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प्रधानमंत्री मोदी ने लॉन्च की किसान सम्मान निधि योजना, 1 करोड़ 1 लाख किसानों के खातों में 2 हजार रुपये ट्रांसफर

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प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने रविवार को उत्तर प्रदेश के गोरखपुर में किसान सम्मान निधि योजना की शुरूआत की। प्रधानमंत्री मोदी ने एक क्लिक के साथ ही देश के 21 राज्य और केंद्र शासित प्रदेशों के एक करोड़ एक लाख किसानों के बैंक खातों में 2000 रुपये की पहली किस्त भेज दी। इस अवसर पर किसानों को संबंधोति करते हुए पीएम मोदी ने कहा कि जिन किसानों के बैंक खातों में पहली किस्त की रकम नहीं पहुंची है, उन्हें कुछ सप्ताह में मिल जाएगी। श्री मोदी ने कहा कि हमारी सरकार की नीयत साफ थी, इसलिए योजना बनाने के साथ ही इसका बजट में प्रावधान किया और संसद में इसका ऐलान किया।

रैली को संबोधित करते हुए प्रधानमंत्री मोदी ने सरकार की उपलब्धियां गिनाईं तो कांग्रेस को निशाने पर लिया। सपा-बसपा पर भी निशाना साधा और गठबंधन को महामिलावटी बताया। विकास परियोजनाओं के शिलान्यास और लोकार्पण के बाद प्रधानमंत्री ने कहा कि आज ऐतिहासिक दिन है। खाद कारखाना मैदान से अन्नदाता को समृद्धि करने की किसान सम्मान निधि योजना की शुरूआत की गई है। गुजरात के कांडला से गोरखपुर के बीच दुनिया की सबसे बड़ी एलपीजी गैस पाइप लाइन का शिलान्यास किया गया।

प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि अब बार-बार झूठ बोलने और अफवाह फैलाने वालों से सावधान रहने की जरूरत है। किसान सम्मान निधि योजना का लाभ देश के 12 करोड़ किसानों को मिलेगा। यह अन्नदाता का हक है। पूरा पैसा मिलेगा और हर साल मिलेगा। इसे कोई वापस नहीं ले सकता है। 10 साल में 7.5 लाख करोड़ रुपये किसानों के बैंक खाते में भेजे जाएंगे। किसी की जाति, धर्म नहीं देखा जाएगा। भाजपा सरकार का मूल मंत्र सबका साथ सबका विकास है।

पीएम मोदी ने कहा कि कर्जमाफी का फैसला आसान था। चुनाव से पहले खेल खेल सकते थे लेकिन मोदी ऐसा पाप नहीं करेगा। हम किसानों की आय बढ़ाने में लगे हैं। सिंचाई परियोजनाओं को पूरा कर रहे हैं। कर्जमाफी का लाभ सिर्फ कांग्रेस के चेले-चपाटों को मिलता है। कर्जमाफी के नाम पर कांग्रेस ने बड़ा घोटाला किया था। तीन करोड़ किसानों की कर्जमाफी का दावा किया था। इसमें से 35 लाख लोग ऐसे थे, जिनका खेती-किसानी से कोई नाता नहीं था। किसानों की समृद्धि की योजना बनाई तो महामिलवाटी लोगों के चेहरे गिर गए। निराशा से मरे पड़े थे। अब झूठ बोलने में लगे हैं कि सम्मान निधि की रकम एक साल मिलेगी, फिर वापस ली जाएगी। ऐसा कतई नहीं होने वाला है। देश के सुविधा-संसाधन पर पहला हक किसान, गांव, गरीब का है। यह योजना चलती रहेगी। इसे कोई नहीं बंद कर सकता है। किसी के कहने से सूची में नाम बढ़ाया या घटाया नहीं जाएगा।

पीएम मोदी ने कर्जमाफी का नुकसान और किसान सम्मान निधि योजना का फायदा भी बताया। उन्होंने कहा कि 2008 में किसानों पर छह लाख करोड़ रुपये कर्ज था लेकिन कर्जमाफी सिर्फ 52 हजार करोड़ रुपये की हुई। सभी किसानों का कर्ज माफ होना चाहिए था। यह किसानों के साथ धोखा है। कर्जमाफी का लाभ सिर्फ 10 फीसदी किसानों को मिलता है। पीएम किसान सम्मान निधि योजना का लाभ 90 फीसदी किसानों को मिलेगा। श्री मोदी ने कहा कि सत्ता का सुख भोगने वालों ने किसानों को सशक्त बनाने का काम ईमानदारी से नहीं किया। ऐसा होता तो किसान को ऋण लेने की जरूरत नहीं पड़ती। किसानों के नाम पर घड़ियाली आंसू बहाने से काम नहीं चलेगा। आपके पाप और बेईमानी ने किसानों को तबाह कर दिया।

पीएम मोदी ने कांग्रेस पर तीखा हमला बोला और कहा कि अब पंजा 85 पैसा नहीं मार पाएगा। एक प्रधानमंत्री कहते थे कि विकास योजना का एक रुपया जाता है लेकिन 15 पैसे से काम होता है। 85 पैसा भ्रष्टाचार में चला जाता है। अब ऐसा नहीं है। नई नीति और नई रीति वाला भारत है। अब बिचौलिया और दलालों का खेल खत्म हो गया। सब्सिडी किसानों के बैंक खाते में सीधे भेजी जा रही है। सम्मान निधि की रकम भी किसानों के खाते में भेजी जा रही है।

पीएम मोदी ने गैर भाजपा शासित राज्य सरकारों को चेताया और कहा कि दो हेक्टेयर (पांच एकड़) क्षेत्रफल के किसानों की सूची जल्द ही केंद्र सरकार को उपलब्ध कराई जाए। कुछ राज्य सरकारों की नींद अभी नहीं टूटी है। किसानों के साथ राजनीति करना अच्छा नहीं है। सूची समय से नहीं मिली तो किसानों की नाराजगी नेतागिरी तहस नहस कर देगी। प्रधानमंत्री ने यूपी, उत्तराखंड, महाराष्ट्र, बिहार और गुजरात सहित कई राज्य सरकारों की तारीफ की। साथ ही कहा कि पूरी रकम केंद्र सरकार को देनी है। राज्य सरकारें किसानों की सूची तैयार करके ग्राम पंचायतों में प्रदर्शित करें, फिर पीएम किसान सम्मान निधि पोर्टल पर सूची उपलब्ध कराएं।

पीएम मोदी ने कहा कि अब अन्नदाता ऊर्जादाता भी बनेगा। देश के 17 लाख किसानों को सोलर पंप उपलब्ध कराया जाएगा। इसमें से 10 लाख सोलर पंप को पॉवर ग्रिड से जोड़ा जाएगा। जो बिजली बचेगी, वह सरकार खरीद लेगी। इससे किसानों की आय में बढ़ोतरी होगी। दो और पांच किलोवाट के सोलर पंप लगाने का निर्णय हुआ है। अब किसानों को सिंचाई के लिए भागदौड़ नहीं करनी पड़ेगी। बिजली बिल भी कम आएगा।

          

 

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