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किसी प्रधानमंत्री के लिए देखा है इतना प्यार! पीएम मोदी ने पूरी की मन की मुराद

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प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी यूं ही नहीं देश के सवा सौ करोड़ लोगों के दिल पर राज करते हैं। सोमवार 16 जुलाई को पश्चिम बंगाल के मिदनापुर में प्रधानमंत्री मोदी की रैली के दौरान पंडाल का एक हिस्सा गिर गया। पंडाल गिरने के बाद प्रधानमंत्री ने भाषण बीच में ही रोक दिया और अपनी सुरक्षा में तैनात सुरक्षाकर्मी और एसपीजी के जवानों को घायलों की मदद के लिए कहा। पंडाल गिरने से घायल लोगों को नजदीकी अस्पताल में भर्ती कराया गया। प्रधानमंत्री मोदी ने खुद अस्पताल जाकर घायलों से मुलाकात की। इसी दौरान जब प्रधानमंत्री एक घायल लड़की के पास पहुंचे तो ना बोल पाने की हालत में उस लड़की ने इशारों में ऑटोग्राफ मांगा। प्रधानमंत्री मोदी ने इसमें तनिक भी देर नहीं लगाई और उस लड़की की भावनाओं से अभिभूत हो तुरंत ऑटोग्राफ दे दिया।

प्रधानमंत्री मोदी ने अस्पताल में घायलों का हालचाल जाना और ढाढस भी बंधाया। 

एक घायल से मुलाकात के दौरान सिर पर हाथ फेरते हुए पीएम मोदी ने कहा कि बहुत हिम्मत है बेटा तुम्हारे भीतर। तुम तुरंत ठीक हो जाओगे।

यह पहला मामला नहीं है। प्रधानमंत्री मोदी ने हाल ही में अपने एक प्रशंसक की इच्छा फौरन पूरी कर दी। दरअसल, पंचायती राज दिवस के मौके पर मध्य प्रदेश में एक कार्यक्रम के दौरान प्रधानमंत्री मोदी को सोने के रंग वाली एक माला पहनाई गई। ये माला आईआईटी-आईएसएम धनबाद के छात्र राबेश कुमार सिंह को इतनी पसंद आ गई कि उन्होंने सोशल मीडिया पर इसकी मांग कर दी। राबेश ने ट्विटर पर लिखा कि, ‘प्रधानमंत्री जी नमस्ते आप को पंचायती राज दिवस पर सुन रहा था, बहुत ही सुन्दर उद्बोधन। आप के गले में सोने के रंग जैसा माला देखा बहुत ही अच्छा लगा, क्या ये माला मुझे मिल सकता है।’

प्रधानमंत्री मोदी ने अपने इस इंजीनियर प्रशंसक के मन की मुराद पूरी कर अपनी माला तोहफे में दे दी। प्रधानमंत्री ने माला उपहार में देते हुए राबेश को एक पत्र भी लिखा। पीएम मोदी ने इस पत्र में लिखा है कि, ‘श्री राबेश कुमार सिंह जी ट्विटर पर आपका संदेश पढ़ा। आपने लिखा है कि मंडला में पंचायती राज दिवस कार्यक्रम के दौरान कार्यक्रम के दौरान जो माला मुझे पहनाई गई थी वह आपको पसंद आई। पत्र के साथ उपहार स्वरूप यह माला भेज रहा हूं।’ पत्र में उन्होंने राबेश के उज्ज्वल भविष्य की कामना भी की है।

माला मिलने के बाद राबेश की खुशी का ठिकाना नहीं रहा। इंजीनियर राबेश ने उस माला को पहनकर फोटो खिंचवाई और प्रधानमंत्री मोदी के लिखे खत के साथ उसे ट्विटर पर अपलोड किया। राबेश कुमार ने प्रधानमंत्री मोदी का आभार जताते हुए कहा कि, ‘आपका पत्र और माला पाकर मैं सम्मानित महसूस कर रहा हूीं। इस खूबसूरत उपहार और शुभकामना संदेश के लिए आपको बहुत-बहुत धन्यवाद।’

