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देश को एक नई कारोबारी संस्कृति में ढालने वाली व्यवस्था जीएसटी: प्रधानमंत्री मोदी

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प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने गुरुवार को पूर्व, दक्षिण और दक्षिण पूर्वी देशों के लिए उपभोक्ता संरक्षण पर एक अंतरराष्ट्रीय सम्मेलन को संबोधित किया। अपने संबोधन में प्रधानमंत्री मोदी ने कहा, “उपभोक्ता संरक्षण सरकार का एक अभिन्न अंग है। हमारे वेदों में भी कन्ज्यूमर प्रोटेक्शन का जिक्र है। अथर्ववेद न्यायपूर्ण व्यवसाय की बात करता है। हमें न्यू इंडिया के विजन को भी उपभोक्ता संरक्षण से जोड़ने की कोशिश करनी होगी। हमारी सरकार न्यू इंडिया में उपभोक्ता संरक्षण के रास्ते उपभोक्ता समृद्धि की तरफ बढ़ना चाहती है।”

प्रधानमंत्री मोदी ने अपने संबोधन में जीएसटी को देश के लिए वरदान बताया और कहा, “जीएसटी की व्यवस्था से देश को एक नई कारोबारी संस्कृति में ढालने का मौका मिला है। इस नई अप्रत्यक्ष कर व्यवस्था का सबसे ज्यादा लाभ उपभोक्ताओं को ही मिलेगा और मिल रहा है। जीएसटी लागू होने के बाद कंपनियों में प्रतिस्पर्धा बढ़ेगी जिसका परिणाम कीमतों में कमी के तौर पर देखा जाएगा।”

प्रधानमंत्री मोदी ने अपने भाषण में आगे कहा, “हमारा प्रयास नए भारत के निर्माण के लिए उपभोक्ता संरक्षण से बेहतर उपभोक्ता प्रथाओं और उपभोक्ता समृद्धि के साथ आगे बढ़ना है। हमारा ध्यान उपभोक्ता सशक्तीकरण पर केंद्रित है और यह सुनिश्चित करना है कि उपभोक्ता को कोई कठिनाई न हो। उपभोक्ता की बेहतरी के लिए हम नया कन्ज़्यूमर प्रोटेक्शन कानून बनाने जा रहे हैं जिसमें उपभोक्ता का सशक्तिकरण मुख्य होगा और भ्रामक विज्ञापनों पर गाइडलाइन और कड़ी होगी।”

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की मूल संबोधन यहां पढ़े-

मंत्रिमंडल के मेरे सहयोगी श्री राम विलास पासवान जी, श्री सी. आर. चौधरी जी, UNCTAD (अंकटाड) के सेक्रेटरी जनरल डॉक्टर मुखीसा किटूयी जी, और यहां उपस्थित अन्य महानुभाव

सबसे पहले आप सभी को Consumer Protection जैसे महत्वपूर्ण विषय पर International Conference के लिए बहुत-बहुत बधाई। इस कार्यक्रम में दक्षिण एशिया, साउथ ईस्ट एशिया और ईस्ट एशिया के तमाम देशों के प्रतिनिधि भी शामिल हैं। मैं आप सभी का इस कार्यक्रम में स्वागत करता हूं।

दक्षिण एशिया में ये अपनी तरह का पहला आयोजन है। मैं अंकटाड का भी आभार व्यक्त करूंगा जिसने भारत की इस पहल को मजबूती के साथ आगे बढ़ाया और उसे इस स्वरूप तक लाने में सक्रिय भूमिका निभाई।

