प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने शिक्षक दिवस के अवसर पर डॉ एस राधाकृष्णन को श्रद्धांजलि अर्पित करते हुए शिक्षकों को एक पत्र लिखा है। इसमें प्रधानमंत्री मोदी ने लाखों छात्रों को शिक्षित करने के लिए शिक्षकों के योगदान की सराहना करते हुए कहा कि शिक्षकों द्वारा सिखाए गए मूल्य जीवन भर विद्यार्थियों के साथ रहते हैं।
प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि शिक्षक हमें प्रेरित करने के साथ-साथ सूचित एवं शिक्षित करते हैं और हमें प्रबुद्ध बनाते हैं। प्रधानमंत्री मोदी ने पूर्व राष्ट्रपति डॉ. एपीजे अब्दुल कलाम को उद्धृत किया, जिन्होंने यह कहा था, ‘शिक्षण एक अत्यंत उत्कृष्ट पेशा है जो किसी भी व्यक्ति के चरित्र, क्षमता और भविष्य को विशिष्ट स्वरूप प्रदान करता है।’
श्री मोदी ने कहा कि 21वीं सदी को वे समाज अभिनव स्वरूप प्रदान करेंगे जो शिक्षा, शोध और नवाचार को सर्वोच्च महत्व देते हैं। उन्होंने कहा, ‘यह कहने की जरूरत नहीं है कि इसे ध्यान में रखते हुए हमारे शिक्षकों की भूमिका निश्चित तौर पर अत्यंत महत्वपूर्ण है।’
प्रधानमंत्री मोदी ने शिक्षकों को भेजे अपने पत्र में यह लिखा है, ‘मुझे यकीन है कि आप प्रौद्योगिकी में होने वाले नवीनतम बदलावों से स्वयं को अपडेट रखते हैं और इसके साथ ही तकनीकी बदलावों से विद्यार्थियों को अवगत कराते हैं।’ उन्होंने शिक्षा क्षेत्र में उल्लेखनीय बदलाव लाने के लिए भारत सरकार द्वारा किये जा रहे कुछ प्रयासों का भी उल्लेख किया।
प्रधानमंत्री ने कहा कि आप जैसे शिक्षकों की महान कोशिशों को धन्यवाद जिससे बड़ी सफलता के साथ खर्च के बजाय सकारात्मक नतीजे देने और सिर्फ शिक्षण के बजाय सीखने की ओर ध्यान केंद्रित हुआ है। अटल टिंकरिंग प्रयोगशालाओं की वजह से कौशल विकास पर महत्वपूर्ण जोर पड़ा है। प्रधानमंत्री ने कहा कि देशभर में कई विश्वविद्यालयों की स्थापना की जा रही है ताकि युवाओं को गुणवत्ता युक्त शिक्षा के आनंद से वंचित नहीं किया जा सके।
प्रधानमंत्री ने 2 अक्टूबर से महात्मा गांधी की 150वीं जयंती के अवसर पर कार्यक्रमों की शुरूआत करने की चर्चा करते हुए शिक्षक समुदाय को छात्रों के बीच नवाचार तरीकों से बापू के विचारों और आदर्शों को बढ़ाने के लिए प्रेरित किया। उन्होंने स्वच्छ भारत मिशन को मजबूत करने में शिक्षक समुदाय की भूमिका की सराहना की।
आजादी के 75 साल पूरे होने पर 2022 तक नए भारत के अपने विजन पर जोर देते हुए प्रधानमंत्री मोदी ने शिक्षक समुदाय से आजादी के लिए अपनी जान देने वालों के सपनों और विजन को पूरा करने की दिशा में आने वाले चार साल समर्पित करने का आग्रह किया।
प्रधानमंत्री ने कहा कि मैं आप लोगों से अपने हृदय के नजदीक किसी मुद्दे को उठाने, स्थानीय समुदाय को लामबंद करने और अपने आसपास के लोगों के जीवन में सकारात्मक बदलाव लाने की कोशिश करने का आग्रह करता हूं। उन्होंने कहा कि यह हमारे स्वतंत्रता सेनानियों के लिए एक श्रद्धांजलि होगी और नए भारत के निर्माण का संकल्प भी होगा।