मां, माटी और मानुष की बात करने वाली पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी बांग्लाभाषी युवाओं के लिए खलनायक बन गई हैं। उन्होंने एक तरफ गुजराती भाषा के ऊपर आरोप लगाकर जहां भाषाई लड़ाई कराने की कोशिश की, वहीं NTA यानि National Testing Agency की चिट्ठी से उनके इस दोगलेपन का खुलासा हो गया है।
दरअसल, ममता ने ये आरोप लगाया था कि JEE (MAINS) के लिए नेशनल टेस्टिंग एजेंसी गुजराती भाषा में भी परीक्षा का आयोजन करती है,जबकि बांग्ला भाषा में नहीं करती है। लेकिन अब इस चिट्ठी से ये साफ हो गया है कि नेशनल टेस्टिंग एजेंसी ने 2013 में ही इस संदर्भ में सभी राज्यों को चिट्ठी लिखकर पूछा था। लेकिन सिर्फ महाराष्ट्र और गुजरात ने ही अपनी भाषाओं में परीक्षा करवाने का आग्रह किया था। सच्चाई ये है कि पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने कभी भी बांग्ला भाषा में परीक्षा आयोजित कराने का आग्रह नहीं किया। लेकिन आज इस मुद्दे पर ममता बनर्जी राज्यों को आपस में लड़ाने की कोशिश कर रही हैं। अब नेशनल टेस्टिंग एजेंसी के खुलासे से बंगाल में भाषाई उन्माद पैदा करने की उनकी कोशिश को झटका लगा है।
भाजपा के राष्ट्रीय महासचिव और पश्चिम बंगाल के प्रभारी कैलाश विजयवर्गीय ने लोगों को बांटने के लिए पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी की निंदा की है।
Dear Divider Didi, dividing people in the name of language is not going to multiply your votes!
To set the record straight, you never requested the exam to be held in Bengali!
https://t.co/cgqcM8MGGF https://t.co/SnP6A1PQhs pic.twitter.com/5QkfygKSb6— Kailash Vijayvargiya (@KailashOnline) November 7, 2019
गुजरात के मुख्यमंत्री विजय रूपाणी ने ट्वीट कर कहा है कि ‘डिवाइडर दीदी’ को स्टंटबाजी छोड़ कर राज्य के लोगों के कल्याण के लिए काम करना चाहिए।
Dear #DividerDidi, people of your state need development not such divisive stunts.
Now that the facts are out, you should apologise to the people for your lies!https://t.co/raIJHDJQrO
— Vijay Rupani (@vijayrupanibjp) November 7, 2019