विपक्षी पार्टियां एक बार फिर बीजेपी नेताओं में मतभेद पैदा करने की साजिश में जुट गई है। इस बार ये काम और शातिर तरीके से हो रहा है। कभी अखिलेश यादव का करीब रहा अमित जानी अब उत्तर प्रदेश नवनिर्माण सेना बना चुका है और यूपी के सीएम योगी आदित्यनाथ के समर्थन में अनाप शनाप अपील कर रहा है। लेकिन इस बार इस पर शिकंजा कस गया है।
उसने लखनऊ में “मोदी हटाओ, योगी लाओ” के नारे लिखे होर्डिंग लगाए थे जिसके बाद उसके संगठन के खिलाफ हजरतगंज थाने में आईपीसी की धारा 188, 505 और सार्वजनिक संपत्ति नुकसान निवारण अधिनियम के तहत मुकदमा दर्ज कर लिया गया है और
बीजेपी नेताओं में दरार डालने की साजिश
जानी ने “योगी नहीं, तो वोट नहीं” नारे के साथ उत्तर प्रदेश नवनिर्माण सेना ने धर्म संसद का ऐलान किया था। साथ ही जनवरी तक भाजपा को राम मंदिर और जनसंख्या नियंत्रण के लिए संसद में कानून बनाने का अल्टीमेटम दिया था।
So the person doing Bigotry in the name of Yogi Adityanath and putting up posters in his name is Amit Jani.
He was close to Akhilesh and was the man behind beheading of Mayawati’s statue. pic.twitter.com/WigLteQxZi
— Ankur Singh (@iAnkurSingh) December 13, 2018
अमित जानी ने कहा था कि यदि राममंदिर और जनसंख्या नियंत्रण कानून पर मौन साधा गया तो 10 फरवरी को रमाबाई अम्बेडकर मैदान लखनऊ में पांच लाख हिन्दुओं के साथ धर्म संसद का आयोजन किया जाएगा। उसने ये भी दावा किया था कि योगीजी की वजह से ही पांच राज्यों में बीजेपी की लाज बच पाई है।
अखिलेश यादव का करीबी है अमित जानी
यूपी नवनिर्माण सेना बनाने वाला अमित जानी दरअसल समाजवादी पार्टी का नेता है और उसे पूर्व सीएम अखिलेश यादव का करीबी माना जाता है। अमित जानी 2012 में लखनऊ में बीएसपी प्रमुख मायावती की मूर्ति तोड़कर रातोंरात सुर्खियों में आया था। इस हरकत के बाद उस पर रासुका लगाकर जेल भेजा गया था।
अमित जानी के खिलाफ संगीन केस
मेरठ निवासी अमित जानी के खिलाफ पुलिस में कई संगीन मामले दर्ज हैं। मुंबई में उत्तर भारतीयों के खिलाफ यूपी में शिवसेना कार्यालय में तोड़फोड़ करने और सरकारी कार्य में बाधा डालने के मामलों में ये कई बार जेल जा चुका है। उसने बिना प्रशासन की अनुमति के बिसाहड़ा गांव में पंचायत करने की कोशिश की थी जिसके बाद उसे कोर्ट में पेश करके जेल भेजा गया था।