Home नरेंद्र मोदी विशेष ‘मास मूवमेंट’ बन जाती है प्रधानमंत्री मोदी की अपील

‘मास मूवमेंट’ बन जाती है प्रधानमंत्री मोदी की अपील

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“हम लोग, प्रिवेंटिव हेल्थ-केयर के लिए जितना जागरूक होंगे, उतना व्यक्ति को भी, परिवार को भी और समाज को भी लाभ होगा।”

25 मार्च, 2018 को मन की बात कार्यक्रम के 42वें एपिसोड में प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने देश के युवाओं से ‘फिट इंडिया मूवमेंट’ में शामिल होने का आग्रह किया। उन्होंने युवाओं से योग को लोकप्रिय बनाने के लिए दिलचस्प तरीके इस्तेमाल करने का आह्वान किया।

पीएम मोदी ने कहा कि 21 जून को योग दिवस मनाया जाएगा। योग की तरफ लोगों की रुचि बढ़ाने के लिए अब काम शुरू कर देना चाहिए। उन्होंने कहा, ”मैं आप सबके साथ एक वीडियो शेयर करूंगा, जिससे हम सब एक साथ आसन, प्राणायाम का अभ्यास कर सकें। मैं योग टीचर तो नहीं हूं, एक योग प्रैक्टिशनर जरूर हूं, लेकिन कुछ लोगों ने अपनी क्रिएटिविटी से मुझे योग टीचर भी बना दिया है। मेरे योग करने के 3D एनिमेटेड वीडियो बनाए गए हैं।”

दरअसल प्रधानमंत्री मोदी हमेशा ही नए प्रयोग करते रहते हैं। इस बार भी उन्होंने ‘फिट इंडिया मूवमेंट’ के लिए ट्विटर पर एक 3D वीडियो शेयर किया है। इस वीडियो में नीली टी-शर्ट पहने पीएम मोदी त्रिकोणासन करते दिख रहे हैं।

प्रधानमंत्री मोदी के प्रयासों से भारत की पुरातन संस्कृति को वैश्विक स्तर पर नया सम्मान मिला है। संयुक्त राष्ट्र संघ द्वारा प्रतिवर्ष 21 जून को योग दिवस मनाया जाना उनके ही प्रयासों का परिणाम है। उनकी ईमानदारी, कर्तव्य के प्रति समर्पण और कर्मठता जैसे तत्व मिलकर प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के व्यक्तित्व को विशेष बना देते हैं। उनके सम्यक आचरण ने देश के लोगों में नया भरोसा जगाया है और उनका एक आह्वान आंदोलन की शक्ल अख्तियार कर लेता है।

आइये हम देखते हैं प्रधानमंत्री मोदी द्वारा शुरू किए गए कुछ ऐसे ही कैंपेन जिसने आंदोलन की शक्ल अख्तियार कर लिया-

‘स्वच्छ भारत’ अभियान
2 अक्टूबर, 2014 को प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी जब खुद हाथ में झाड़ू थाम कर निकले तो उनके साथ पूरा देश जुड़ गया। स्वच्छ भारत अभियान को साकार करने के लिए एक से बढ़कर एक हस्तियों का साथ मिला और ये अभियान जन आंदोलन बन गया है। पिछले लगभग 4 सालों में sanitation coverage दोगुना होकर करीब-करीब 80 प्रतिशत हो चुका है | स्वच्छ भारत मिशन के तहत 2 अक्टूबर 2014 से अब तक (14 फरवरी, 2018) 6 करोड़ 20 लाख शौचालय बन चुके हैं। 314 जिले, 1 लाख 41 हजार पंचायत, तीन लाख 21 हजार गांव खुले में शौच से मुक्त हो चुके हैं।