साथियों, दुनिया का ये भूभाग जिस तरह एक दूसरे से ऐतिहासिक रूप से जुड़ा रहा है, वैसा अन्य जगहों पर कम ही देखने को मिलता है। हजारों वर्षों से हम Trade, Culture और Religion से जुड़े रहे हैं। Coastal Economy ने इस भूभाग को कनेक्ट करने में सदियों से अहम योगदान दिया है। लोगों का आना-जाना, विचारों का आदान-प्रदान, ये एक two-way process रहा है जिसका लाभ इस क्षेत्र के हर देश को मिला। हम आज भी सिर्फ आर्थिक ही नहीं बल्कि सांस्कृतिक तौर पर भी एक shared heritage का प्रतीक हैं।

साथियों, आज के modern era में हमारे पारस्परिक संबंध एक नए आयाम पर हैं। एशिया के देश ना सिर्फ अपने देश में Goods और सर्विसेस के Market को cater कर रहे हैं, बल्कि उनका विस्तार दूसरे महाद्वीपों तक फैला हुआ है।

ऐसे में Consumer Protection ऐसा विषय है जो इस क्षेत्र में व्यापार को बढ़ाने, उसे और मजबूत करने का important component है।

आज का ये आयोजन इस बात का प्रतीक है कि हम अपने नागरिकों की आवश्यकताओं को किस तरह गंभीरता से समझते हैं, उनकी दिक्कतों को दूर करने के लिए किस तरह गंभीरता से प्रयास करते हैं। हर नागरिक एक Consumer भी होता है और इसलिए ये आयोजन हमारे collective determination का भी प्रतीक है।

साथियों, इस पूरी प्रक्रिया में संयुक्त राष्ट्र का एक सहयोगी के तौर पर आगे आना भी बहुत सुखद है। 1985 में पहली बार Consumer Protection पर UN गाइडलाइंस बनी थी। दो वर्ष पूर्व ही इसमें और सुधार किया गया है। सुधार की उस प्रक्रिया में भारत की भी सक्रिय भूमिका रही है। विकासशील देशों में Sustainable Consumption, E-Commerce और Financial Services के संबंध में ये गाइडलाइंस बहुत महत्वपूर्ण हैं।

साथियों, भारत में सैकड़ों-हजारों वर्षों से Consumer Protection, गवर्नेंस का अभिन्न हिस्सा रहा है। हजारों वर्ष पूर्व रचित हमारे वेदों में उपभोक्ता संरक्षण का जिक्र है। अथर्ववेद में कहा गया है कि –

“इमा मात्रा मिमीम हे यथ परा न मासातै” यानि वस्तुस्थिति और नापतौल में किसी भी तरह की गड़बड़ी ना करें। हजारों वर्ष पूर्व लिखित ग्रंथों में Consumer Protection के बाकायदा नियम समझाए गए हैं, गलत तरीके से trade करने वाले को किस तरह की सज़ा दी जाए, उसे भी बताया गया है।

आप जानकर हैरान होंगे कि लगभग ढाई हजार साल पहले कौटिल्य के समय में बाकायदा शासन के लिए गाइडलाइन्स परिभाषित की गईं थीं कि कैसे Trade को regulate किया जाएगा और कैसे सरकार उपभोक्ता के हितों की रक्षा करेगी। कौटिल्य काल में शासन द्वारा जिस तरह की व्यवस्था थी, आज के हिसाब से उन पदों को Director of Trade और सुपरिटेंडेंट ऑफ स्टैन्डर्ड्स कहा जा सकता है। हमारे यहां ग्राहक को भगवान माना जाता है, कई दुकानों में आपको लिखा मिल जाएगा- ग्राहक देवो भव: । चाहे कोई भी बिजनेस हो, उसका एकमात्र मकसद Consumer की संतुष्ठि होना चाहिए।

साथियों, भारत उन कुछ देशों में शामिल रहा है जिसने UN गाइडलाइंस Adopt होने के अगले ही साल यानि 1986 में ही अपना Consumer Protection Act लागू कर दिया था।

