Home समाचार प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने पैर छूकर किया स्वच्छाग्रहियों का सम्मान

प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने पैर छूकर किया स्वच्छाग्रहियों का सम्मान

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चंपारण सत्याग्रह के सौ साल पूरे होने पर प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की पहल पर सत्याग्रह से स्वच्छाग्रह कार्यक्रम का आयोजन किया गया था। इस कार्यक्रम में प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी बतौर मुख्य अतिथि आए। इस मौके पर 10 अप्रैल, 2018 को स्वच्छता के लिए अभियान चलाने वाले कुछ लोगों को मान-सम्मान दिया जा रहा था। इस कार्यक्रम में एक अप्रत्याशित घटना घटी, जिसका साक्षी पूर्वी चंपारण का गांधी मैदान बना। हुआ यूं कि बिहार के नालंदा की स्वच्छाग्रही बेटी रिंकू देवी को जब पीएम सम्मानित कर रहे थे, तब रिंकू पीएम मोदी के पांव छूने के लिए झुकी। लेकिन पीएम मोदी ने रिंकू देवी के पांव छूकर स्वच्छता का वाहक बनने का इनाम देकर गौरवांवित किया। इस पल का जो भी साक्षी बना, पीएम मोदी के इस व्यवहार को देखकर उनके प्रति आदर और बढ़ गया। 

हालांकि यह कोई पहली बार नहीं है कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने मंच से पैर छूकर सम्मानित किया है। आइए देखते हैं, पीएम ने किन-किन को सम्मानित किया –

भीड़ में खड़े भाई का पैर छूए
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जब गुजरात चुनाव के दूसरे चरण 14 दिसंबर, 2017 को साबरमती विधानसभा क्षेत्र के राणिप आए। गाड़ी से उतरने के बाद पीएम मोदी यहां के पोलिंग बूथ संख्‍या 115 में वोट डालने के लिए बढ़ रहे थे। तभी उन्होंने वहां भीड़ में खड़े अपने बड़े भाई सोम मोदी के पैर छुए। उसके बाद वह वोट डालने के लिए काफी देर तक लाइन में खड़े रहे। वहां पर उन्होंने कुछ मतदाताओं से बातचीत की और कई लोगों के अभिवादन को स्‍वीकार किया। 

 

 

प्रधानमंत्री ने बड़े भाई सोम मोदी के पैर छुकर पुरानी और नई दोनों पीढ़ियों को एक सीख दे गए कि व्यक्ति चाहे कितने ही अच्छे और बड़े पद पर हो, जो बड़े-बुजुर्ग हैं, जब भी अवसर मिले, उनसे आशीर्वाद लेते रहना चाहिए।पीएम को जब भी मौका मिलता है, वह मां, बड़े भाई ही नहीं देश के प्रतिष्ठित बड़े लोगों का आशीर्वाद लेने से नहीं चूकते हैं। पीएम हर साल मां हीरा बेन से आशीर्वाद लेना नहीं भूलते।

पीएम अपने जन्मदिन पर लेते हैं मां का आशीर्वाद 
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी हर बार अपने जन्मदिन पर गांधीनगर आते हैं और मां हीराबेन से आशीर्वाद लेते हैं। 17 सितंबर 2015 को जब मां से आशीर्वाद लेने पहुंचे, तब उनकी मां ने उन्हें पांच हजार एक रुपये नकद और गीता की प्रति भेंट की थी। पीएम मोदी ने इस राशि को कश्मीर के बाढ़ पीड़ितों के लिए दान कर दिया था।

बकरी बेचकर शौचालय बनाने वाली वयोवृद्ध कुंवर बाई के छुए पैर 
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी छत्तीसगढ़ के नक्सल प्रभावित जिले राजनंदगांव के कुरुभात गांव में श्यामा प्रसाद मुखर्जी अर्बन मिशन को लॉन्च करने 21 फरवरी, 2016 को आए थे। वहां उन्होंने 105 साल की वयोवृद्ध महिला कुंवर बाई को सम्मानित किया था। उस वक्त प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने मंच पर ही कुंवर बाई के पांव भी छुए थे। कुंवर बाई छत्तीसगढ़ के कोटाभरी गांव की रहने वाली थी। बाई के पास 10 बकरियां थी। उनमें से उन्होंने 8 को बेच दिया था। बकरियां बेचकर जो पैसा आया उससे कुंवर बाई ने घर में ही दो टॉयलेट बनावाए। इसके अलावा वह गांव के लोगों को अपने घर बुलाकर टॉयलेट का महत्व भी समझाती थीं।  

पाकिस्तान गए तो नवाज शरीफ की मां के छुए पैर
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी 28 दिसंबर, 2012 को पाकिस्तान की सरप्राइज विजिट के दौरान लाहौर उतरे। लाहौर के अलामा इकबाल इंटरनेशनल एयरपोर्ट पर पाकिस्‍तान के पीएम नवाज शरीफ खुद स्‍वागत करने के लिए खड़े थे। एयरपोर्ट से हेलिकॉप्‍टर में बैठकर दोनों नेता रायविंड पहुंचे, जहां नवाज शरीफ की पोती के निकाह समारोह चल रहा था। घर पहुंचते ही शरीफ ने पीएम मोदी को अपनी मां से मिलवाया। जैसे ही शरीफ की मां हॉल में आईं, मोदी ने उनके पैर छुए। 

कर्नल निजामुद्दीन के छुए पैर 
वाराणसी की रोहनिया की रैली में 8 मई 2014 को नरेन्द्र मोदी ने जिस शख्स के पैर छूकर आशीर्वाद लिया, वह कर्नल निजामुद्दीन थे। वह सुभाष चंद्र बोस के ड्राइवर और बाडीगार्ड रह चुके थे। 7 फरवरी 2017 को 117 वर्ष की उम्र में उनका निधन हो गया। कर्नल निजामुद्दीन की हिंदी, अंग्रेजी, तमिल, जर्मन, जापानी, बांग्ला समेत ग्यारह भाषाओं पर पकड़ थी। कर्नल अचूक निशानेबाज थे। उन्होंने बताया कि 1945 में जंग के दौरान ब्रिटिश जहाज मार गिराया था। मुबारकपुर आजमगढ़ के ग्राम ढकवां के साकिन कर्नल निजामुद्दीन पांच जून 1969 में सिंगापुर से भारत लौटे थे। 

मां अमृतानंदमयी से आशीर्वाद प्राप्त करते पीएम नरेन्द्र मोदी।

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