‘बेटी बचाओ, बेटी पढ़ाओ’ अभियान
2011 की जनगणना के अनुसार देश में 3.73 करोड़ महिलाएं कम हैं। इतना ही नहीं देश में 0-6 आयुवर्ग में लिंगानुपात 1991 की जनगणना के आकड़ों के अनुसार 945 था जो घटकर 2001 की जनगणना में 927 पर आ गया और यह 2011 में ये 918 पर आ गया। लिंगानुपात के इसी अंतर में संतुलन स्थापित करने के उद्देश्य से प्रधानमंत्री मोदी ने 22 जनवरी, 2015 को बेटी बचाओ, बेटी पढ़ाओ अभियान की शुरुआत की। शुरुआत में इस अभियान को देश के 100 जिलों में टारगेट किया गया, लेकिन इसका असर पूरे देश में दिखने लगा है।

‘सेल्फी विद डॉटर’ अभियान
28 जून, 2015 को ‘मन की बात’ कार्यक्रम में प्रधानमंत्री ने सभी माता-पिता से अपनी बेटियों के साथ सेल्फी लेकर उसे साझा करने का आह्वान किया और #SelfieWithDaughter का अभियान शुरू किया। प्रधानमंत्री मोदी की अपील का असर ये हुआ कि ये पूरी दुनिया के लिए एक बड़े अभियान में तब्दील हो गया। अमेरिका, अफ्रीका और यूरोप में भी इस अभियान के प्रति उत्साह देखा गया।

‘गिव इट अप’ अभियान
देने का भी आनंद आता है। देने का भी एक संतोष होता है। -नरेंद्र मोदी
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 27 मार्च 2015 को ऊर्जा संगम कार्यक्रम में ‘गिव इट अप अभियान’ का शुभारंभ किया। प्रधानमंत्री मोदी के इस आह्वान का असर यह हुआ कि 1.04 करोड़ से अधिक उपभोक्ताओं ने गैस सब्सिडी लेना बंद कर दिया।

‘इनक्रेडिबल इंडिया’ अभियान
”छुट्टियों के दिनों में सब लोग कहीं न कहीं जाते हैं। भारत के अलग-अलग कोनों में जाते हैं। उन्हें अपने अनुभव #IncredibleIndia के साथ शेयर करना चाहिए।”
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 31 मई, 2015 को मन की बात में पहली बार #IncredibleIndia की बात की। घरेलू पर्यटन को बढ़ावा देने के लिए उन्होंने देशवासियों से आह्वान किया कि वे अपनी यात्रा के अनुभव देशवासियों के साथ शेयर करें। प्रधानमंत्री के आह्वान के बाद हजारों लोगों ने देशभर के विभिन्न पर्यटन स्थलों के अनुभव, रमणीय फोटो #IncredibleIndia के साथ शेयर किया। स्वयं प्रधानमंत्री ने उन पोस्ट में से कुछ को रिट्वीट किया। इन तस्वीरों में से 50 फोटो का चयन करके फेसबुक पेज पर एल्बम तैयार किया गया जिसे 18 हजार लोगों ने शेयर भी किया।

‘सुरक्षा बंधन’ अभियान
29 अगस्त, 2015 को प्रधानमंत्री ने ‘सुरक्षा बंधन’ अभियान की शुरुआत की और इसके तहत अपने प्रियजनों के लिए सामाजिक सुरक्षा योजना उपहार के तौर पर देने के लिए प्रोत्साहित किया गया। पीएम मोदी के इस आह्वान ने एक अभियान का शक्ल ले लिया और 11 करोड़ परिवार इससे जुड़ गए। इसके तहत 351 रुपये मूल्य के उपहार चेक से प्रधानमंत्री जीवन ज्योति बीमा योजना और प्रधानमंत्री सुरक्षा बीमा योजना के एक साल के प्रीमियम का भुगतान करने का आह्वान किया गया था।

