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मोदी राज में जॉब मार्केट गुलजार, जनवरी से सितंबर में ऑनलाइन भर्ती गतिविधि 5% बढ़ी

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प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व में देश में युवाओं के लिए रोजगार के अपार अवसर पैदा हो रहे हैं। मोदी सरकार ने युवाओं के लिए रोजगार के मोर्चे पर गंभीरता से काम किया है। लगभग सभी सेक्टरों में युवाओं को बड़ी संख्या में नौकरियां मिल रही हैं। इस साल जनवरी से सितंबर में ऑनलाइन भर्ती गतिविधि 5 प्रतिशत बढ़ी है। मॉन्स्टर रोजगार सूचकांक की रिपोर्ट के अनुसार उत्पादन और विनिर्माण क्षेत्र में ई-भर्ती में हुई 54 प्रतिशत की वृद्धि के साथ इस साल के पहले 9 महीनों में ऑनलाइन भर्ती गतिविधियों में सालाना आधार पर 5 प्रतिशत की वृद्धि हुई है। रिपोर्ट के अनुसार घरेलू उपकरण क्षेत्र 39 प्रतिशत के साथ दूसरा सबसे बड़ा रोजगार देने वाला क्षेत्र था।

आयुष्मान भारत योजना से रोजगार के अवसरों में 34% की वृद्धि
नवंबर 2018 के Naukri JobSpeak Index के मुताबिक मोदी सरकार की आयुष्मान भारत योजना की वजह से देश ही हेल्थकेयर इंडस्ट्री में रोजगार के क्षेत्र में इस महीने पिछले साल की समान अवधि की तुलना में 34 प्रतिशत की वृद्धि दर्ज की गई है। आपको बता दें कि आयुष्मान भारत योजना के तहत देश के 10 करोड़ परिवारों यानी 50 करोड़ से अधिक गरीबों को सालाना पांच लाख रुपये का हेल्थ बीमा उपलब्ध कराया जा रहा है। इससे देश के छोटे-छोटे शहरों में हेल्थ के सेक्टर का विकास हो रहा है और रोजगार के बंपर मौके सृजित हो रहे हैं।

मोदी सरकार की नीतियों और योजनाओं की वजह से पिछले साढ़े चार वर्षों में देश में रोजगार के करोड़ों मौके पैदा हुए हैं। आइए एक नजर डालते हैं रोजगार सृजन पर- 

दक्षिण एशिया में सबसे ज्यादा वेतनवृद्धि भारत में
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व में देश में युवाओं के लिए रोजगार के अपार अवसर पैदा हो रहे हैं। मोदी सरकार ने युवाओं के लिए रोजगार के मोर्चे पर गंभीरता से काम किया है। अच्छी बात यह है कि रोजगार के साथ-साथ वेतनवृद्धि भी ज्यादा हो रही है। अंतरराष्ट्रीय श्रम संगठन (ILO) की एक रिपोर्ट के मुताबिक दक्षिण एशिया में सबसे ज्यादा औसत वेतनवृद्धि भारत में हुई है। आईएलओ की ग्लोबल वेज रिपोर्ट 2018-19 के अनुसार दक्षिण एशिया में औसत वास्तविक वेतनवृद्धि जहां 3.7 प्रतिशत रही, वहीं भारत में औसत वास्तविक वेतनवृद्धि 5.5 प्रतिशत रही। भारत के साथ चीन, थाईलैंड और वियतनाम जैसे एशिया और प्रशांत क्षेत्र के देशों में वास्तविक मजदूरी में अन्य क्षेत्रों की तुलना में सबसे ज्यादा वृद्धि दर्ज की गई है। आईएलओ ने यह रिपोर्ट 136 देशों में वेतन की स्थिति के अध्ययन के बाद जारी की है।

सितंबर में 9.73 लाख लोगों को मिला रोजगार
इस साल सितंबर महीने में लोगों को पिछले 12 महीने में सबसे अधिक नौकरियां मिली हैं। कर्मचारी भविष्य निधि संगठन (EPFO) के मुताबिक, इस साल सितंबर में 9.73 लाख लोगों को रोजगार मिला है। यह सितंबर 2017 के बाद किसी एक माह में दिए गए रोजगारों की संख्या में सबसे ज्यादा है। अगर ईपीएफओ द्वारा सितंबर 2017 से सितंबर 2018 की अवधि के आंकड़ों नजर डालें तो इस दौरान कुल 79.48 लाख लोगों को भविष्य निधि सामाजिक सुरक्षा योजना के साथ जोड़ा गया। इस तरह इस दौरान 79.48 लाख लोगों को रोजगार मिला।