इसके पहले प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने एक लड़की के मांगने पर अपना स्टोल गिफ्ट कर दिया था। प्रधानमंत्री मोदी पिछले साल महाशिवरात्रि के अवसर पर कोयंबटूर में भगवान शिव की 112 फीट ऊंची प्रतिमा का अनावरण करने पहुंचे थे। इस दौरान वे अपने गले में नीले रंग का स्टोल लपेटे हुए थे। पीएम मोदी ने जब ट्विटर पर उद्घाटन समारोह की तस्वीरें ट्वीट की तो दिल्ली की रहने वाली शिल्पी तिवारी ने ट्वीट करके उनका स्‍टॉल मांगा और पीएम ने उनकी चाहत को पूरा कर‍ दिया।

पीएम मोदी ने नीले रंग के स्‍टॉल के साथ ही ट्वीट का प्रिंट आउट अपने दस्‍तखत के साथ शिल्‍पी को भेजा। शिल्‍पी ने महाशिवरात्रि के दिन आदियोगी के कार्यक्रम में मोदी के पहने हुए नीले रंग के स्‍टॉल की तारीफ की थी। उन्‍होंने पीएम को ट्वीट कर लिखा कि मुझे यह स्‍टॉल चाहिए नरेंद्र मोदी।

करीब 21 घंटे में उनके घर एक डिब्‍बा आया जिसमें वह स्‍टॉल था। इसमें पीएम मोदी का साइन किया हुआ शिल्‍पी का ट्वीट भी था। शिल्‍पी ने ट्वीट कर लिखा कि आधुनिक भारत के कर्मयोगी पीएम मोदी, जो रोजाना मीलों का सफर करते हैं लेकिन हम सबकी सुनते हैं, से आदियोगी का आशीर्वाद पाकर बहुत खुश हूं।

प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की सहृदयता का यह कोई पहला उदाहरण नहीं है। डालते हैं एक नजर-

अचेत जवान से पूछा तबीयत का हाल
हाल ही में राष्ट्रपति भवन में सेशल्स के राष्ट्रपति डैनी फार के गॉर्ड ऑफ ऑनर के दौरान भारतीय वायु सेना का एक जवान अचेत हो गया। तेज गर्मी और लगातार तेज धूप में खड़े होने के कारण उस जवान की तबियत बिगड़ गई और वह गिर गया। इसकी सूचना मिलते ही प्रधानमंत्री मोदी ने तुरंत उस जवान से मुलाकात की। प्रधानमंत्री ने उस जवान से मिलकर तबीयत के बारे में जानकारी ली और अपना ध्यान रखने को कहा।

काफिला रुकवाकर पीएम मोदी ने की पुराने दोस्त से मुलाकात
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के गुजरात दौरे पर एक दिलचस्प वाक्या देखने को मिला था। द्वारकाधीश मंदिर से निकलने के बाद प्रधानमंत्री का काफिला अचानक रुक गया। सभी लोग चौंक गए कि आखिर प्रधानमंत्री का काफिला रुका क्यों। कोई कुछ समय पाता इससे पहले प्रधानमंत्री मोदी अपनी गाड़ी से उतरे और सड़क पर किनारे खड़े एक बुजुर्ग व्यक्ति से बात करने लगे। असल में प्रधानमंत्री मोदी की नजर अपने एक पुराने दोस्त हरिभाई पर पड़ी जिसके बाद उन्होंने काफिला रोककर उनसे मुलाकात की। हरिभाई आरएसएस के प्रचारक रह चुके हैं। वह पचास साल से ज्यादा से संघ से जुड़े रहे हैं। श्री नरेंद्र मोदी के साथ भी उनका काफी समय से जुड़ाव रहा है। आरएसएस के लिए काम करते समय ही दोनों एक-दूसरे के करीब आए थे। हाल ही में हरिभाई की पत्नी का देहांत हो गया था। प्रधानमंत्री मोदी को इस बात की जानकारी थी। प्रधानमंत्री ने बड़ी आत्मीयता से मिलकर उनसे अपनी संवेदना व्यक्त की।

पहले भी रुकवा चुके हैं काफिला
प्रधानमंत्री मोदी इसके पहले भी सूरत में काफिला रुकवा चुके हैं। सूरत दौरे के दौरान जब उनका काफिला गुजर रहा था तो एक चार साल की बच्ची सड़क के बीच उनकी गाड़ी के पास आ गई। यह देख प्रधानमंत्री मोदी ने काफिले को रुकवाया और बच्ची से मिले।

