प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की अगुवाई में भारत में हर मोर्चे पर काम करने की रफ्तार आगे बढ़ी है। सरकार अब कामकाज में रोड़े अटकाने की बजाये लोगों को सुविधाजनक माहौल दे रही है। इसके नतीजे न केवल देश में, बल्कि अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर भी नजर आ रहे हैं। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने ईज ऑफ डुइंग बिजनेस यानी कारोबार करना आसान बनाने के लिए कई कदम उठाए हैं। इससे हमारा देश दुनियाभर में फिलहाल 77 वें नंबर पर हैं। लेकिन हर काम में परफेक्शन के आदी प्रधानमंत्री मोदी इसे जल्द से जल्द दुनिया के टॉप 50 देशों में लाना चाहते हैं। इसलिए उन्होंने उद्योग जगत के दिग्गजों से मीटिंग कर उनके सुझाव मांगे और अपने अफसरों पर इनमें से हरसंभव सुझावों को लागू करने को कहा। प्रधानमंत्री अर्थव्यवस्था का मौजूदा आकार दोगुना कर 5 हजार अरब डॉलर तक पहुंचाने की कोशिश में लगे हुए हैं।
Had a fruitful interaction with industry representatives on a wide range of issues regarding the economy.
We talked at length about India’s reform trajectory, strides in ‘Ease of Doing Business’ and steps taken for MSME sector. https://t.co/73DFKBt1XB
— Narendra Modi (@narendramodi) November 19, 2018
भारत में कारोबार करना आसान बनाने के लिए उठाए जा रहे कदमों का उद्योग जगत ने स्वागत किया है और इसका श्रेय पीएम मोदी के ‘लगातार और अथक’ प्रयासों को दिया है। इस बैठक में महिंद्रा समूह के चेयरमैन आनंद महिंद्रा, वेदांता रिसोर्सेज के कार्यकारी चेयरमैन अनिल अग्रवाल, भारतीय उद्योग परिसंघ के अध्यक्ष राकेश भारती मित्तल, कोटक महिंद्रा बैंक के सीईओ उदय कोटक, पेटीएम के संस्थापक विजय शेखर शर्मा और एसोचैम के अध्यक्ष बी के गोयनका समेत उद्योग जगत के कई दिग्गज मौजूद रहे।
PM Modi’s progressive reforms have helped India move up the ‘ease of doing business’ index. Some more push in the natural resources sector & encouraging domestic exploration & production will help India break into top 30, bringing more investment, growth & prosperity @PMOIndia
— Anil Agarwal (@AnilAgarwal_Ved) November 19, 2018
वेदांता रिसोर्सेज के कार्यकारी चेयरमैन अनिल अग्रवाल ने ट्वीट में कहा, ‘‘प्रधानमंत्री मोदी के प्रगतिशील सुधारों ने कारोबार सुगमता सूचकांक में भारत को ऊपर ले जाने में मदद की। प्राकृतिक संसाधन क्षेत्र तथा घरेलू क्षेत्र में खोज एवं उत्पादन को प्रोत्साहन देने से भारत इस सूचकांक में शीर्ष 30 देशों में भी पहुंच सकता है। ऐसा करने से देश में अधिक निवेश आकर्षित होगा तथा वृद्धि और समृद्धि आएगी।’’
“I want to congratulate PM @narendramodi 4 taking up all issues in mission mode in last 4 years, has shown tremendous results. says Rakesh Bharti Mittal, @CIIPresident on Modi government has been able to achieve the transformative jump in EODB rankings. pic.twitter.com/Z1iW4qwTRa
— Nation First Pinku (@imPk_Lucknowi) November 20, 2018
