प्रधानमंत्री मोदी की सफलताओं में एक और सफलता जुड़ने वाली है। 2019 के बजट में किसानों को छह हजार रुपये देने की घोषणा हुई। अब उसे किसानों के बैंक खातों में भी पहुंचाने का काम शुरू हो चुका है। इस महीने के अंत तक दो हजार रुपये की पहली किस्त देश के 12 करोड़ किसानों के खातों में पहुंचाने का लक्ष्य है, जिसपर काम तेज गति से हो रहा है और उसे समय पर पूरा कर लिए जाने का पूरा भरोसा है।
गरीबों, किसानों और दलितों के लिए योजनाएं हर सरकार बनाती है। लेकिन, योजनाओं को समय सीमा के अंदर लागू कर देना ही सरकार की सफलता होती है। कांग्रेस की सरकारों में भी गरीबों, किसानों और दलितों के लिए दर्जनों योजनाएं बनीं, लेकिन वे कभी पूरी तरह से लागू न हो सकीं। परिणाम यह हुआ कि दशकों से समस्याएं जस की तस हमारे सामने खड़ी रहीं। प्रधानमंत्री मोदी ने सरकारों की इस अक्षमता को ही समाप्त कर दिया है। प्रधानमंत्री मोदी देश के किसी भी अन्य प्रधानमंत्री से इस मामले में पूरी तरह से अलग हैं। उन्होंने हर योजना को समय सीमा में लागू करके, गरीबो, किसानों और दलितों को तेजी से लाभ पहुंचाया है।
आधार को लागू करना
देश के हर नागरिक को एक विशिष्ट संख्या की पहचान देने की योजना पर काम कांग्रेस की सरकार ने शुरू किया था। लेकिन, अपने कार्यकाल में कांग्रेस सरकार इस योजना को पूरा नहीं कर सकी। कांग्रेस की सरकार आधार संख्या को देने की जरूरत और उपयोगिता को जानने के बाद भी लागू करने में आगे-पीछे होती रही। वहीं, प्रधानमंत्री मोदी ने इसकी उपयोगिता को पहले दिन ही समझ कर इसको लागू करने के लिए पूरे तंत्र को लगा दिया। प्रधानमंत्री मोदी की तत्परता और तेजी का परिणाम रहा कि आज देश के 90 प्रतिशत से अधिक नागिरकों के पास आधार नंबर है।
जन धन खातों का खुलवाना
देश के गरीबों, किसानों और दलितों को सरकारी सहायता बिना किसी बिचौलिए के मिले इसके लिए जरूरी था कि सभी का अपना एक बैंक खाता हो, जो आजादी के सात दशकों के बाद भी नहीं हो सकी थीं। प्रधानमंत्री मोदी ने देश की इस सबसे बड़ी चुनौती को भी स्वीकार किया और अपने पहले कार्यकाल के पहले दो साल में ही 32 करोड़ से अधिक जन धन खाते खुलवा दिए। आज देश के हर गरीब के पास अपना बैंक खाता है। सबसे बड़ी बात यह हुई कि सभी बैंक खातों को विशिष्ट पहचान संख्या, आधार से भी जोड़ दिया।
आर्थिक सहायता सीधे खातों में
प्रधानमंत्री मोदी ने आधार संख्या से जुड़े बैंक खातों का उपयोग गरीबों, दलितों और किसानों को सरकारी सहायता देने के लिए किया। आज देश की चार सौ से अधिक योजनाओं से मिलने वाली सहायता सीधे बैंक खाते में दी जा रही है। पेंशन, छात्रवृत्ति, मनरेगा का पैसा, किसानों को बीमा का धन, किसानों को आर्थिक सहायता इत्यादि सीधे बैंक खाते में दी जा रही है। अब तक सरकार ने करीब 90 हजार करोड़ रुपये की राशि सीधे बैंक खातों में डाला है। यह 90 हजार करोड़ रुपया कांग्रेस के राज में बिचौलियों की जेब में जाता था।