चार साल की बच्ची नैंसी प्रधानमंत्री से मिलना चाहती थी। एक जगह प्रधानमंत्री मोदी का काफिला रुका हुआ था कि अचानक बच्ची गाड़ी की तरफ दौड़ पड़ी। काफिले की तरफ बच्ची को दौड़ती देखकर सुरक्षाकर्मी हरकत में आ गए। एक सुरक्षाकर्मी बच्ची को गोद में उठा उसे उसके माता-पिता के पास ले जाने लगा। इसी बीच श्री मोदी की गाड़ी आगे बढ़ गई लेकिन प्रधानमंत्री की नजर उस बच्ची पर पड़ी और उन्होंने फौरन अपनी गाड़ी रुकवाई। प्रधानमंत्री के कहने पर बच्ची उनके पास लाई गई और उस बच्ची की प्रधानमंत्री से मिलने की इच्छा पूरी हो गई। आप भी देखिए वीडियो-

प्रधानमंत्री मोदी ने इसके पहले अपना काफिला रोक एक एंबुलेंस को रास्ता दिया था। प्रधानमंत्री मोदी गुजरात के गांधीनगर में अफ्रीकी विकास बैंक की बैठक से वापस लौट रहे थे। उन्हें एक दूसरे कार्यक्रम में शामिल होना था, लेकिन कार्यक्रम में तय समय से देर हो जाने के बाद भी जब उन्हें पता चला कि उनके काफिले के कारण एक एंबुलेंस रुका हुआ है तो उन्होंने सुरक्षाकर्मियों से अपने काफिले को किनारे करने को कहा और एंबुलेंस को आगे जाने का रास्ता दिया।

प्रधानमंत्री मोदी ने सुनी बीमार के मन की बात, युवक ने जताया आभार
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी हमेशा लोगों के मन की बात को सुनते हैं और मदद करने को तत्पर रहते हैं। पिछले दिनों एक बीमार युवक अंकुर ने बीमारी के बारे में पीएम मोदी को पत्र लिखा। पत्र का संज्ञान लेकर प्रधानमंत्री ने केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय को आवश्यक कदम उठाने को कहा, इसके लिए अंकुर ने प्रधानमंत्री का आभार जताया है। पूर्वी दिल्ली के मंडावली में रहने वाला 28 वर्षीय अंकुर एंकायलूजिंग स्पॉन्डिलाइटिस जैसी गंभीर बीमारी से पीड़ित है। इस बीमारी के कारण मरीज धीरे-धीरे विकलांगता का जीवन जीने को मजबूर हो जाता है। इसका इलाज गिने चुने अस्पतालों में है। बीमा कंपनियां तक इसे मेडिक्लेम में नहीं रखती हैं। इसका इलाज बहुत महंगा है। प्राइवेट अस्पताल में करीब 20 से 30 लाख रुपये का खर्चा आता है। देश में हर वर्ष करीब 20 से 25 हजार युवा इस बीमारी की चपेट में आ रहे हैं। इन्हीं समस्याओं को अंकुर ने प्रधानमंत्री को पत्र लिखा। प्रधानमंत्री मोदी ने पत्र का संज्ञान लिया और केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय भेज दिया और कार्रवाई के लिए मंत्रालय की संयुक्त सचिव गायत्री मिश्रा को जिम्मेदारी दी गई।

पीएमओ की मदद से देहरादून के आशुतोष का हुआ ऑपरेशन
देहरादून के डोईवाला क्षेत्र के दुधली गांव का 11 वर्षीय बालक आशुतोष की तबीयत एक दिन अचानक बिगड़ी। अस्पताल में डॉक्टर ने जांच के बाद बताया कि उसके दिल में छेद है। इसके इलाज के लिए एक लाख से अधिक का खर्च होना है। आशुतोष के पिता मजदूरी करते हैं। उनके लिए यह रकम जुटाना मुश्किल था। एक समाजसेवी की मदद से पीएम मोदी को पत्र लिखा। उसके बाद प्रधानमंत्री कार्यालय से 50 हजार रुपए की मदद मिली। शेष पैसे के लिए आसपास के लोगों ने मदद की। उसके बाद आशुतोष के दिल का ऑपरेशन हुआ। आशुतोष ने अपनी नई जिंदगी के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को धन्यवाद देते हुए कहा है कि उसे अब उम्मीद है कि वह अपने दोस्तों के साथ फिर से खेल सकेगा। 