मोदी सरकार में युवाओं को मिल रहे नौकरी के अवसर, सितंबर में हायरिंग में 13% की वृद्धि
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व में देश में अर्थव्यवस्था मजबूत होने के साथ ही कारोबारी माहौल भी अच्छा हुआ है। यही कारण है कि युवाओं को नौकरी के अवसरों में बढ़ोतरी हो रही है। सबसे बड़ी बात यह है कि यंग टैलेंट यानि फ्रैशर्स से 3 वर्ष तक के अनुभवी युवाओं की हायरिंग में सबसे अधिक 13 प्रतिशत की बढ़ोतरी दर्ज की गई है।

एक रिपोर्ट के मुताबिक सितंबर के महीने में पिछले वर्ष की तुलना में रोजगार के अवसरों में कुल 9 फीसदी की बढ़ोतरी दर्ज की गई है। ऑटो और बीमा सेक्टर में रोजगार में सबसे अधिक वृद्धि दिखाई दी है और आने वाले महीनों में इसके और बढ़ना की उम्मीद जताई गई है। सितंबर महीने के Naukri JobSpeak Index के अनुसार सितंबर के महीने में ऑटो सेक्टर में 39 प्रतिशत और बीमा सेक्टर में हायरिंग में 28 प्रतिशत की बढ़ोतरी दर्ज की गई है। इसके साथ ही कंस्ट्रक्शन के क्षेत्र में 12 फीसदी, एफएमसीजी सेक्टर में 10 प्रतिशत और तेल एवं गैस इंडस्ट्री में नौकरियों में 9 फीसदी की बढ़ोतरी दर्ज की गई है। जॉब मार्केट के एक्सपर्ट्स के अनुसार सितंबर के महीने में यंग टैलेंट को नौकरी देने में तेजी देखी गई है। 3 वर्ष तक के अनुभवी युवाओं की हायरिंग में सबसे अधिक 13 प्रतिशत की बढ़ोतरी दर्ज की गई है। इसके बाद 4 से 7 वर्ष के अनुभव वाले युवा पेशेवरों की हायरिंग में 10 प्रतिशत और 8 से 12 वर्ष के अनुभव वाले लोगों की हायरिंग में 5 प्रतिशत की बढ़ोतरी दर्ज की गई है। फाइनेंशियल एक्सप्रेस की रिपोर्ट के हयरिंग गतिविधियों में पुणे में 18 फीसदी, चेन्नई में 14 फीसदी और दिल्ली-एनसीआर में 9 फीसदी की बढ़ोतरी दर्ज की गई है।

पीआईसी से मिलेंगे पांच लाख से ज्यादा रोजगार के अवसर
ग्रामीण इलाकों में बैंकिंग सेवाओं को मजबूत बनाने के लिए शुरू की गई डाक विभाग की डाक बीमा कंपनी (PIC) अगले दो साल में पांच लाख से ज्यादा रोजगार सृजित करेगी। डाक बीमा कंपनी भारतीय जीवन बीमा निगम (LIC) की तरह बीमा सुविधा मुहैया कराएगी। संचार मंत्रालय से संबंधित सलाहकार समिति की बैठक में डाक विभाग की बीमा कंपनी बनाने की रूपरेखा पेश की गई। इसी दौरान रोजगार सृजन का यह लक्ष्य तय किया गया। बैठक में देश भर में डाक विभाग की सेवाओं की प्रगति पर भी चर्चा हुई।

