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अगले दो-तीन वर्षों में 400 से अधिक जिलों में सिटी गैस डिस्ट्रीब्यूशन नेटवर्क स्थापित हो जाएगा : प्रधानमंत्री मोदी

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प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने गुरुवार को शहरी गैस वितरण परियोजना (सीजीडी) की आधारशिला रखी। यह अब तक की सबसे बड़ी गैस परियोजना है। इस परियोजना के अंतर्गत 129 जिलों को शामिल किया गया है। इस परियोजना से भारत के 35 फीसदी भौगोलिक क्षेत्र में बसी हुई लगभग 50 प्रतिशत जनसंख्या ईंधन के तौर पर सीएनजी और पीएनजी का इस्तेमाल कर सकेगी। दिल्ली के विज्ञान भवन में आयोजित कार्यक्रम में प्रधानमंत्री ने 14 राज्यों के 124 जिलों में फैले हुए 50 भौगोलिक क्षेत्रों में सीजीडी से जुड़ी बोलियों के 10वें दौर का भी शुभांरभ किया। बोली की प्रक्रिया खत्म होते ही फरवरी के पहले हफ्ते के आसपास इन सभी शहरों में घरेलू और वाणिज्यिक उपयोग के लिए गैस की आपूर्ति शुरू हो जाएगी।

ऊर्जा के क्षेत्र में महत्वपूर्ण दिन
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने पूरे देश को गैस कनेक्टिविटी से जोड़ने और ऊर्जा के क्षेत्र में आज के दिन को महत्वपूर्ण बताया। उन्होंने कहा कि भारत के भविष्य के लिए बड़े संकल्प लेकर किस तरह काम किया जा रहा है, इस बात के हम सभी गवाह बने हैं। उन्होंने कहा, “यह नेक्स्ट जेनेरेशन इंफ्रास्ट्रक्चर की दिशा में एक बड़ा कदम है। यह योजना 129 जिलों में शुरू होगी, इसके अलावा दसवीं बिडिंग की प्रक्रिया भी शुरू हो जाएगी। यह क्षण बहुत ही महत्वपूर्ण है, क्योंकि इस कार्य का परिणाम बहुत व्यापक और वृहत होगा। दसवीं बिडिंग का काम पूरा होने तक देश के 400 से ज्यादा जिले शहरी गैस वितरण के दायरे में आ जाएंगे। देश की करीब 70 फीसदी आबादी को गैस कनेक्टिविटी की सुविधा देने का मार्ग खुल जाएगा। देश के लोगों के जीवन को आसान बनाने के लिए यह बड़ी उपलब्धि होगी।”

प्रधानमंत्री ने ऊर्जा के क्षेत्र में अपनी सरकार की उपलब्धियों को रेखांकित करते हुए कहा कि वर्ष 2014 तक सिर्फ 66 जिले ही सिटी नेटवर्क के दायरे में थे, जबकि उसके बाद के चार वर्षों में 174 जिलों में सिटी गैस का काम चल रहा है। अगले दो-तीन वर्षों में 400 से ज्यादा जिलों में यह काम संपन्न हो जाएगा। हमारे शहरों ने भी बीते चार साल में गैस की ओर बड़ा कदम बढ़ाया है। साल 2014 में देश में 947 सीएनजी स्टेशन थे। आज से करीब 25 साल पहले देश के तीन शहरों- दिल्ली, मुंबई और सूरत में गैस स्टेशन स्थापित हो चुके थे। तब से 2014 तक इनकी संख्या 947 तक ही पहुंची थी। जबकि अब इसकी संख्या बढ़कर 1470 से ज्यादा हो चुकी है। अनुमान है कि आने वाले दशक के अंत तक सीएनजी स्टेशन की संख्या 10000 के पार पहुंच जाएगी।

‘रिफॉर्म, परफॉर्म और ट्रांसफॉर्म’ का उदाहरण
प्रधानमंत्री ने कहा कि सिटी गैस डिस्ट्रिब्यूशन नेटवर्क के विकास में देश पहले की अपेक्षा आज कई गुना तेजी से आगे बढ़ सकता है। हमने व्यापार में आने वाली रुकावटों के साथ हर चुनौती को एक-एक कर दूर करने का प्रयास किया। यह सेक्टर ‘रिफॉर्म, परफॉर्म और ट्रांसफॉर्म’ का बेहतरीन उदाहरण है। सरकार ने जो पिछले चार सालों में जो कदम उठाए, जो सुधार किए उसने इस क्षेत्र के विकास में बड़ी भूमिका निभाई।