कैंसर पीड़ित बच्चे अरिजीत व महिला सुनैना को मदद – पश्चिम वर्धमान (पश्चिम बंगाल) के रानीगंज की महिला श्रीमती सुनैना साव कैंसर से पीड़ित हैं। उनके इलाज के लिए प्रधानमंत्री ने एक लाख 70 हजार रुपए की मदद की है। इसी क्षेत्र के बराकर, कुल्टी में दो साल बच्चा अरिजित गोराई कैंसर से पीड़ित है। प्रधानमंत्री मोदी ने इस बच्चे के इलाज के लिए 3 लाख रुपए के ग्रांट को मंजूरी दी। इसकी जानकारी आसनसोल (पश्चिम बंगाल) से सांसद व केंद्रीय राज्यमंत्री बाबुल सुप्रियो ने ट्वीट पर दी।

तीसरी क्लास की खुशी को मिला प्रधानमंत्री का जवाब
हरियाणा में फतेहाबाद जिले के रत्ताटिब्बा गांव की तेजासिंह ढाणी की रहने वाली तीसरी कक्षा की ‘खुशी’ ने अपने गांव की कच्ची सड़क को पक्का करने के लिए देश के प्रधानमंत्री को एक पत्र लिखी। खुशी ने 17 जनवरी को अपनी कॉपी के पन्ने पर पत्र लिखकर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के पास भेज दिया और जब 15 फरवरी को जब खुशी के पत्र का जवाब आया, तो गांव में खुशियां छा गई। मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार 300 की आबादी वाले तेजासिंह ढाणी में आजादी के इतने साल बाद भी कच्ची सड़कें हैं। यहां के बच्चों को स्कूल जाने के लिए तीन किलोमीटर तक पैदल जाना पड़ता है। खुशी की चिट्ठी के बाद पीएमओ ने पीडब्लूडी-बीएंडआर विभाग को सड़क बनाने का आदेश दिया है। पीएमओ के आदेश के बाद अब गांव के लोगों में पक्की सड़कें बनने की उम्मीद जगी है। खुशी की इस उपलब्धि पर उसके दादा छोटू राम भी काफी खुश हैं। उन्होंने कहा कि हमें अपनी इस बेटी पर गर्व है और हमें लगता है कि हमने बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ के नारे को भी सार्थक किया है।

बुलंदशहर की छात्रा दीक्षा के पत्र का जवाब-बुलंदशहर की 11वीं कक्षा की छात्रा दीक्षा ने 10वीं में 81.16 प्रतिशत अंक हासिल कर अपने स्कूल में दूसरा स्थान प्राप्त करने का श्रेय प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के ‘मन की बात’ को दिया, जिसमें उन्होंने कहा था कि परीक्षा को उत्सव की तरह मनाएं। पीएम मोदी की बातों को मानकर तनाव दूर करने के लिए दीक्षा ने संगीत का सहारा लिया। उनकी बातों को अमल में लाकर वह परीक्षा के मानसिक तनाव से उबर सकीं और 10वीं बोर्ड की परीक्षा में सफलता प्राप्त की। दीक्षा ने परीक्षा पास करने के बाद पीएम मोदी को एक पत्र लिखा, जिसके जवाब में प्रधानमंत्री ने उन्हें बधाई देते हुए ‘मन की बात’ सुनने के लिए धन्यवाद दिया। आईपीएस अधिकारी बनने की चाह रखने वाली दीक्षा इससे पहले भी 6 बार प्रधानमंत्री मोदी को पत्र लिख चुकी हैं। हर बार उन्हें प्रधानमंत्री की तरफ से जवाब जरूर मिला है।