भारतीय उद्योग परिसंघ के अध्यक्ष राकेश भारती मित्तल ने अपनी प्रतिक्रिया में कहा कि पिछले चार सालों में मोदी के निरंतर, अथक और सक्रिय नेतृत्व से देश ने प्रगति की है। उनके कारोबार सुगमता रैकिंग में शीर्ष 50 देशों में शामिल होने के लक्ष्य को लेकर उम्मीद जगी है। ‘‘मेरा मानना है कि इनमें से कई चीजें आगे देश की विश्व बैंक की कारोबार सुगमता रैंकिंग में सुधार लाने में काफी सकारात्मक साबित होंगी।
सबका साथ, सबका विकास का मंत्र लेकर चल रहे हैं मोदी
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी को लेकर The Print में शेखर गुप्ता ने एक आलेख लिखा है- As Modi focusses on the poor, India’s rich are powerless & fearful, इसमें ये जताने की कोशिश की गई है कि पीएम मोदी ने अपनी सरकार में सिर्फ गरीबों को तरजीह दी है और व्यापारी वर्ग को छोड़ दिया है। जाहिर है यह ‘अर्धसत्य’ है।
प्रधानमंत्री मोदी ने देश की कमान संभालते ही कहा था कि उनकी सरकार का हर कदम राष्ट्रहित के लिए होगा और उनकी नीति सबका साथ-सबका विकास की होगी।
केंद्र सरकार के 46 महीने पूरे हो चुके हैं और इस दौरान यह साफ दिखा है कि उन्होंने जहां गरीबों के हित का ध्यान रखा है, वहीं व्यापारी वर्ग की तमाम परेशानियों को भी दूर किया है।
23 जनवरी, 2018 को शेयर बाजार ने इतिहास रच दिया। 50 शेयरों के एनएसई सूचकांक निफ्टी ने पहली बार 11000 का आंकड़ा पार किया तो 30 शेयरों का बीएसई सूचकांक सेंसेक्स भी 36,000 का ऐतिहासिक स्तर पार कर गया। रोज रिकॉर्ड तोड़ता शेयर बाजार इस बात का सबूत है कि कॉरपोरेट वर्ल्ड का प्रधानमंत्री मोदी पर पूरा भरोसा है। गौरतलब है कि जब यूपीए सरकार ने सत्ता छोड़ी थी तो शेयर बाजार 25 हजार के स्तर पर था।
आइये हम सिलसिलेवार जानते हैं कि उन्होंने व्यापारी वर्ग के लिए क्या-क्या महत्वपूर्ण कदम उठाए हैं-
- सरकार बनते ही बेहतर कारोबारी माहौल बनाने की पहल की और ‘ईज ऑफ डूइंग बिजनेस’ नीति को बढ़ावा दिया जो देश में कारोबार को गति देने के लिए एक बड़ी पहल है।
- बड़े, छोटे, मझोले और सूक्ष्म सुधारों सहित कुल 7,000 उपाय (सुधार) किए गए। सबसे खास यह है कि केंद्र और राज्य सहकारी संघवाद की संकल्पना को साकार रूप दिया गया है।
- कोयला ब्लॉक और दूरसंचार स्पेक्ट्रम की सफल नीलामी प्रक्रिया अपनाई गई। इस प्रक्रिया से कोयला खदानों (विशेष प्रावधान) अधिनियम, 2015 के तहत 82 कोयला ब्लॉकों का पारदर्शी आवंटन किया गया।
- जीएसटी, बैंक्रप्सी कोड, ऑनलाइन ईएसआइसी और ईपीएफओ पंजीकरण जैसे कदमों कारोबारी माहौल को और भी बेहतर किया है।
- ‘वन नेशन, वन टैक्स’ यानि GST ने सभी के माध्यम से व्यापारियों और उपभोक्ताओं को दर्जनों करों के मकड़जाल से मुक्त कर एक कर के दायरे में लाया गया।
- जीएसटी में आ रही दिक्कतों को दूर करने के लिए सरकार ने लगातार कदम उठाए। जीएसटी दरों में बदलाव किया गया और टैक्स स्लैब की सीमा दो स्तरों तक सीमित की गई।
कॉरपोरेट वर्ल्ड के सहयोग से देश की अर्थव्यवस्था लगातार मजबूत हो रही है। देश की अर्थव्यवस्था अभी 2.5 लाख करोड़ डॉलर की है, लेकिन 2025 तक इसके दोगुने हो जाने के अनुमान हैं। इतना ही नहीं विश्व की सभी रेटिंग एजेंसियों ने अगले वर्ष भारत की अर्थव्यस्था के विकास की गति 8 प्रतिशत रहने का अनुमान लगाया है जो यह साबित करता है कि कॉरपोरेट वर्ल्ड पीएम मोदी की नीतियों से प्रसन्न है।