हेल्थ और बीमा सेक्टर में सृजित होंगी 10 लाख नौकरियां
मोदी सरकार की महात्वाकांक्षी स्कीम आयुष्मान भारत-प्रधानमंत्री जन आरोग्य योजना भी हेल्थ और इंश्योरेंस सेक्टर में नौकरियों के अपार मौके लाने वाली है। एक अनुमान के मुताबिक जितने बड़े स्तर पर इस योजना को शुरू किया गया है, उससे देशभर में स्वास्थ्य और बीमा क्षेत्र में 10 लाख रोजगार प्रत्यक्ष और अप्रत्यक्ष अवसर सृजित होंगे। आयुष्मान भारत योजना के सीईओ डॉ. इंदू भूषण के मुताबिक प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की इस स्कीम से स्वास्थ्य और बीमा के क्षेत्र में 10 लाख नौकरियों का सृजन होगा। आपको बता दें कि इस योजना के तहत देश के दस करोड़ गरीब और मध्यमवर्गीय परिवारों यानि 50 करोड़ से अधिक लोगों को 5 लाख रुपये सालाना का हेल्थ कवर दिया जा रहा है।

रोजगार सृजन के मामले में मोदी सरकार ने बनाया वर्ल्ड रिकॉर्ड
प्रधानमंत्री मोदी को आज पूरी दुनिया एक ग्लोबल लीडर के तौर पर जानती है, लेकिन रोजगार को लेकर जो आंकड़े सामने आए हैं, उसने भी दुनिया के लिए नजीर पेश की है। रेलवे में चाहे दुनिया की सबसे बड़ी सरकारी भर्ती का वर्ल्ड रिकॉर्ड हो या फिर मुद्रा योजना, स्टार्ट अप और स्किल इंडिया जैसे कार्यक्रम के तहत करोड़ों लोगों को रोजगार देना हो, मोदी सरकार की नीतियां युवाओं के लिए किसी वरदान से कम नहीं हैं। हम सरकारी आंकड़ों, सर्वे और रिपोर्ट के आधार पर मोदी सरकार की एक-एक योजना और उससे उत्पन्न रोजगार के अवसर की चर्चा करेंगे, लेकिन उससे पहले ये बताते हैं कि कैसे एक चायवाले ने देश के सबसे बड़े आर्थिक विशेषज्ञ पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह के दस साल को भी रोजगार के अवसर उपलब्ध कराने के मामले में मात दे दी।

मोदी सरकार के 4 साल यूपीए के 10 वर्षों पर भारी
भारत में रोजगार देने के मामले में जो सरकारी आंकड़ें, रिसर्च और सर्वे प्राप्त हुए हैं, उससे चौंकाने वाली जानकारी हासिल हुई है। अर्थशास्त्री के रूप में मशहूर मनमोहन सिंह ने अपने 10 सालों में जितना रोजगार दिया है, उसके कई गुना रोजगार मोदी सरकार की सिर्फ एक योजना ने चार साल में ही दे दिया है। जनवरी 2014 में प्रकाशित NSSO के सर्वेक्षण के अनुसार यूपीए सरकार के शासन में 2004-05 से जनवरी 2012 तक 53 million यानि 5 करोड़ 30 लाख रोजगार सृजित हुए। जबकि सिर्फ मुद्रा लोन से 3 साल में 13 करोड़ लोगों को रोजगार मिला। यही नहीं सर्वेक्षण की रिपोर्ट के मुताबिक यूपीए के दो टर्म से पहले वाजपेयी सरकार में भी नौकरियां की बहार रही। सर्वेक्षण के मुताबिक 1999-2000 से 2003-04 के दौरान एनडीए की सरकार के दौरान इससे अधिक 60 million यानि 6 करोड़ रोजगार सृजित हुए थे।

मुद्रा लोन ने 3 साल में 13 करोड़ लोगों को दिए रोजगार
8 अप्रैल, 2015 को शुरू किया गया मुद्रा लोन योजना आज देश में सवा सौ करोड़ देशवासियों के लिए रोजगार ही नहीं, बल्कि आत्मविश्वास भी लेकर आया है। सिर्फ सरकारी आंकड़ों की बात की जाए तो जब से ये योजना शुरू हुई है, तब से 13 करोड़ नए ऋण दिए गए हैं। जाहिर है एक ऋण से अगर एक भी नौकरी सृजित हुई होगी तो चार साल में 13 करोड़ रोजगार का सृजन हुआ। इस योजना के तहत सरकार ने 5 लाख करोड़ रुपये से ज्यादा का लोन दिया है। इसमें 55 प्रतिशत से ज्यादा लाभार्थी SC/ST और OBC कैटेगरी से हैं। खास बात ये है कि 13 करोड़ लोगों में से 28 प्रतिशत यानी सवा तीन करोड़ लोग ऐसे हैं, जिन्होंने पहली बार लोन लिया है। एक और विशेष बात ये है कि इनमें से 75 प्रतिशत यानी 9 करोड़ लाभार्थी महिलाएं हैं।