दिल्ली के सुरेन्द्र कुमार को मिली मदद-पूर्वी दिल्ली के गीता कॉलोनी थाना के झील खुरंजा में रहने वाले सुरेंद्र कुमार ने प्रधानमंत्री को लिखे पत्र में बेटी के ब्याह के लिए संजोकर रखी संपत्ति चोरी होने की पीड़ा बयां की। भारतीय डाक सेवा से रिटायर डाकिया सुरेंद्र कुमार ने पत्र में लिखा कि उन्होंने बेटी की शादी के लिए जिंदगीभर की कमाई से बचाकर कुछ गहने खरीदे थे। 23 अगस्त 2016 को पत्‍‌नी की असमय मौत हो गई, इसलिए बेटी का हाथ पीला नहीं कर सके। वह पत्‍‌नी की मौत के सदमे से उबर भी नहीं पाए थे कि 9 अगस्त 2017 को चोरों ने पूरा घर साफ कर दिया। वह थाने के चक्कर लगाते रहे, लेकिन पुलिस ने मामला तक दर्ज नहीं किया। अब प्रधानमंत्री को पत्र लिखने के बाद एफआईआर दर्ज की गई, उसकी समस्या का समाधान किया गया।

पटियाला की बच्ची सनौर के पत्र पर कार्रवाई– पंजाब में पटियाला के सनौर की रहने वाली हश्मिता अपने परिवार के साथ नई दिल्ली में महात्मा गांधी की समाधि पर गई थी। समाधि से पहले जूते रखने के लिए काउंटर बने हुए हैं। यहां जूते रखने के लिए एक रुपये का शुल्क लिया जाता है। यहां हश्मिता ने देखा कि काउंटर पर तैनात कर्मचारी विदेशी पर्यटकों से एक सौ रुपये तक वसूल रहे हैं। 13 साल की हश्मिता को यह बात अच्छी नहीं लगी। इस बारे में उसने अपने माता-पिता से भी बात की। हश्मिता को लगा कि इससे विदेशियों के सामने देश की छवि खराब होगी। घर लौटने के बाद हश्मिता ने इस बारे में प्रधानमंत्री को एक चिट्ठी लिखकर शिकायत की। उसके पास पीएम मोदी का पूरा पता नहीं था, इसीलिए चिट्ठी पर सिर्फ प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, नई दिल्ली लिखा। इतना भर लिखने पर भी पत्र प्रधानमंत्री कार्यालय पहुंच गया और इसपर तुरंत कार्रवाई की गई। हश्मिता की शिकायत के बाद राजघाट पर तैनात सभी स्टाफ को बदल दिया गया। इसके साथ ही सीसीटीवी कैमरे भी लगा दिए गए।

अनाथ बच्चों के पत्र पर की मदद -नोटबंदी के दौरान पुराने नोट बदलने की समयसीमा खत्म होने के बाद कोटा के दो अनाथ बच्चों सूरज और सलोनी बंजारा को अपने घर से 96,500 रुपये के पुराने नोट मिले थे। हिंदु्स्तान टाइम्स अखबार की खबर के मुताबिक समय सीमा खत्म हो जाने के कारण रिजर्व बैंक ने इन नोटों को बदलने से इनकार कर दिया। इसके बाद अनाथ आश्रम मधु स्मृति संस्थान के संचालकों ने पीएमओ को पत्र लिखकर इन बच्चों की परेशानी बताई। इन बच्चों की खुशियों का तब कोई ठिकाना ना रहा जब पीएमओ की ओर से एक चिट्ठी मधु स्मृति संस्थान पहुंची। इस चिट्ठी में पीएम मोदी ने बच्चों को तोहफे के रूप में प्रधानमंत्री विवेकाधीन कोष से 50 हजार की आर्थिक सहायता देने की घोषणा की । इसके साथ ही पीएम सुरक्षा बीमा योजना और प्रधानमंत्री जीवन ज्योति बीमा योजना के तहत दोनों बच्चों का बीमा भी किया गया। सूरज और सलोनी की मां पूजा बंजारा दिहाड़ी मजदूर थी। साल 2013 में उसकी हत्या के बाद अनाथ हुए सूरज और सलोनी कोटा में मधु स्मृति संस्थान में रह रहे हैं। जहां काउंसलिंग के दौरान दोनों ने अपने पुश्तैनी घर की जानकारी दी। बाल कल्याण समिति के निर्देश पर पुलिस की तलाशी में बच्चों के पुश्तैनी घर से 96 हजार 500 रुपए मिले थे।