क्लीन एनर्जी से क्लीन एनवायरनमेंट
प्रधानमंत्री ने ऊर्जा और पर्यावरण के संबंध को सामने रखते हुए कहा कि देश में बढ़ रही आर्थिक गतिविधियों की वजह से देश में ऊर्जा की मांग भी काफी बढ़ गई है। लेकिन, ऊर्जा की बढ़ती मांग को पूरा करते हुए हमें पर्यावरण का भी ध्यान रखना है, हमें दुनिया को यह भी दिखाना है कि पर्यावरण को बिना ज्यादा नुकसान पहुंचाए भी विकास हो सकता है। ऐसे में, अपनी ऊर्जा जरूरतों के लिए ज्यादा से ज्यादा प्राकृतिक गैस का इस्तेमाल बहुत जरूरी है। हमारा प्रयास है कि अगले दशक के अंत तक प्राकृतिक गैस की खपत को ढाई गुना तक बढ़ा दिया जाए। सरकार ‘गैस बेस्ड इकोनॉमी’ के सभी आयामों पर ध्यान दे रही है। गैस इंफ्रास्ट्रक्चर को मजबूत करने के लिए एलएनजी टर्मिनल की संख्या बढ़ाने, राष्ट्रव्यापी गैस ग्रिड और सिटी वाइज गैस डिस्ट्रीब्यूशन पर एक साथ काम किया जा रहा है। इस सिलसिले में पुराने टर्मिनल के आधुनिकीकरण के साथ नए टर्मिनल भी बनाए जा रहे हैं। 10,000 करोड़ रुपये की लागत राशि से तमिलनाडु के एन्नोर और ओडीशा के धामरा में नए एलएनजी टर्मिनल का काम आखिरी चरण में है। देश के ज्यादा से ज्यादा जिलों तक नेचुरल गैस पहुंचाने के लिए नेशनल गैस ग्रिड का इको सिस्टम विकसित किया जा रहा है। इसके तहत जगदीशपुर, हल्दिया और बोकारो धामरा पाइप लाइन प्रोजेक्ट पर काम किया जा रहा है।

पूर्वोत्तर तक योजनाओं का जाल
देश के पूर्वी-उत्तर क्षेत्रों के विकास की चर्चा करते हुए पीएम मोदी ने कहा कि पूर्वोत्तर को इस योजना से जोड़ने के लिए इसका विस्तार बरौनी से गुवाहाटी तक किया जा रहा है। इन परियोजनाओं पर करीब 13,000 करोड़ रुपये खर्च किए जा रहे हैं। इसकी वजह से गोरखपुर, बरौनी और सिंदरी के खाद कारखानों को जीवनदान मिलेगा। सिक्किम समेत पूर्वोत्तर के राज्यों को इस ग्रिड से जोड़ने के लिए 9,200 करोड़ रुपये की लागत से ‘इंद्रधनुष गैस ग्रिड लिमिटेड’ नाम से एक संयुक्त प्रोजेक्ट शुरू किया जा रहा है।

ऊर्जा क्षेत्र में पारदर्शिता का रखा जाएगा खयाल
ऊर्जा-क्षेत्र के निवेशकों के हितों की रक्षा करने की बात करते हुए पीएम मोदी ने कहा कि घरेलू गैस की कीमतों को ग्लोबल मार्केट से जोड़ने का काम पहले ही किया जा चुका है। घरेलू स्तर पर गैस का उत्पादन बढ़ाने के लिए कंपनियों को बाजार और कीमत संबंधी आजादी दे दी गई है। फ्री गैस मार्केट और इस सेक्टर में पारदर्शिता बनाए रखने के लिए गैस ट्रेडिंग एक्सचेंज को विकसित करने पर भी काम किया जा रहा है।

तीन लाख लोगों को मिलेगा रोजगार
प्रधानमंत्री ने इन योजनाओं से एक नए प्रकार के इको सिस्टम के निर्माण और रोजगार की संभावनाओं को बल मिलने की बात कही। उन्होंने कहा कि नवीं बिडिंग से करीब तीन लाखों लोगों को रोजगार मिलेगा।

2014 में सरकार ही नहीं कार्य संस्कृति भी बदली
पीएम मोदी ने कहा कि साल 2014 में देश के लोगों ने सिर्फ सरकार ही नहीं बदली, बल्कि सरकार की कार्य शैली, कार्य संस्कृति और योजनाओं को लागू करने का तरीका भी बदल दिया। चार साल में गैस के 12 करोड़ घरेलू कनेक्शन दिए गए। जबकि, पहले के 60 वर्षों में तेरह करोड़ घरेलू कनेक्शन ही दिए गए थे। घरेलू गैस कनेक्शन का दायरा 2014 तक 55 प्रतिशत था, जो अब बढ़कर 90 प्रतिशत हो गया है। उज्ज्वला योजना के तहत करीब 6 करोड़ परिवारों को कनेक्शन दिया जा चुका है। प्रधानमंत्री मोदी ने ऊर्जा के क्षेत्र में हुए विकास को सामाजिक, आर्थिक और पर्यावरण के स्तर पर देश में बड़ा बदलाव लाने वाला कदम करार दिया।

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