनिधित्व दिए जाने पर एक सुर में बात करनी चाहिए। यह वही मकसद है जिसके लिए हम BRICS में एक साथ आए हैं।

हमें नियम-आधारित विश्व-व्यवस्था को सुनिश्चित करने के लिए UN, WTO, यु.एन.एफ़.सी.सी., World Bank इत्यादि जैसे multilateral institutions के साथ मिलकर काम करना होगा जिससे इनकी प्रासंगिकता बनी रहे और वह समय की वास्तविकताओं को दर्शाए। इस संबंध में, मैंने जोह्नेस्बर्ग की अपनी मुलाकात में ‘Reformed Multilateralism’ का सुझाव दिया है।

नए Industrial Revolution, कार्य के भविष्य, आदि विषयों के G20 एजेंडा में समावेश ने वैश्विक विकास की चर्चा को समृद्ध किया है। हम BRICS देश नए Industrial Revolution में सहयोग करने के लिए उत्सुक हैं। इस संदर्भ में, वैश्वीकरण और migration के विषयों को बेहतर बहुपक्षीय समन्वय और सहयोग के द्वारा संबोधित करना होगा। ग्लोबल सप्लाई चेन में लेबर मुद्दों का प्रबंधन, पूरी वैल्यू चेन में उत्कृष्ट काम को सुनिश्चित करने के लिए जरूरी होगा। विश्व भर में कामगारों की सामाजिक संरक्षण योजनाओं की पोर्टेबिलिटी और मजदूरों की सहज आवाजाही महत्वपूर्ण है।

महिलाओं के सशक्तिकरण और sustainable food future जैसे सामाजिक-आर्थिक मामले G20 Summit में उठाए जाएंगे। पहले मैंने sustainable development और infrastructure पर disaster resilient infrastructure की जरूरत का सुझाव दिया था। इसे आगे बढ़ाने के लिए हमें मिलकर काम करना होगा।

Excellencies,
भारत BRICS political exchanges को बढ़ाने में हो रही प्रगति को महत्व देता है और उसकी सराहना करता है। इस संबंध में हमारे विदेश मंत्रियों, NSAs और Middle East के विशेष दूतों की मुलाकातों ने अहम योगदान दिया है। हम सभी इस बात पर सहमत हैं कि आज आतंकवाद और radicalisation पूरी दुनिया के सामने सबसे बड़ी चुनौतियां हैं। यह न केवल शांति और सुरक्षा के लिए ख़तरा है, यह आर्थिक विकास के लिए भी एक चुनौती है।

हमने सभी देशों से FATF मानकों के कार्यान्वयन का आग्रह किया है। आतंकवादियों के नेटवर्क, उनकी फाइनेंसिंग और उनकी आवाजाही को रोकने के लिए संयुक्त राष्ट्र के Counter Terrorism Framework को मजबूत करने हेतु BRICS और G20 देशों को साथ मिलकर काम करना होगा। आर्थिक अपराधियों और भगोड़ों के विरुद्ध हमें मिलकर काम करने की आवश्यकता है। यह समस्या विश्व की आर्थिक स्थिरता के लिए गंभीर ख़तरा बन सकती है।

 

Excellencies,
G20 में हमारे सहयोग का आधार मजबूत होने लगा है। हमारे BRICS Sherpas, G20 मामलों में परामर्श और सहयोग करते रहे हैं।
G20 Summit की अध्यक्षता एक विकासशील देश कर रहा है. यह एक सुअवसर है कि G 20 के एजेंडा और इसके परिणामों का फोकस विकासशील देशों की प्राथमिकताओं पर लाया जाए।मैं, अंत में एक बार फिर से President रामाफोसा द्वारा जोहान्सबर्ग Summit की सफल मेजबानी और इस बैठक के आयोजन के लिए धन्यवाद करता हूं।

मैं आगामी BRICS Chairship के लिए ब्राज़ील और उसके नेतृत्व को भारत के पूर्ण समर्थन और सहयोग का विश्वास भी दिलाता हूं। मुझे भरोसा है कि Brazil की Chairship के अंतर्गत BRICS सहयोग नई ऊंचाईयों पर पहुंचेगा।

Excellencies,
में राष्ट्रपति ब्राज़ील का इसलिए भी आभार वयक्त करता हूँ ,पिछले 6 बार से आपका मार्गदर्शन मिलता रहा और आपके साथ काम करने का अवसर मिलता रहा और जैसा आपने कहा कि ये आखरी मीटिंग है हमारी आपके साथ
बहुत बहतु शुभकामनायें 
बहुत बहुत धन्यवाद

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