कैंसर मरीज को आर्थिक मदद– हिमाचल प्रदेश के अवतार सिंह को मुंह का कैंसर है। कैंसर के कारण 38 साल के अवतार की पिछले वर्ष नौकरी भी चली गई थी। इलाज के लिए डॉक्टर ने उससे तीन लाख रुपये की व्यवस्था करने को कहा था। तीन लाख रुपये के नाम पर उसे लग रहा था वह अब और नहीं जी पाएगा। इस बारे में हिमाचल प्रदेश के कांगड़ा के एक बीजेपी नेता ने स्थानीय सांसद शांता कुमार से बात की। शांता कुमार ने प्रधानमंत्री मोदी को पत्र लिखकर पूरे मामले की जानकारी दी। 31 मार्च को लिखे इस पत्र में उन्होंने प्रधानमंत्री से आर्थिक मदद का अनुरोध किया। प्रधानमंत्री ने उनके इस अनुरोध को स्वीकार कर तीन लाख रुपये की आर्थिक मदद को मंजूरी दे दी।

मां के मोबाइल से मिले संदेश पर बेटे का इलाज– ऋषिकेश के सर्वहारानगर काले की ढाल की निवासी संतोष रस्तोगी अपने 20 साल के बेटे विशाल के इलाज के लिए कई जगह गुहार लगा चुकी थी। एमएलए, एमपी सहित मुख्यमंत्री के दरबार में भी हाजिरी लगा चुकी थी, लेकिन कुछ नहीं हुआ। हर जगह से निराशा ही हाथ लगी। थक-हारकर संतोष रस्तोगी ने अपने एक रिश्तेदार के मोबाइल फोन से प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को अपनी फरियाद भेजी। प्रधानमंत्री कार्यालय ने इसपर तुरंत संज्ञान लेते हुए कार्रवाई के निर्देश दिए। प्रधानमंत्री कार्यालय ने ऋषिकेश के एसडीएम को फोन करके महिला संतोष रस्तोगी का पता लगाने और मदद करने को कहा गया। पीएमओ ने एसडीएम को तुरंत महिला के बेटे के इलाज की व्यवस्था कराने को कहा।संतोष ठेला लगाकर अपने परिवार का पालन-पोषण करती है।

रामशंकर के पत्र का जवाब-दिल्ली से सटे गुरुग्राम में रहने वाले बिहार के रामशंकर यादव को दिल्ली से बिहार के मधुबनी जाना था। रेल टिकट के लिए गुरुग्राम से दिल्ली जाते वक्त मेट्रो रेल में रामशंकर ठगी के शिकार बन गए। दिल्ली मेट्रो में बातचीत के दौरान तीन लोगों ने कन्फर्म रेल टिकट दिलाने के नाम पर उससे 2,200 रुपये छीन लिए और डेबिट कार्ड से 6,000 रुपये निकाल लिए गए। इसके साथ ही रामशंकर से बैग भी छीन लिया गया जिसमें उसके ओरिजल सर्टिफिकेट थे। 21 साल के रामशंकर यादव धोखाधड़ी के इस मामले में केस दर्ज करना चाहते थे। गुरुग्राम के एक और दिल्ली के तीन पुलिस स्टेशन से उसे लौटा दिया गया। थक हारकर उसने पीएमओ को पत्र लिखा। जिसके बाद गुरुग्राम मेट्रो पुलिस स्टेशन से रामशंकर के पास फोन आया कि आप आकर शिकायत दर्ज करा दीजिए। पीएमओ के दखल के बाद गुरुग्राम मेट्रो पुलिस स्टेशन ने धारा 406 और 420 के तहत मामला दर्ज कर किया, और उसकी समस्या का समाधान किया।