हर गांव, हर घर को बिजली
गरीबों और दलितों के विकास के लिए जरूरी है कि उनके गांव और घरों में बिजली पहुंचे। यह काम दशकों से कांग्रेस की सरकारों में लटका हुआ था। प्रधानमंत्री मोदी ने तीन साल के अंदर ही देश के हर गांव में बिजली पहुंचा दी। आज देश का हर गांव रोशन है। अब हर गांव के हर घर को रोशन करने की योजना चल रही है। इसे भी अगले दो साल में पूरा कर लिया जाएगा।
देश के हर घर में शौचालय
देश में आजादी के सात दशकों के बाद भी लोगों को खुले में शौच जाना पड़ता था, जो एक राष्ट्रीय शर्म की बात थी। कांग्रेस की सरकारें कई दशकों के शासन में भी यह काम नहीं कर सकी। वहीं प्रधानमंत्री मोदी ने अपने कार्यकाल 9 करोड़ से अधिक शौचालयों का निर्माण करके ग्रामीण भारत को खुले में शौच से लगभग मुक्त कर दिया है। इसके साथ ही सरकार के सभी स्कूलों में बालिकाओं और बालकों के लिए भी शौचालायों के निर्माण का काम पूरा हो गया। स्कूलों में शौचालयों के न होने से, बालिकाऐं स्कूल जाना छोड़ रही थी जो अब पूरी तरह से रुक गया है। अब एक भी स्कूल ऐसा नहीं है, जहां बेटियों के लिए शौचालय नहीं हों।
देश के गरीबों को एलपीजी
भारत विशाल देश है, जहां करीब पच्चीस करोड़ परिवार रहते हैं। आजादी के सात दशकों के बाद भी इन परिवारों को धुंए में चूल्हे पर खाना बनाना पड़ता था। कांग्रेस की सरकारें बातें तो गरीबों की ही करती थी, लेकिन उनके दुःखों को कम करने कभी भी कोई गंभीर प्रयास नहीं किया। वहीं प्रधानमंत्री मोदी ने अपने कार्यकाल में 6 करोड़ से ज्यादा गरीब परिवारों को एलपीजी कनेक्शन मुफ्त में दिए। आज भी यह योजना तेजी से चल रही है और जल्द ही देश के सभी गरीब परिवार को मुप्त में एलपीजी कनेक्शन मिल जाएगा।
50 करोड़ लोगों को 5 लाख तक का इलाज मुफ्त
प्रधानमंत्री मोदी ने देश में आजादी के सात दशकों के बाद विश्व की सबसे बड़ी स्वास्थ्य योजना को रिकॉर्ड समय में अपने कार्यकाल में लागू किया। इस योजना के बारे में कांग्रेस की सरकारें सोच भी नहीं सकीं, इसे लागू करना तो दूर की बात है। गरीबों और दलितों के दुःखों को कम करने के बारे में हर वक्त सोचने वाले प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने इस योजना के बारे में न केवल सोचा, बल्कि कुछ महीनों के अंदर ही 10 करोड़ परिवारों यानि 50 करोड़ लोगों को यह सुविधा प्रदान कर दी। मात्र दो महीने के अंदर लगभग 10 लाख गरीब लोगों ने इस योजना का फायदा उठाते हुए गंभीर बीमारियों का महंगा इलाज मुफ्त में करवा चुके हैं।
प्रधानमंत्री मोदी ने दर्जनों योजनाओं को एक निश्चित समय सीमा के अंदर लागू करके देश के गरीबों और वंचितों के दुखों को खत्म करने का काम किया है। ऐसा काम इससे पहले देश के किसी भी प्रधानमंत्री ने नहीं किया। ऐसा काम केवल वही व्यक्ति कर सकता है, जो संवेदनशील हो और देश के 130 करोड़ लोगों को अपना मानता हो।