उपभोक्ता के हितों का ध्यान इस सरकार की प्राथमिकताओं में से एक है। सरकार की ये प्राथमिकता न्यू इंडिया के संकल्प के साथ भी जुड़ी हुई है। न्यू इंडिया, जहां Consumer Protection से आगे बढ़कर Best Consumer Practices और Consumer Prosperity की भी बात होगी।

साथियों, हम आज की देश की जरूरतों, आज के व्यापारिक तौर-तरीकों को ध्यान में रखते हुए एक नया Consumer Protection Act बना रहे हैं। नए कानून में Consumer Empowerment पर विशेष जोर दिया जा रहा है। Consumer की परेशानी कम समय में, कम खर्च में दूर हो, इसके लिए नियम सरल किए जा रहे हैं। Misleading विज्ञापनों पर और सख्ती का प्रावधान किया जा रहा है। तुरंत सुनवाई के लिए Executive powers के साथ Central Consumer Protection Authority का गठन भी किया जाएगा।

हमने Real Estate Regulatory Act बनाया है जिससे घर खरीदने वाले उपभोक्ताओं के हितों का संरक्षण हुआ है। पहले बिल्डरों की मनमानी की वजह से वर्षों तक लोगों को अपने घरों के लिए इंतजार करना पड़ता था। फ्लैट के एरिया को लेकर भी भ्रम की स्थिति बनी रहती थी। अब RERA के बाद केवल रजिस्टर्ड डवलपर्स ही सभी आवश्यक permission प्राप्त करने के बाद घर की बुकिंग कर सकेंगे। इसके साथ ही सरकार ने बुकिंग अमाउंट की सीमा को भी 10 प्रतिशत पर फिक्स कर दिया है।

पहले ये होता था कि बिल्डर, घरों की बुकिंग के बाद मिलने वाले पैसे को दूसरे प्रोजेक्ट में लगा देते थे। अब सरकार ने ऐसा प्रावधान किया है कि खरीदार से मिलने वाली 70 प्रतिशत राशि “एस्क्रो” अकाउंट में डालनी होगी और ये राशि उसी प्रोजेक्ट पर खर्च हो सकेगी। इसी तरह ब्यूरो ऑफ Indian Standard Act भी बनाया गया है। अब Public या Consumer Interest से जुड़ी किसी भी वस्तु या सेवा को कंपल्सरी सर्टिफिकेशन के अंतर्गत लाया जा सकेगा। इसके तहत खराब क्वालिटी की वस्तुओं को बाजार से Recall करने और उससे अगर उपभोक्ता को नुकसान हुआ है, तो उसकी Compensation का भी प्रावधान किया गया है।

अभी हाल ही में भारत ने Goods And Services Tax- GST को भी लागू किया है। GST के बाद देश में अलग-अलग तरह के दर्जनों Indirect Tax का जाल खत्म हुआ है। कितने ही तरह के Hidden Tax भी खत्म हो गए हैं। उपभोक्ता को अब सामने receipt पर दिखता है कि उसने कितना टैक्स राज्य सरकार को दिया, कितना केंद्र सरकार को। बॉर्डर पर ट्रकों का लगने वाला लंबा जाम भी खत्म हो गया है।

GST से देश को एक नया बिजनेस कल्चर मिल रहा है और Long Term में GST का सबसे बड़ा फायदा Consumers को ही होगा। ये एक पारदर्शी व्यवस्था है जिसमें कोई Consumers के हितों के साथ खिलवाड़ नहीं कर पाएगा। इतना ही नहीं, GST की वजह से जब कंपनियों का आपस में कंपटीशन बढ़ेगा तो चीजों की कीमतों में भी कमी आएगी। इसका भी सीधा फायदा गरीब और मध्यम वर्ग के Consumers को होगा।

साथियों, कानून के माध्यम से उपभोक्ता के हितों को मजबूत करने के साथ ही ये भी बहुत आवश्यक है कि लोगों की शिकायतों पर तुरंत कार्रवाई हो। पिछले तीन वर्षों में टेक्नोलॉजी का इस्तेमाल करते हुए हमारी सरकार ने Grievance Redressal का एक नया इको-सिस्टम तैयार किया है।

