प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी आसियान-भारत और पूर्वी एशिया शिखर सम्मेलन में भाग लेने के लिए तीन दिन की यात्रा पर मनीला पहुंचे। 36 साल बाद किसी भारतीय प्रधानमंत्री का ये पहला दौरा है। प्रधानमंत्री मोदी ने आज आज ही अमेरिकी राष्ट्रपति डॉनल्ड ट्रंप, जापान के प्रधानमंत्री शिंजो आबे और रूस के प्रधानमंत्री दिमित्री मेदवेदेव के साथ मुलाकात की। इस बीच महत्वपूर्ण यह कि भारत, ऑस्ट्रेलिया, जापान और अमेरिका की अलग से एक बैठक हुई है, जो आने वाले वक्त की राजनीति के लिए अहम मानी जा रही है।
Another one pic of Shri @narendramodi ji with other legends@RitiPathakSi @pragya_bhushan https://t.co/E549LCH0Xl
— Kenny Tulsiani (@KennyTulsiani1) November 12, 2017
चार देशों ने बनाया नया ‘फ्रंट’
भारत-प्रशांत क्षेत्र में सहयोग और उसके भविष्य की स्थिति पर भारत, ऑस्ट्रेलिया, जापान और अमेरिका एकसाथ आए हैं। चारों देशों ने रविवार (12 नवंबर) को मनीला में पहली बार चतुष्कोणीय वार्ता की। दरअसल चीन की बढ़ती सैन्य और आर्थिक ताकत के बीच इन देशों ने माना है कि स्वतंत्र, खुला, खुशहाल और समावेशी इंडो-पसिफिक क्षेत्र से दीर्घकालिक वैश्विक हित जुड़े हैं।
Its time to lead! PM @narendramodi‘s strategic vision had 4 key elements. 1st, to safeguard India’s mainland. 2nd, to deepen economic and security cooperation. 3rd, envisage collective action and cooperation to advance peace and, 4th, to seek a more integrated future. pic.twitter.com/cKpKfuFqNW
— Vivek Bansal (@ivivekbansal) November 12, 2017
चीन को जवाब है चार देशों का मोर्चा
दरअसल चीन अपने महत्वाकांक्षी प्रॉजेक्ट वन वेल्ट वन रोड (OBOR) के जरिए पूरी दुनिया में दबदबा बढ़ाना चाहता है। दक्षिण चीन सागर के इलाके में उसका कई पड़ोसी देशों से विवाद है। हिंद महासागर के क्षेत्र में भी वह अपना प्रभाव बढ़ाने की जुगत में लगा है। ऐसे में यह नया ‘मोर्चा’ काफी महत्व रखता है। इस बीच प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी और अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के बीच अलग से मुलाकात हुई।
Wow! This is our Hon Prime Minister @narendramodi ?. pic.twitter.com/QedAwpXJG1
— Kailash Wagh ?? (@kailashwg) November 12, 2017
Ha..Ha.. FYI @OfficeOfRG >>> @realDonaldTrump trump giving hug to @narendramodi ?#ASEANSummit #Manila https://t.co/7LxH47PDPy
— #Intolerant भारतीय (@goyalsanjeev) November 12, 2017
See this picture, says you a lot… https://t.co/OJxJEVW2uX
— Surya (@KEYESEN2000) November 12, 2017
Dosti pakki- Aik hi jaisey kapdey dono ne lagaye he! https://t.co/E2p3yscwIs
— zaffar iqbal (@szaffariqbal) November 12, 2017
आतंकवाद पर भी चार देशों में मंथन
गौरतलब है कि इस नये मोर्चे के चारो देश लोकतांत्रिक हैं और इनके बीच एक साथ होने वाली यह पहली चतुष्कोणीय बैठक थी। इसमें आतंकवाद से निपटने के लिए सहयोग बढ़ाने पर भी चर्चा की गई। इस दौरान इंडो-पसिफिक क्षेत्र में पारस्परिक हित के कई मसलों पर चर्चा की गई। ‘इंटरकनेक्टेड क्षेत्र में शांति, स्थिरता और खुशहाली को बढ़ावा देने के लिए सहयोग बढ़ाने पर फोकस था।
दीर्घकालिक हितों के लिए बड़ा मोर्चा
चारों देशों के बीच सहमति बनी कि वे मिलकर एक स्वतंत्र, खुला, समृद्ध और समावेशी भारत-प्रशांत क्षेत्र सभी देशों और बड़े पैमाने पर दुनिया के दीर्घकालिक हितों के लिए कार्य कर सकते हैं। गौरतलब है कि यह मीटिंग ऐसे समय हुई है जब प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी 15वें भारत-आसियान शिखर सम्मेलन और 12वें पूर्वी एशिया शिखर सम्मेलन में हिस्सा लेने मनीला पहुंचे हैं।
ऐक्ट ईस्ट पॉलिसी पर आगे बढ़ता भारत
गौरतलब है कि आसियान देश (ब्रुनेई, कंबोडिया, इंडोनेशिया, लाओस, मलयेशिया, म्यांमार, फिलीपींस, सिंगापुर, थाईलैंड, वियतनाम) भारत की विदेश नीति के केन्द्र रहे हैं। 1992 में तत्कालीन पीएम पी. वी. नरसिम्हा राव ने लुक ईस्ट पॉलिसी लॉन्च किया था। क्षेत्रीय देशों के संगठनों से सहयोग बढ़ाने के लिए पीएम मोदी ने इसे ऐक्ट ईस्ट पॉलिसी में बदल दिया।