स्किल डेवलपमेंट से 2.5 करोड़ लोगों को रोजगार
15 जुलाई, 2015 को शुरू की गई मोदी सरकार की महत्वाकांक्षी परियोजना स्किल डेवलपमेंट मिशन ने युवाओं की किस्मत बदलने का काम किया है। Skill Development and Entrepreneurship (MSDE) मंत्रालय के अंतर्गत पिछले वर्ष तक ही 2.5 करोड़ युवा प्रशिक्षण प्राप्त कर चुके थे, जिनमें से एक करोड़ तो अकेले 2017 में ही प्रशिक्षित हुए थे। Skill Development के लिए युवाओं को घर से अधिक दूर नहीं जाना पड़े इसके लिए सरकार ने पिछले वर्ष तक 27 राज्यों के 484 जिलों में 527 प्रधानमंत्री कौशल केंद्र बनाया। जो युवा Long Term Training करना चाहते हैं, उनके लिए उनके आवश्यकता के अनुरूप भी व्यवस्था की गई है।

पिछले वर्ष तक कुल 13,912 ITI स्थापित की गई। मात्र पिछले वर्ष ही इनकी Seating Capacity 77,040 बढ़ाकर कुल 22.82 लाख कर दी गई। पिछले वर्ष अकेले ITI Ecosystem से 12.12 लाख युवाओं को प्रशिक्षण का अवसर मिला। सरकार ने अब इस स्कीम की सफलता को देखते हुए 2020 तक 1 करोड़ युवाओं के कौशल विकास का लक्ष्य रखा है। साथ ही सरकार इसमें 12 हजार करोड़ रुपये का निवेश करेगी।

स्टार्टअप इंडिया से 1 लाख 17 हजार लोगों को रोजगार
भारत में दुनिया का बहुत बड़ा स्टार्टअप इकोसिस्टम विकसित हो चुका है। 28 राज्यों और 6 केंद्र शासित प्रदेशों के करीब 419 जिलों में 9, 750 स्टार्टअप पंजीकृत हुए हैं। सर्वे के मुताबिक एक स्टार्टअप में औसतन 12 लोगों को रोजगार मिलते हैं। यानि 1 लाख 17 हजार लोगों को प्रत्यक्ष रोजगार मिला है। 2013-14 में लगभग 68,000 ट्रेड मार्क रजिस्टर होते थे, लेकिन चार साल में ही अब ये आंकड़ा ढाई लाख से भी ऊपर पहुंच गया है। स्टार्ट-अप के तहत पेटेंट रजिस्ट्रेशन पूर्व के प्रति वर्ष चार हजार की तुलना में अब 11, 500 पेटेंट रजिस्टर हो रहे हैं। गौरतलब है कि चार साल पहले भारत में मोबाइल फोन बनाने वाली सिर्फ दो फैक्ट्रियां थीं, आज 120 फैक्ट्रियां मोबाइल बना रहीं हैं। विशेष बात यह है कि 45 प्रतिशत स्टार्टअप महिलाओँ द्वारा शुरू किए गए हैं।

दुनिया की सबसे बड़ी भर्ती रेलवे में, 1.1 लाख लोगों को रोजगार
रोजगार के क्षेत्र में बेहतरीन काम कर रही मोदी सरकार अब सरकारी नौकरी देने में भी दुनिया का सबसे बड़ा रिकॉर्ड बनाने जा रही है। भारतीय रेलवे ने दुनिया की सबसे बड़ी भर्ती करने का ऑफर निकाला है। एक साथ 1 लाख 10 हजार लोगों को रेलवे सरकारी नौकरी देगी। हालांकि पहले इसके लिए 90 हजार नौकरियां निकाली गई थीं। इसमें ग्रुप डी, ग्रुप सी (टेक्नीशियन व असिस्टेंट लोको पायलट) के अलावा आरपीएफ (रेलवे प्रोटेक्शन फोर्स) और आरपीएसएफ (रेलवे प्रोटेक्शन स्पेशल फोर्स) के रिक्त पद शामिल हैं।