National Consumer Helpline की क्षमता को 4 गुना बढ़ाया जा चुका है। Consumer Protection से जुड़े पोर्टल और सोशल मीडिया को भी इंट्रीग्रेट किया गया है। पोर्टल से निजी कंपनियां भी बड़ी संख्या से जुड़ रही हैं। पोर्टल के माध्यम से लगभग 40 प्रतिशत शिकायतें सीधे कंपनियों के पास ऑटोमैटिक ट्रांसफर हो जाती हैं जिन पर तेजी से कार्रवाई होती है। जागो-ग्राहक जागो अभियान के माध्यम से भी उपभोक्ताओं को जागरूक किया जा रहा है। मैं दावे के साथ कह सकता हूं कि Consumer Protection में जिस तरह सोशल मीडिया का Positive तरीके से इस्तेमाल इस सरकार ने किया है, वैसा देश में पहले कभी नहीं किया गया।

साथियों, मेरी नजर में और हमारी सरकार के विजन में Consumer Protection का दायरा बहुत विस्तृत है। किसी भी देश का विकास और Consumer Protection एक दूसरे के पूरक हैं। विकास का फायदा हर नागरिक तक पहुंचे, इसके लिए Good Governence की बड़ी भूमिका है।

जब आप सरकार के नाते ये सुनिश्चित करते हैं कि नागरिक तक उसके अधिकार पहुंचें, नागरिक तक वो सेवाएं पहुंचे, जिनसे वो वंचित रहा है, तब भी आप Consumer के हितों को Protect करते हैं। देश के लोगों को Clean Energy के लिए उज्जवला योजना, हेल्थ and हाईजीन के लिए स्वच्छ भारत अभियान, Financial inclusion के लिए जन-धन योजना, इसी भावना का प्रतिबिंब हैं। 2022 तक देश के हर व्यक्ति के पास अपना घर हो, इस लक्ष्य पर भी सरकार काम कर रही है।

अभी हाल ही में देश के हर घर में बिजली कनेक्शन पहुंचाने के लिए भी एक योजना शुरू की गई है। ये सारे प्रयास लोगों को Basic LifeLine सपोर्ट देने के साथ ही उनकी जिंदगी आसान बनाने के लिए भी हैं।

Consumer के हितों की रक्षा सिर्फ उसे अधिकार देने से ही नहीं होती। भारत में हम उस दिशा में भी काम कर रहे हैं जहां सरकार की योजनाएं Consumer के पैसे बचाने में मददगार साबित हो रही हैं। इन योजनाओं से सबसे ज्यादा फायदा देश के गरीब और मध्यम वर्ग को हो रहा है।

आपको जानकारी होगी कि यूनिसेफ ने अभी हाल ही में भारत में हुए एक सर्वे के नतीजों की घोषणा की है। सर्वे के मुताबिक स्वच्छ भारत मिशन के बाद जो गांव खुले में शौच से मुक्त हो गए हैं, उन गांवों में प्रत्येक परिवार को सालाना 50 हजार रुपए की बचत हो रही है। वरना यही राशि उस परिवार को बीमारियों के इलाज, अस्पताल आने-जाने, और दफ्तर से ली गई छुट्टियों आदि पर खर्च करनी पड़ती। साथियों, गरीबों को सस्ती दवा के लिए भारतीय जनऔषधि परियोजना शुरू की गई है। 500 से ज्यादा दवाइयों की कीमत को कम करके उन्हें आवश्यक दवाइयों की लिस्ट में रखा गया है। स्टंट की कीमत में कैपिंग करके स्टंट को 85 प्रतिशत तक सस्ता किया जा चुका है। हाल ही में घुटने के इम्प्लांट्स की कीमत को भी सरकार ने नियंत्रित कर दिया है। इससे भी गरीब और मध्यवर्ग से जुड़े बड़े Consumer वर्ग के करोड़ों रुपए बच रहे हैं।

