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पीएम मोदी की गोलबंदी से एफएटीए की संदिग्ध सूची में पाकिस्तान, अमेरिका ने फिर लगाई लताड़

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पीएम मोदी ने आतंकवाद को खत्म करने का बीड़ा उठाया है। आतंकवाद का पालन पोषण करने वाले पाकिस्तान को पूरे विश्व में अलग-थलग करने की पीएम मोदी की कोशिशें रंग ला रही है। संयुक्त राष्ट्र में अमेरिकी राजदूत निक्की हेली ने साफ शब्दों में कहा कि पाकिस्तान का आतंकवादी समूहों की शरणस्थली बनना बर्दाश्त नहीं किया जा सकता। अभी दो दिन पहले फाइनेंशियल एक्शन टॉस्क फोर्स (एफएटीएफ) ने पाकिस्तान को ग्रे लिस्ट यानी संदिग्धों की सूची में डाल दिया है। यह कार्रवाई आतंकी संगठनों को हो रही आर्थिक फंडिंग को रोकने में नाकाम रहने के कारण पाकिस्तान पर किया गया है।

आतंकवाद के मुद्दे पर अमेरिका ने माना भारत वैश्विक नेता
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की आतंकवाद पर जीरो टॉलरेंस और सख्त की नीति के कारण अमेरिका भारत को वैश्विक नेता मानने लगा है। संयुक्त राष्ट्र में अमरीकी राजदूत निक्की हेली ने कहा कि भारत और अमेरिका को आतंकवाद के विरुद्ध लड़ाई में वैश्विक नेता होना चाहिए। हम ज्यादा कुछ कर सकते हैं और हमें करना भी चाहिए। हम उन लोगों से अपनी निगाहें नहीं फेर सकते जो आतंकवादियों को आश्रय दे रहे हैं। पाकिस्तान से स्पष्ट कहा जाए कि इसे बर्दाश्त नहीं किया जा सकता है। धर्म की स्वतंत्रता बहुत महत्वपूर्ण है।

दुनिया मानने लगी आतंकवादी देश है पाकिस्तान
प्रधानमंत्री मोदी ने जब से देश की कमान संभाली है आतंकवाद के विरुद्ध वैश्विक अभियान चला रखा है। पीएम मोदी के प्रयास से ही पश्चिमी दुनिया अच्छे और बुरे आतंकवाद में फर्क करना भूल गई है। वर्तमान दौर में दुनिया में सबसे बड़ा खतरा आतंकवाद है। भारत आतंकवाद से सबसे अधिक त्रस्त है जिसकी एक मात्र वजह पाकिस्तान प्रायोजित आतंकवाद है। दुनिया के अधिकतर देश भी यह मानने लगे हैं कि पाकिस्तान एक आतंकवादी देश है और इसपर लगाम कसना आवश्यक है।  

संदिग्ध सूची में पाकिस्तान!
अमेरिका और उसके यूरोपीय सहयोगियों ने टेरर फंडिंग पर रोक लगाने में नाकाम रहने की वजह से पाकिस्तान को फाइनेंशियल ऐक्शन टास्क फोर्स (FATF) ने ग्रे लिस्ट में डाल दिया है। ग्रे लिस्ट का मतलब संदिग्ध देश है। इससे पहले पाकिस्तान को ग्लोबल वॉच लिस्ट में शामिल किया गया था। FATF में पाकिस्तान को ब्लैक लिस्टेड करने का प्रस्ताव है। 

आतंक को संरक्षण देने वाला देश घोषित हुआ पाकिस्तान
2017 में भारत को सबसे बड़ी कामयाबी तब मिली जब प्रधानमंत्री मोदी के दबावों के चलते ट्रंप प्रशासन ने पाकिस्तान को आतंकवादियों की शरणस्थली वाले देशों की सूची में डाल दिया। अमेरिका ने स्वीकार किया कि पाकिस्तान आतंकवादी गतिविधियों को संरक्षण और बढ़ावा देता है। पाकिस्तान में इनको ट्रेनिंग मिलती हैं और यहां से ही इन आतंकवादी संगठनों की फंडिंग हो रही है।

ब्रिक्स ने आतंकवाद पर कार्रवाई को कहा
संयुक्त राष्ट्र में पाकिस्तान स्थित आतंकवादी संगठन जैश ए मोहम्मद के सरगना मसूद अजहर को आतंकी लिस्ट में शामिल करवाने के भारत के प्रयासों पर चीन ही अंतिम वक्त पर अडंगा लगाता रहा है, लेकिन सितंबर, 2017 में हुए ब्रिक्स सम्मेलन में प्रधानमंत्री मोदी के आतंकवाद पर रुख को चीन ने ना केवल भरपूर समर्थन दिया, बल्कि अपने ‘ऑल वेदर फ्रैन्ड’ पाकिस्तान का साथ छोड़ने को भी तैयार हो गया। ब्रिक्स घोषणा पत्र में लश्कर ए तैयबा और जैश ए मोहम्मद जैसे दस आतंकी संगठनों का नाम शामिल किया जाना पीएम मोदी के आतंकवाद विरोधी आह्वान की बड़ी सफलता है।

जी 20 ने भी की आतंकवाद की निंदा की
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आतंकवाद पर रोक लगाने के लिए जी-20 देशों के सम्मेलन में 11 सूत्रीय एक्शन प्लान पेश किया है। सम्मेलन में प्रधानमंत्री ने जी-20 देशों द्वारा आतंकवाद के खिलाफ कड़े कदम उठाए जाने की घोषणा का स्वागत किया। उन्होंने आतंकवाद को सबसे बड़ी चुनौती बताया। श्री मोदी ने इस विषय को चुनने के लिए जर्मनी की चांसलर एंजेला मर्केल की तारीफ की।

सार्क देशों ने पाक का किया बॉयकाट
वर्ष 2016 में पाकिस्तान में होने वाले सार्क सम्मेलन में जब भारत ने शामिल नहीं होने की घोषणा की तो संगठन के अन्य कई देशों, जैसे – श्रीलंका, बांग्लादेश, भूटान, नेपाल और अफगानिस्तान ने भी हिस्सा लेने से इनकार कर दिया। हालांकि पाकिस्तान ने अन्य देशों को बुलाने की कोशिश की, लेकिन वो विफल रहा और अंत में सार्क सम्मेलन रद्द करने को मजबूर होना पड़ा। पीएम मोदी की कोशिशों से जी-20 हो या हार्ट ऑफ एशिया सम्मेलन, ब्रिक्स हो या सार्क समिट सभी ने हमारे साथ आतंकवाद को मानवता का दुश्मन बताते हुए दुनिया को इसके खिलाफ एक होने का आह्वान किया है।

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