IT सेक्टर में 39 लाख लोगों को रोजगार
NASSCOM के अनुसार भारत में आईटी कंपनियों में 39 लाख लोग वर्तमान में काम कर रहे हैं। इसी वर्ष भी एक लाख और लोगों को रोजगार के अवसर मिलेंगे, जिससे यह आंकड़ा 40 लाख हो जाएगा। NASSCOM का अनुमान है कि 2025 तक देश में आईटी क्षेत्र का कारोबार 350 करोड़ डॉलर का होगा और जिसमें 25 से 30 लाख और अधिक नौकरियों के अवसर पैदा होंगे। इस वर्ष एक लाख नई नौकरियों के साथ ही देश के समग्र आईटी-बीपीओ उद्योग का आकार 14-16 अरब डॉलर तक बढ़ जाएगा।

डिजिटल इंडिया के तहत 10 लाख रोजगार
डिजिटल इंडिया से युवाओं के लिए रोजगार के नये अवसर पैदा हुए हैं। 2014 में जहां देश में मात्र 83 हजार Common Services Centres (CSC) थे, मार्च 2018 तक उनकी संख्या 2 लाख 92 हजार तक पहुंच चुकी थी। इस समय देश में 1 लाख 83 हजार ग्राम पंचायतों तक डिजिटल सेवाएं उपलब्ध हैं। इन सेवाओं में बैंकिंग, बीमा, पेंशन, स्वास्थ्य, शिक्षा, स्किल डेवलपमेंट और आधार आधारित दूसरी सुविधाएं भी शामिल हैं। इन केंद्रों में से 52 हजार केंद्र महिला उद्यमियों द्वारा संचालित हो रहे हैं और वहां 10 लाख लोगों के लिए रोजगार के अवसर पैदा हुए हैं। 

इसके अलावा महत्वपूर्ण तथ्य यह भी है कि 2014 में देश में मोबाइल फोन और उससे जुड़े Accessories बनाने के मात्र 2 यूनिट कार्य कर रहे थे। सिर्फ 3 वर्षों में यह संख्या बढ़कर 120  तक पहुंच गई। इनमें से अकेले मोबाइल हैंडसेट बनाने की आज 59 यूनिट काम कर रही हैं।  सिर्फ इस क्षेत्र ने देश में मात्र 3 वर्षों में ही साढ़े 4 लाख रोजगार का अवसर सृजित किया है।

जनवरी से जून के बीच आईटी क्षेत्र में हुई रिकॉर्ड भर्ती
Times Jobs RecruiteX Biannual की रिपोर्ट के मुताबिक जुलाई, 2018 में भारतीय बाजार में भर्ती गतिविधियों में 16 प्रतिशत की वृद्धि हुई है। जनवरी-जून, 2018 के मध्य आईटी सेक्टर में बंपर भर्तियां हुई हैं। इस रोपोर्ट के मुताबिक खुदरा क्षेत्र में 19%, हेल्थकेयर/फार्मास्यूटिकल्स सेक्टर में 10%, बीएफएसआई में 9%, एफएमसीजी में 7% और बीपीओ/आईटी 5% की बढ़ोतरी दर्ज की गई है। इसके साथ ही ऑटोमोबाइल और इन्फ्रास्ट्रक्चर के क्षेत्र में इस वर्ष की पहली छमाही में नौकरियों में बढ़ोतरी दर्ज हुई है। रिपोर्ट के मुताबिक आईटी उद्योग में पिछले 3 वर्षों में जनवरी-जून की समीक्षा अवधि के मुकाबले इस वर्ष सबसे ज्यादा वृद्धि दर्ज की गई है। भारत में शीर्ष आईटी कंपनियों टीसीएस, कॉग्नीजेंट, इन्फोसिस, विप्रो और एचसीएल टेक्नोलॉजीस ने जून, 2018 में बड़ी संख्या में आईटी प्रोपेशनल्स को भर्ती किया है। आईटी कंपनियों में यह भर्ती पिछले तीन वर्षों में सबसे अधिक है।