आठ साल की बच्ची के लिए बने मसीहा-असम की आठ साल की बच्ची की हालत काफी गंभीर थी। वह लाइफ सपोर्ट सिस्टम पर थी और उसे इलाज के लिए जल्द से जल्द दिल्ली के सर गंगाराम अस्पताल में शिफ्ट करना था। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी उस समय वाराणसी में थे। बच्ची के परिजन ने मदद के लिए दिल्ली पुलिस और प्रधानमंत्री को ट्वीट किया। ट्वीटर पर इस बारे में जानकारी मिलने पर उन्होंने तुरंत प्रधानमंत्री कार्यालय (पीएमओ) से ट्रैफिक फ्री पैसेज देने का आदेश दिया। इसके बाद पीएमओ ने दिल्ली पुलिस के साथ मिलकर बच्ची के एंबुलेंस के लिए फ्री पैसेज तैयार कर लिया। जिससे बच्ची समय से पहले अस्पताल पहुंच सकी। 13 किलोमीटर का रास्ता सिर्फ 14 मिनट में तय कर बच्ची को अस्पताल में भर्ती करा लिया गया। बताया जा रहा है कि बच्ची को जिस वेंटिलेटर के साथ दिल्ली लाया गया था, अस्पताल पहुंचते वक्त उस बैटरी की क्षमता सिर्फ सात मिनट बची थी। साफ है थोड़ा समय और लगता तो बच्ची की जान को खतरा हो सकता था।

पार्थ के पिता के पत्र का जवाब-डीजेनरेटिव ब्रेन नामक बीमारी से पीड़ित 12 साल के पार्थ के पिता अपने बच्चे की इलाज में अपनी पूरी जमा-पूंजी खर्च चुके थे, लेकिन फिर भी पार्थ को सही इलाज नहीं मिल पा रहा था। ऐसे में हर जगह हार मान चुके पार्थ के पिता को एक ही उपाय नजर आया और उन्होंने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को पत्र लिखा। पीएम मोदी ने पत्र पढ़कर तुरंत स्वास्थ्य मंत्री को पार्थ के इलाज की उचित व्यवस्था कराने को कहा।

तैयबा का हुआ इलाज – आगरा की तैयबा का परिवार तो निराश हो चला था। महज 12 साल की उम्र में तैयबा के दिल का एक वॉल्व खराब हो गया। इलाज बेहद खर्चीला था। ऐसे में तैयबा ने पीएम को चिट्ठी लिखी और नतीजा दुनिया के सामने है। तैयबा ने प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी को लिखी चिट्ठी में कहा कि वह जन्म से ही दिल की बीमारी से पीड़ित है और उसके मजदूर पिता के पास 15 से 20 लाख रुपये नहीं कि इलाज करा सकें। तैयबा की खुशी का ठिकाना नहीं रहा जब उन्हें पीएमओ से जवाबी चिट्ठी मिली। उसी खत में दिल्ली सरकार को निर्देश भी दिया गया था कि खर्च की परवाह किए बिना तैयबा का उचित इलाज करवाया जाए। दिल्ली सरकार ने भी इस पत्र पर कार्रवाई करते हुए गुरु तेग बहादुर अस्पताल को तैयबा के इलाज का निर्देश दिया और इलाज शुरू हो गया।

रोहित की मात्र खबर पर जवाब– ऐसे समय में जब 14 साल के रोहित के परिवार को मदद की सख्त जरूरत थी, प्रधानमंत्री ने महज एक खबर का संज्ञान लेकर उन्हें ये मदद पहुंचाई। हिंदुस्तान टाइम्स अखबार में खबर आने पर प्रधानमंत्री कार्यालय (पीएमओ) ने एम्स में रोहित का इलाज कर रहे डॉक्टर से बात की। जिसके तुरंत बाद 13 फरवरी को रोहित के इलाज और पोर्टेबल वेंटिलेटर खरीदने के लिए प्रधानमंत्री राहत कोष से दो लाख रुपए जारी कर दिए गए। प्रधानमंत्री से मदद पाकर रोहित का परिवार बेहद खुश है।

डोरिस फ्रांसिस की मदद की– दिल्ली से सटे गाजियाबाद जिले की डोरिस फ्रांसिस को प्रधानमंत्री कार्यालय से तीन लाख रुपये की मदद मिली। सामाजिक कार्यकर्ता डोरिस लंबे समय से नेशनल हाइवे 24 पर ट्रैफिक संभालती हैं। वह जहां ट्रैफिक संभालती हैं, वहीं उनकी 17 साल की बेटी का सड़क हादसे में निधन हो गया था। वह इन दिनों कैंसर से जूझ रहीं हैं।