हमारी सोच Consumer Protection से आगे जाकर Consumer Interest Promotion की है। Consumer Interest में लोगों के पैसे बचाने का एक और उदाहरण है हमारी उजाला स्कीम। ये साधारण सी स्कीम है LED बल्ब के वितरण की, लेकिन परिणाम बहुत असाधारण हैं। जब ये सरकार आई थी तो एक LED बल्ब 350 रुपये से ज्यादा का बिकता था। सरकार के प्रयास के बाद अब वही बल्ब अब उजाला स्कीम के तहत केवल 40 से 45 रुपये में उपलब्ध है। LED बल्ब की कीमत कम करके और लोगों के बिजली बिल में बचत कराकर सरकार ने सिर्फ इस एक योजना से उपभोक्ताओं के 20 हजार करोड़ रुपए से ज्यादा बचाए हैं। साथियों, Inflation पर लगाम लगाने की वजह से भी गरीब और मध्यम वर्ग के Consumers का आर्थिक फायदा हुआ है। वरना पिछली सरकार में जिस रफ्तार से Inflation बढ़ रही थी, उसी रफ्तार से बढ़ती रहती तो, देश के सामान्य नागरिक की रसोई का बजट बहुत ज्यादा बढ़ चुका होता।

टेक्नोलॉजी के माध्यम से Public Distribution System को मजबूत करके भी ये सुनिश्चित किया जा रहा है कि जिस गरीब का सस्ते खाद्यान्न पर अधिकार है, उसे ही वो अनाज मिले।

डायरेक्ट बेनिफिट स्कीम के तहत लाभार्थियों के बैंक अकाउंट में सीधे पैसा ट्रांसफर करके सरकार 57 हजार करोड़ रुपए से ज्यादा की रकम को गलत हाथों में जाने से रोक चुकी है। साथियों, Sustainable Development Goals की प्राप्ति के लिए ये आवश्यक है कि consumer भी अपना साझा उत्तरदायित्व समझते हुए अपने कर्तव्यों का निर्वहन करे।

यहां इस अवसर पर मैं दूसरे देशों से आए अपने साथियों को Give-it-up स्कीम के बारे में विशेष तौर पर बताना चाहता हूं। हमारे यहां रसोई गैस के सिलेंडर पर लोगों को सब्सिडी दी जाती है। मेरी एक छोटी सी अपील पर एक साल के भीतर एक करोड़ से ज्यादा लोगों ने अपनी गैस सब्सिडी छोड़ दी। लोगों ने जो गैस सब्सिडी छोड़ी, उसका इस्तेमाल अब तक 3 करोड़ परिवारों को मुफ्त गैस कनेक्शन देने में किया जा चुका है।

ये एक उदाहरण है कि कैसे प्रत्येक कन्ज्यूमर के shared contribution से दूसरे का फायदा होता है और समाज में भी अपने कर्तव्यों के प्रति एक positive माहौल बनता है।

साथियों, सरकार देश के ग्रामीण क्षेत्रों में रहने वाले उपभोक्ताओं के Digital Empowerment के लिए प्रधानमंत्री ग्रामीण डिजिटल साक्षरता अभियान चला रही है। इसके तहत 6 करोड़ घरों में से हर घर में एक व्यक्ति को डिजिटल रूप से साक्षर बनाने पर काम चल रहा है। इस अभियान से गांव के लोगों को डिजिटल लेन-देन, डिजिटल तरीके से सरकारी सेवाओं को प्राप्त करने में और सहूलियत मिलेगी।