पीएम रोजगार प्रोत्साहन योजना से 61 लाख लोगों को रोजगार
मोदी सरकार द्वारा वर्ष 2016-17 में रोजगार सृजन की दिशा में शुरू की गई प्रधानमंत्री रोजगार प्रोत्साहन योजना के तहत अब तक 61.12 लाख को रोजगार मिला है। इस योजना के तहत सर्वाधिक 11.07 लाख रोजगार सृजन महाराष्ट्र में दर्ज किया गया है। जबकि छत्तीसगढ़ में 59,164, मध्य प्रदेश में 1,81,825, हरियाणा में 5,12,317 और दिल्ली में 3,71,122 लोगों को इस योजना का लाभ गत 25 जुलाई तक दिया जा चुका है। इसी प्रकार देश के अन्य राज्यों में इस योजना के तहत रोजगार का तेजी के साथ सृजन किया जा रहा है। सबसे बड़ी बात यह है कि इसके तहत ईपीएफ और ईपीएस देने हेतु नियोक्ताओं को भी अंशदान के लिए प्रोत्साहित किया गया है।

अप्रैल-जून तिमाही में ऑनलाइन भर्ती में 5 प्रतिशत की बढ़ोतरी
मोदी सरकार की नीतियों से जो कारोबारी माहौल बदला है, उससे रोजगार के मौकों में जबरदस्त बढ़ोतरी हुई है। ऑनलाइन भर्ती गतिविधियों में भी जोरदार वृद्धि दर्ज की गई है। पिछले वर्ष की तुलना में इस वर्ष अप्रैल-जून तिमाही में ऑनलाइन भर्तियों में 5 प्रतिशत की बढ़ोतरी हुई है। मॉन्सटर एम्प्लॉयमेंट इंडेक्स के मुताबिक इस तिमाही में मैन्युफेक्चरिंग सेक्टर में पिछले वर्ष की तुलना में 53 फीसदी अधिक वृद्धि हुई है। Monster.com के सीईओ के मुताबिक 2018 की पहली तिमाही में 7.7 फीसदी की जीडीपी ग्रोथ और जीएसटी के सकारात्मक प्रभाव की वजह से कंपनियों ने ऑनलाइन हायरिंग बढ़ाई है। शहरों की बात करें तो रोजगार में सबसे अधिक बढ़ोतरी जयपुर में 20 फीसदी, चंडीगढ़ में 18 फीसदी और कोलकाता में 15 फीसदी दर्ज की गई है।

पर्यटन को बढ़ावा देने से 1.46 करोड़ लोगों को मिला रोजगार
पर्यटन के क्षेत्र में पिछले चार वर्षों में 1.46 करोड़ रोजगार के अवसर मिले हैं। यह जानकारी केंद्रीय पर्यटन राज्यमंत्री (स्वतंत्र प्रभार) के. जे. अल्फोंस ने दी। उन्होंने कहा कि पर्यटन मंत्रालय अब पूर्वोत्तर के राज्यों के प्रति पर्यटकों का ध्यान आकर्षित करने के लिए प्रचार गतिविधियों पर ध्यान केंद्रित कर रहा है, जैसे मेघालय में एशिया का सबसे बड़ा गुफा वाला नेटवर्क है। पर्यटन मंत्री ने कहा कि विदेश में देश को बढ़ावा देने के लिए मंत्रालय ने अमेरीका, यूरोप, चीन तथा नॉर्डिक देशों में कई ‘अतुल्य भारत रोड शो’ आयोजित किए हैं।

अक्षय ऊर्जा क्षेत्र ने 2017 में दिया 4.3 लाख लोगों को रोजगार
प्रधानमंत्री मोदी के नेतृत्व में आर्थिक परिदृश्य बदलने से रोजगार के बंपर मौके भी बन रहे हैं। मनी कंट्रोल की एक रिपोर्ट के अनुसार अक्षय ऊर्जा क्षेत्र में पिछले साल 2017 में 4.32 लाख लोगों को रोजगार मिला। रिपोर्ट के अनुसार भारत के हरित ऊर्जा क्षेत्र में 2016 में 3.85 लाख रोजगार के अवसर बने थे, 2017 में यह आंकड़ा 12 प्रतिशत बढ़कर 4.32 लाख हो गया। भारत ने मई 2018 तक 69 गीगावॉट संचयी अक्षय ऊर्जा की क्षमता प्राप्त कर ली है। इसके साथ ही रिपोर्ट में यह भी कहा गया है कि भारत को अप्रैल 2014 से सितंबर 2016 तक गैर पारंपरिक ऊर्जा क्षेत्र में 1.77 बिलियन डॉलर का एफडीआई प्राप्त हुआ।