विकलांग नहीं, दिव्यांग कहिए
शब्दों का अपना महत्व होता है… परमात्मा ने जिसको शरीर में कुछ कमी दी है, हम उसे विकलांग कहते हैं। कभी-कभी हम जब उनसे मिलते हैं तो पता चलता है कि हमें आंखों से उनकी यह कमी दिखती है, लेकिन ईश्वर ने उन्हें कुछ एक्स्ट्रा पावर दिया होता है। एक अलग शक्ति का उसके अंदर परमात्मा ने निरूपण किया होता है। मेरे मन में विचार आया कि क्यों न हम देश में विकलांग की जगह पर दिव्यांग शब्द का प्रयोग करें। ये वे लोग हैं, जिनके पास एक ऐसा अंग है या एक से अधिक अंग हैं , जिसमें दिव्यता है। मुझे यह शब्द अच्छा लग रहा है। – नरेंद्र मोदी

27 दिसंबर, 2015 को मन की बात के 15वें संस्करण में पीएम मोदी की कही गई इस बात को देश की जनता ने माना। ऐसे लोग जिनके शरीर में कुछ कमी होती है उन्हें अब लोग विकलांग न कहकर दिव्यांग कहने लगे हैं। कई सरकारी संस्थानों से लेकर निजी संस्थाओं ने भी दिव्यांग शब्द का उपयोग करना शुरू कर दिया है। 

महापुरुषों की ‘मूर्ति सफाई’ अभियान
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 27 दिसंबर, 2015 को मन की बात में लोगों से देश के महापुरुषों और शहीदों के प्रति भावनात्मक लगाव को व्यवाहारिक रूप से प्रकट करने का आह्वान किया। इसके बाद तो पूरे देश में महापुरुषों की मूर्तियों की सफाई का एक अभियान सा चल पड़ा। हर राज्य, हर जिले, हर शहर से लेकर गांव तक में स्थापित महापुरुषों की मूर्तियों, स्मारकों के परिसर को साफ करने के बाद, उन फोटो को #StatueCleaning के साथ सोशल मीडिया शेयर भी किया। हजारों ऐसे फोटो सोशल मीडिया पर आए।

‘सैनिकों को दें सम्मान’ अभियान
”विदेशों में जब कहीं आम नागरिक सेना के जवानों को देखते हैं तो वो उनका तालियों के साथ सम्मान करते हैं। क्या हम इस परंपरा की शुरुआत नहीं कर सकते क्या? सीमा पर जान गंवाने वाले सेना के जवानों के दिखने पर उन्हें सम्मान दें।”

14 अक्टूबर, 2016 को सेना के पूर्व कर्मचारियों के बीच भोपाल में शौर्य स्मारक पर प्रधानमंत्री मोदी द्वारा शुरू किए गए इस अभियान का असर ये हुआ कि बड़ी संख्या में लोगों ने इसका अनुसरण करना शुरू कर दिया। मेजर गौरव आर्या के ट्विटर अकाउंट से शेयर किए गए इस वीडियो को देखकर आपको अंदाजा लग जाएगा कि लोग सेना के जवानों के प्रति कितना सम्मान रखने लगे हैं।

‘संदेश फॉर सोल्जर्स’ अभियान
”सवा सौ करोड़ देशवासी उन सैनिकों को अपना संदेश भेजकर खुशियां बांट सकते हैं, जो दिवाली जैसे बड़े त्योहार पर भी अपने घर न आकर सीमा पर सुरक्षा कर रहे हैं, ताकि सबकी दिवाली बिना किसी परेशानी के बीत सके।”
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने इसी संदेश के साथ 23 अक्टूबर, 2016 को ‘संदेश टू सोल्जर्स’ यानि ‘सैनिकों को संदेश’ अभियान शुरू किया। उन्होंने कहा, ”इस दिवाली आपका एक छोटा सा संदेश जवानों के चेहरों पर मुस्कान ला सकता है।” पीएम मोदी की इस अपील का असर ये हुआ कि 10 लाख से भी अधिक लोगों ने विभिन्न माध्यमों से जवानों को दिवाली की बधाई दी। 07 लाख लोगों ने तो फेसबुक, ट्विटर और mygov द्वारा सन्देश भेजे, वहीं तीन लाख लोगों ने नरेन्द्र मोदी ऐप से बधाई संदेश भेजे।

 

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