भारत के गांवों में डिजिटल जागरूकता भविष्य के लिए बहुत बड़ा e-commerce मार्केट भी तैयार कर रही है। Unified Payment Interface- UPI ने e-commerce इंडस्ट्री को बहुत बड़ी ताकत दी है। Bharat Interface For Money- यानि BHIM App ने शहरों के अलावा ग्रामीण इलाकों में भी डिजिटल पेमेंट का विस्तार किया है।

साथियों, सवा सौ करोड़ से ज्यादा की जनसंख्या और तेजी से बढ़ते मिडिल क्लास की वजह से भारत दुनिया के सबसे बड़े बाजारों में से एक है। हमारी अर्थव्यवस्था का खुलापन, दुनिया के हर देश का स्वागत करता है, भारतीय उपभोक्ताओं को Global Players के और पास लाता है। Make in India के माध्यम से हम Global Companies को भारत में ही Produce करने और यहां के विशाल मानव संसाधन का बेहतर इस्तेमाल करने के लिए एक प्लेटफॉर्म दे रहे हैं। साथियों, धरती के इस हिस्से में ये अपनी तरह की पहली कॉन्फ्रेंस है। हम में से प्रत्येक देश अपने-अपने तरीके से अपने देश के उपभोक्ताओं के हितों की रक्षा करने में जुटा हुआ है। लेकिन हमें ये भी ध्यान रखना होगा कि अब बढ़ते हुए Globalization के साथ पूरा विश्व एक Single Market में बदल रहा है। इसलिए इस तरह के आयोजन के माध्यम से एक दूसरे के अनुभवों से सीखना, कॉमन Understanding के बिंदु तलाशना और Consumer Protection से जुड़े किसी Regional Coalition के निर्माण की संभावनाओं पर चर्चा बहुत अहम है।

400 करोड़ से ज्यादा का consumer base, बढ़ती हुई purchasing power, Young Demographic Profile, हम एशियाई देशो में बिजनेस का बड़ा आधार है। E-commerce और लोगों की बढ़ती Trans-border mobility की वजह से आज Cross-Border Transaction लगातार बढ़ रहा है। ऐसे में Consumer का भरोसा बनाए रखने के लिए ये बहुत आवश्यक है कि हर देश में एक मजबूत regulatory system हो और उस सिस्टम के बारे में दूसरे देशों को भी आवश्यक जानकारी हो। दूसरे देशों के उपभोक्ताओ से जुड़े मामलों में तेजी से की गई कार्रवाई करने के लिए Co-operation का फ्रेम वर्क होना भी जरूरी है। इससे आपसी विश्वास और व्यापार भी बढ़ेगा।

Communication के लिए Structured Mechanism बनाना, Best Practices की Mutual Sharing करना, Capacity building के लिए नए Initiatives लेना और Joint Campaigns शुरू करना, ऐसे विषय हैं जिन पर आपसी हितों को ध्यान में रखते हुए कार्य किया जा सकता है।

साथियों, हमारी सांस्कृतिक और व्यापार की साझा विरासत भविष्य में उतनी ही मजबूत होगी, जितना हमारे बीच भावनात्मक संबंध मजबूत होंगे। अपनी संस्कृति पर गर्व के साथ ही दूसरों की संस्कृति का सम्मान हमारी परंपरा का हिस्सा है। सदियों से हम एक दूसरे से सीखते रहे हैं और Trade और Consumer Protection भी इससे अछूता नहीं रहा है।

मुझे उम्मीद है इस कॉन्फ्रेंस में भविष्य की चुनौतियों को ध्यान में रखते हुए, एक स्पष्ट विजन के साथ आगे बढ़ने का रोडमैप तैयार होगा। मुझे उम्मीद है कि हम इस कॉन्फ्रेंस के माध्यम से एक Regional Co-operation को institutionalise करने में भी सफल होंगे। इस कॉन्फ्रेंस में शामिल होने के लिए मैं आपका एक बार फिर बहुत-बहुत आभार व्यक्त करता हूं।

बहुत-बहुत धन्यवाद !!!

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