अरब देशों के साथ भारत का रिश्ता मजबूत होना प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की एक बड़ी कूटनीतिक सफलता है। इससे पहले कभी भी भारत के रिश्ते इतने सुदढ़ नहीं रहे। पीएम मोदी ने हर उस देश से अपना संबंध मजबूत बनाया है जिससे भारत का रणनीतिक हित सधता हो। खाड़ी देशों से प्रगाढ़ होते भारत के संबंध इसका बड़ा उदाहरण है। एक अनुमान के मुताबिक करीब 70 लाख भारतीय खाड़ी देशों में काम करते हैं और वहां की अर्थव्यवस्था में महत्वपूर्ण भूमिका निभा रहे हैं, जबकि भारत इन देशों से बड़े पैमाने पर तेल और गैस का आयात करता है।
PM @narendramodi outreach to the Arab world must be counted as one of the successes of his diplomacy. Has managed to keep a robust engagement going with a part of the world that remains crucial to India’s strategic interests. ?? https://t.co/mgpeyLqExI
— Rajdeep Sardesai (@sardesairajdeep) October 29, 2019
कश्मीर पर खाड़ी देशों ने किया भारत का समर्थन
जम्मू-कश्मीर से अनुच्छेद 370 हटाने के खिलाफ पाकिस्तान के दुष्प्रचार के वाबजूद खाड़ी देशों ने भारत का समर्थन किया और इसे भारत का अंदरूनी मामाला बताया। आज भारत के सऊदी अरब, ईरान, क़तर, बहरीन और UAE समेत सभी देशों से राजनीतिक, आर्थिक और रणनीतिक संबंध हैं। यह भारत की बड़ी कूटनीतिक जीत है कि खाड़ी के किसी देश का पाकिस्तान को समर्थन नहीं मिला।
भारत और यूएई के मजबूत होते रिश्ते
प्रधानमंत्री मोदी के कार्यकाल में भारत और यूएई के नेताओं के बीच राजनयिक यात्राओं में अभूतपूर्व बढ़ोतरी देखने को मिली है। शेख मोहम्मद बिन जायेद पिछले 3 सालों में दो बार भारत का दौरा कर चुके हैं, दूसरी तरफ मोदी पहले ऐसे भारतीय प्रधानमंत्री हैं, जिन्होंने यूएई का दो बार दौरा किया है।
IOC की बैठक में भारत बना ‘सम्मानित अतिथि’
पड़ोसी मुल्क पाकिस्तान के साथ तनाव के बीच IOC की बैठक में भारत को बतौर ‘सम्मानित अतिथि’ आमंत्रण मिलना बहुत बड़ी कूटनीटिक जीत थी। मार्च 2019 में पाकिस्तान के तमाम विरोध के बावजूद भारत को IOC की बैठक में शामिल होने के लिए आमंत्रित किया गया। इस बैठक में तत्कालीन विदेश मंत्री सुषमा स्वराज शामिल हुई थीं और भारत के पक्ष को मजबूती से रखा था।
पीएम मोदी को सर्वोच्च नागरिक सम्मान
मोदी सरकार के जम्मू कश्मीर को विशेष दर्जा देने वाले अनुच्छेद 370 के प्रावधान को निष्प्रभावी बनाने के बीच नरेंद्र मोदी को यूएई का सर्वोच्च सम्मान मिलना भारत की बड़ी जीत के रूप में देखा जा रहा है। इसके अलावा बहरीन भी अपने देश के सर्वोच्च नागरिक सम्मान से प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को सम्मानित कर चुका है।
सऊदी अरब रवाना होने से पहले पीएम मोदी का बयान
मैं एक दिन की आधिकारिक यात्रा के लिए सऊदी अरब की यात्रा कर रहा हूं। यह यात्रा सऊदी अरब के शाह सलमान बिन अब्दुल अज़ीज़ अल-सऊद के निमंत्रण पर रियाद में आयोजित होने वाली तृतीय भविष्यगत निवेश पहल बैठक के पूर्ण सत्र में शामिल होने के लिए है। रियाद की यात्रा के दौरान, मैं सऊदी अरब के शाह के साथ द्विपक्षीय विचार-विमर्श करूंगा। मैं सऊदी अरब के क्राउन प्रिंस, एचआरएच मोहम्मद बिन सलमान के साथ अपनी बैठक के दौरान द्विपक्षीय सहयोग के अलावा आपसी हित के क्षेत्रीय और वैश्विक मुद्दों के कई मामलों पर विचार-विमर्श करूंगा।
भारत और सऊदी अरब के बीच पारंपरिक रूप से घनिष्ठ और मैत्रीपूर्ण संबंध रहे हैं। सऊदी अरब भारत की ऊर्जा आवश्यकताओं के लिए सबसे बड़े और विश्वसनीय आपूर्तिकर्ताओं में से एक है। फरवरी 2019 में नई दिल्ली की अपनी यात्रा के दौरान क्राउन प्रिंस ने भारत में प्राथमिकता के क्षेत्रों में 100 बिलियन अमेरिकी डॉलर से अधिक के निवेश की प्रतिबद्धता जताई थी।
रक्षा, सुरक्षा, व्यापार, संस्कृति, शिक्षा और लोगों से लोगों के बीच आपसी संपर्क जैसे विषय सऊदी अरब के साथ द्विपक्षीय सहयोग के अन्य महत्वपूर्ण क्षेत्रों में शामिल हैं। यात्रा के दौरान, सामरिक भागीदारी परिषद की स्थापना के लिए समझौता, भारत-सऊदी अरब की सामरिक भागीदारी को एक नए स्तर पर आगे बढ़ाएगा।
मैं तृतीय भविष्यगत निवेश पहल बैठक में अपनी भागीदारी को लेकर भी आशान्वित हूं, जहां मैं भारत में वैश्विक निवेशकों के लिए बढ़ते व्यापार और निवेश के अवसरों के संबंध में वार्तालाप करूंगा क्योंकि देश 2024 तक 5 ट्रिलियन डॉलर की अर्थव्यवस्था बनने की दिशा में आगे कदम बढ़ा चुका है।