वाराणसी की कैंसर पीड़िता से मुलाकात– प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से एक महिला ने अपनी बेटी का इलाज कराने की गुहार लगाई। इस महिला की बेटी की दोनों किडनियां भी खराब हैं। प्रधानमंत्री ने पीड़िता को वाराणसी के रविंद्रपुरी स्थित दफ्तर में मुलाकात की। यह दफ्तर उनके संसदीय क्षेत्र के लोगों की समस्याएं इकट्ठा करने के लिए ही बनाया गया था। पीएम मोदी से मिलकर आईं कल्याणी मिश्रा ने बताया कि उन्होंने प्रधानमंत्री से अपनी बेटी का इलाज कराने की गुहार लगाई। प्रधानमंत्री ने तुरंत ही प्रधानमंत्री कार्यालय (पीएमओ) के अधिकारियों का नंबर लगाया और उन्हें कहा कि मुझे पहली प्राथमिकता देते हुए मेरी सहायता की जाए।

छह साल की वैशाली की हार्ट सर्जरी– मोदी सरकार की तत्परता का अनुभव पुणे की सात साल की वैशाली यादव नाम की छोटी बच्ची ने लिया। वह पुणे में हडपसर के पास भेकराई नगर में रहती है। पहली कक्षा में पढ़ने वाली वैशाली के दिल में छेद होने की वजह से वो हमेशा बीमार रहती थी। डॉक्टरों ने सर्जरी अनिवार्य बताई थी। बच्ची के चाचा मजदूरी करते हैं। बहादुर बेटी ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को खत लिखकर अपने मन की बात बताई। खत मिलने पर पीएमओ ऑफिस से पुणे के कलेक्टर को वैशाली की मदद करने कहा गया और पुणे के रुबी हॉल क्लीनिक में वैशाली की ओपन हार्ट सर्जरी भी पूरी हो गई। वो अपने घर पर सुरक्षित है। वैशाली के घरवालों के लिए यही अच्छे दिन है।

ट्वीट के संदेश का दिया जवाब-कर्नाटक में कोप्पल गांव के एक किसान विजय कुमार यातनल्ली ने एक ट्वीट कर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से मदद मांगी और उनकी समस्या सुलझ गई। किसान विजय के खेत में खड़ा बिजली का खंभा बारिश के कारण झुक गया था। खंभा झुक जाने के कारण विजय को खेत में हल चलाने में और पटवन में काफी परेशानी होती थी। विजय ने इस बारे में गुलबर्ग इलेक्ट्रिसिटी सप्लाई कंपनी (GESCOM) से कई बार शिकायत की, लेकिन परेशानी का कोई हल नहीं निकाला गया। परेशान होकर विजय ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को ट्वीट कर दिया। प्रधानमंत्री को ट्वीट किए जाने के बाद 24 घंटे के भीतर बिजली खंभे को खेत से हटा दिया गया।

गांव के शिकायती पत्र का जवाब दिया– पीएमओ की पहल पर ही उत्तर प्रदेश के एटा के भिड़इया गांव में 11 साल बाद नए सिरे से विद्युतीकरण का काम शुरू करवाया गया। एक छात्रा ने पीएमओ की वेबसाइट पर शिकायत कर ये जानकारी दी थी कि 2005 में आंधी में तार टूटने के बाद प्रशासन और शासन में से कोई भी गांव में बिजली बहाली की सुध नहीं ले रहा। पीएमओ के संज्ञान लेते ही विद्युत विभाग के अफसरों की नींद खुली और 15 दिन के अंदर बजट आवंटित होने के साथ गांव में दोबारा बिजली बहाल करवाई गई।

वाराणसी के जितेंद्र साहू के पत्र का जवाब -वाराणसी में सारनाथ के सारंग तालाब निवासी जितेंद्र साहू को बेटी की शादी के लिए पीएमओ की पहल पर पिछड़ा वर्ग कल्याण विभाग से 50 हजार रुपये का चेक दिलवाया गया। बेटी की शादी के निमंत्रण कार्ड के साथ जितेंद्र ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को आर्थिक मदद के लिए एक पत्र लिखा था, जिसके बाद पीएमओ ने जिलाधिकारी को खत लिखकर मदद मुहैया कराने का निर्देश दिया था।

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