सड़क, पोत परिवहन, जल संसाधन विभागों में पैदा हुए 1 करोड़ रोजगार
केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी ने कहा है कि उनके मंत्रालयों की परियोजनाओं से चार साल में रोजगार के एक करोड़ से अधिक अवसर सृजित हुए हैं।उन्होंने कहा कि उनके अधीन आने वाले विभागों ने मई 2014 में एनडीए सरकार आने के बाद से एक करोड़ युवाओं को रोजगार दिया है। जाहिर है कि नितिन गडकरी के पास सड़क परिवहन एवं राष्ट्रीय राजमार्ग, पोत परिवहन और नदी विकास एवं गंगा संरक्षण जैसे अहम मंत्रालय हैं। 

उन्होंने कहा कि इन विभागों ने बड़ी संख्या में प्रत्यक्ष और अप्रत्यक्ष नौकरियां पैदा की हैं। पिछले चार वर्षों में रोजगार सृजन की दर बढ़ी है। श्री गडकरी ने बताया कि जब कभी भी 1,000 करोड़ रुपये का निवेश होता है तो 50 हजार से एक लाख प्रत्यक्ष या अप्रत्यक्ष रोजगार के अवसरों का सृजन होता है। जाहिर है कि पिछले चार वर्षों में सड़क और भवन निर्माण में इस्तेमाल किए जाने वाले उपकरणों का विनिर्माण दोगुना हो गया है, सीमेंट उद्योग भी बढ़ रहा है। इसलिए कोई भी कह सकता है कि इन विभागों से जुड़े उद्योग बढ़ रहे हैं और इंजीनियरों, मजदूरों , ट्रक चालकों जैसे कई लोगों को रोजगार दे रहे हैं।

अगले तीन साल में 1 करोड़ रोजगार देने के लिए मेगा प्लान
मोदी सरकार देशभर में मेगा एंप्लॉयमेंट जोन बनाने के लिए सरकार 1 लाख करोड़ रुपये की योजना तैयार कर रही है। इसका उद्देश्य अगले 3 साल में एक करोड़ युवाओं को रोजगार उपलब्ध कराना है। नवभारत टाइम्स की खबर के मुताबिक इसके तहत तटीय राज्यों में 14 नेशनल एंप्लायमेंट जोन बनाना प्रस्तावित है। शिपिंग मिनिस्ट्री इस प्रपोजल को नीति आयोग के साथ विचार-विमर्श कर अंतिम रूप दे रही है। इस योजना को इस साल के अंत तक या फिर अगले वर्ष पहली तिमाही में लागू किया जा सकता है। एंप्लॉयमेंट जोन में टैक्स में छूट, कैपिटल सब्सिडी और सिंगल-विंडो क्लियरंस जैसे फिस्कल और नॉन-फिस्कल इन्सेंटिव्स दिए जाएंगे।

टेक्सटाइल सेक्टर में 10 करोड़ लोगों को मिलेगा रोजगार
मोदी सरकार ने 300 से अधिक टेक्सटाइल प्रोडक्ट पर इंपोर्ट ड्यूटी दोगुनी करने का फैसला किया है। सरकार ने टेक्सटाइल उत्पादो के इंपोर्ट पर शुल्क 10 फीसदी से बढ़ाकर 20 फीसदी कर दिया है। सरकार के इस फैसले से घरेलू कपड़ा उद्योग को मजबूती मिलेगी और इससे देश में टेक्सटाइल सेक्टर में 10 करोड़ रोजगार सृजित होने की उम्मीद है।

