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भारत-बांग्लादेश मैत्री पाइप लाइन आपसी सहयोग के महाकाव्य का नया अध्याय – प्रधानमंत्री मोदी

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प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी और बंगलादेश की प्रधानमंत्री शेख हसीना ने वीडियो कांफ्रेस के जरिये भारत-बंगलादेश मैत्री पाइपलाइन परियोजना का संयुक्त रूप से शुभारंभ किया। इसी के साथ आज भारत और बांग्लादेश की मैत्री में एक अध्याय जुड़ गया। एक सौ तीस किलोमीटर की एक पेट्रोलियम प्रोजेक्ट की पाइपलाइन पश्चिम-उत्तर बंगला और भारत की पूर्वोत्तर हिस्सा में सीधी-सीधी पाइपलाइन जुड़ना दोनों देशों की द्विपक्षीय संबंधों में एक नई मिसाल खड़ी करेगी।

प्रधानमंत्री मोदी ने इस मौके पर कहा कि कुछ ही दिनों के अंतराल में दूसरी वीडियो कान्फ्रेंस है और 10 दिनों के भीतर ही 5 परियोजनाओं का लोकार्पण एक बड़ी उपलब्धि है। पीएम मोदी ने बांग्लादेश की पीएम शेख हसीना से वीडियो कान्फ्रेंस के माध्यम से कहा कि भौगोलिक रूप से हम पड़ोसी देश हैं, लेकिन भावनात्मक रूप से हम परिवार हैं। उन्होंने कहा एक दूसरे के सुख दुख में साथ देना, एक दूसरे के विकास में हाथ बंटाना ये हमारे पारिवारिक मूल्यों की देन हैं।

पीएम मोदी ने कहा कि पिछले कुछ वर्षों में हमने दुनिया को दिखाया है कि यदि कोई पड़ोसी देश ठान लें तो क्या कुछ नहीं किया जा सकता है। उन्होंने कहा, ‘’चाहे दशकों पुराने सीमा विवाद हो या फिर विकास के प्रोजेक्ट, हमने सभी विषयों पर प्रगति की है।‘’ इसके लिए उन्होंने शेख हसीना का शुक्रिया अदा किया।

प्रधानमंत्री ने कहा कि आज जिस भारत-बांग्लादेश मैत्री पाइप लाइन पर काम शुरू हुआ है वह विकास के लिए आपसी सहयोग के महाकाव्य में एक नया अध्याय जोड़ेगी।

पीएम मोदी ने कहा कि किसी भी देश के विकास के लिए ऊर्जा एक आधारभूत आवश्यकता है और यह पाइप लाइन बांग्लादेश के महत्वाकांक्षी विकास लक्ष्यों की प्राप्ति के लिए संबल बनेगी। यह पाइप लाइन बांग्लादेश की अर्थव्यस्था को ऊर्जावान बनाएगी।

उन्होंने कहा कि आज जिस रेलवे प्रोजेक्ट पर काम शुरू किया है वह न सिर्फ जन सामान्य को सविधा पहुंचेगी बल्कि रेवेन्यू भी जेनरेट होगा। पीएम मोदी ने कहा कि हमारे बीच 1965 से पहले की कनेक्टिविटी बहाल हो।

गौरतलब है कि इसी वर्ष अप्रैल में विदेश सचिव विजय गोखले की ढाका यात्रा के दौरान पैट्रोलियम पाइपलाइन निर्माण का यह समझौता हुआ था। एक सौ तीस किलोमीटर लम्बी यह पाइपलाइन भारत में पश्चिम बंगाल के सिलीगुड़ी और बांग्लादेश में दिनाजपुर जिले के पार्बतीपुर को जोड़ेगी। इस परियोजना की अनुमानित लागत तीन सौ 46 करोड़ रुपये होगी और इसे तीस महीने में पूरा करने का लक्ष्य रखा गया है। इसकी क्षमता सालाना दस लाख मीट्रिक टन होगी। पाइपलाइन परियोजना का छह किलोमीटर हिस्सा भारत में होगा जबकि एक सौ चौबीस किलोमीटर पाइपलाइन बांग्लादेश में होगी।

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