प्रधानमंत्री आवास योजना से 52 करोड़ श्रम दिवस का रोजगार
नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ पब्लिक फाइनेंस एंड पॉलिसी के एक स्टडी के अनुसार ग्रामीण आवास योजना ग्रामीण इलाकों में अकुशल और कुशल मजदूरों के लिए रोजगार के बड़े अवसर लेकर आया है। 12 जून तक के आंकड़ों के अनुसार दो साल में 52 करोड़ श्रम दिवस के रोजगार सृजित हुए हैं। इनमें से 20.85 करोड़ व्यक्ति कुशल और अकुशल श्रम के लिए 31.62 करोड़ व्यक्ति हैं। गौरतलब है कि प्रधानमंत्री आवास योजना (ग्रामीण) 2016 में शुरू की गई थी।

राजमार्ग योजना से 15 करोड़ श्रम दिवसों का रोजगार
प्रधानमंत्री मोदी की सरकार बनने के बाद से देश में राजमार्गों के निर्माण कार्यों में तेजी आई है। आज राजमार्ग के साथ-साथ रोजगार के भी अवसरों की भरमार है। 83 हजार किलोमीटर के राजमार्गों के निर्माण और चौड़ीकरण की योजना को लागू करने के लिए 7 लाख करोड़ रुपये की योजना को मंजूरी दी गई है । इस योजना के साथ 15 करोड़ श्रम दिवसों का रोजगार युवाओं को मिलेगा।

दीन दयाल कौशल्य योजना से साढ़े तीन लाख रोजगार
दीन दयाल ग्रामीण कौशल्य योजना में 7 लाख 88 हजार लोगों को प्रशिक्षित करने के लक्ष्य के तहत 5 लाख 70 हजार लोगों को प्रशिक्षित किया जा चुका है। इनमें से 3 लाख 48 हजार से अधिक लोगों को रोजगार उपलब्ध कराया जा चुका है।

योग बना रोजगार और करियर का बड़ा क्षेत्र
भारत आज योग के ब्रांड के रूप में उभरकर सामने आया है और देश-विदेश में रोजगार के लिए भी एक बड़ा क्षेत्र बन गया है। एसोचैम की एक रिपोर्ट के मुताबिक पूरी दुनिया में करीब 20 करोड़ लोग योग सीख रहे हैं। भारत में योग ट्रेनिंग का कारोबार लगभग 2.5 हजार करोड़ रुपये का हो चुका है। इसमें योग शिविर, कॉरपोरेट्स कंपनियों को दी जाने वाली ट्रेनिंग और प्राइवेट ट्रेनिंग शामिल है। योग टीचर प्रति घंटे 400 से लेकर 1500 रुपये तक की फीस लेते हैं। रुपये से हिसाब लगाएं तो अमेरिका और ऑस्ट्रेलिया जैसे देशों में योग गुरु 3 से 5 घंटे के योग सेशन की फीस 2 से 3 लाख के बीच वसूलते हैं।

‘मेक इन इंडिया’ से 2020 तक 10 करोड़ रोजगार 
देश की अर्थव्यवस्था को मजबूत करने और युवाओं को रोजगार उपलब्ध कराने के लिए प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने 25 सितंबर, 2014 को ‘मेक इन इंडिया’ योजना की शुरुआत की थी। यही वह योजना है जो रोजगार के क्षेत्र में क्रांति लाने की ताकत रखती है। ‘मेक इन इंडिया’ के जरिए 2020 तक 10 करोड़ नए रोजगार के अवसर पैदा करने का लक्ष्य है।

मीडिया और मनोरंजन उद्योग में 7-8 लाख रोजगार
Confederation of Indian Industries (CII) और ग्लोबल मैनेजमेंट कंसल्टिंग कंपनी Boston Consulting Group (BCG) की रिपोर्ट से यह अनुमान सामने आया है कि आने वाले पांच वर्षों में भारत की मीडिया और एंटरटेनमेंट इंडस्ट्री में सात से आठ लाख नौकरियां निकलने जा रही हैं। रिपोर्ट के मुताबिक ग्रामीण क्षेत्रों में मीडिया और मनोरंजन की सामग्रियों को लेकर रुझान काफी बढ़ा है जिसके चलते इस सेक्टर में रोजगार के अवसर काफी बढ़ने वाले हैं।

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