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NDTV की निधि राजदान कांग्रेस की सुपारी पत्रकार हैं

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पत्रकारों का मूल धर्म क्या है? पत्रकारों का मूल धर्म है कि खबरों को निष्पक्ष तरीके से पेश किया जाए और हमेशा सच्चाई का साथ दिया जाए। दुख की बात यह है कि देश के पत्रकार ऐसा नहीं कर रहे हैं, बड़ी संख्या में पत्रकार अपनी व्यक्तिगत निष्ठा और खास एजेंडे के तहत खबरों को तोड़मरोड़ कर पेश करने में लगे हैं। हैरानी की बात यह है कि देश में कई पत्रकारों को अपनी पत्रकारिता का एक ही मकसद नजर आता है कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी या उनकी सरकार का हर हाल में विरोध किया जाए। निधि राजदान भी इसी जमात की एक पत्रकार हैं। निधि NDTV में कार्यकारी संपादक हैं और एंकरिंग भी करती हैं।

NDTV चैनल पर शाम के समय यदि निधि राजदान के कार्यक्रमों को देखा जाए या उनके द्वारा किए गये Tweets पर नजर डाली जाए तो स्पष्ट होता है कि वह कांग्रेस पार्टी के एजेंट के रुप में पत्रकारिता कर रही हैं। इस तरह की सुपारी पत्रकारिता करने वाली निधि राजदान मुद्दों को छोड़कर प्रधानमंत्री मोदी पर निशाना साधती हैं। आइए, आपको निधि राजदान की सुपारी पत्रकारिता के रंग से परिचित कराते हैं-

कांग्रेस के लिए सुपारी पत्रकारिता-1  निधि राजदान ने 28 दिसंबर 2017 को दो Tweets किए, एक Tweet में प्रधानमंत्री मोदी की तारीफ पर अफसोस जाहिर किया तो दूसरे ही Tweet में गोवा में साइकिल चलाती हुई सोनिया गांधी की तस्वीर से गदगद हो गईं। इन दोनों Tweets को पढ़कर आप भी अच्छी तरह समझ जाएंगे कि वाकई में निधि राजदान NDTV में कांग्रेस की सुपारी पत्रकार हैं।

कांग्रेस के लिए सुपारी पत्रकारिता-2 7 फरवरी को प्रधानमंत्री मोदी ने जिस तरह से संसद में राष्ट्रपति के अभिभाषण के धन्यवाद प्रस्ताव पर चर्चा पर जवाब के दौरान कांग्रेस को आड़े हाथों लिया उससे निधि राजदान तिलमिला गईं। प्रधानमंत्री के जवाब पर कांग्रेस के नेता शशि थरूर की प्रतिक्रिया से सुर में सुर मिलाते हुए Twitter पर लिखा -Farrago is back. दूसरे Tweet में निधि ने प्रधानमंत्री मोदी को पकौड़ा बेचने वाला कहकर संबोधित करते हुए प्रश्न पूछा। निधि राजदान की इस प्रतिक्रिया में कांग्रेस के एजेंट के रुप में एक पत्रकार नजर आता है। आप भी निधि के  Tweets पढ़िए-

कांग्रेस के लिए सुपारी पत्रकारिता-3 आश्चर्य होता है जब निधि राजदान जैसे कांग्रेस के एजेंट पत्रकार, कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी के सुर में सुर मिलाते हुए, तथ्यों को नकार कर सोशल मीडिया और मीडिया पर प्रधानमंत्री मोदी के खिलाफ एक मुहिम चलाते हैं। राफेल डील पर रक्षा मंत्री का जवाब आया कि देशहित और सुरक्षा कारणों से कुछ जानकारियां नहीं दी जा सकती है, तो कांग्रेस के बोल में बोल मिलाते हुए निधि ने 5 फरवरी को Tweet किया कि टैक्स देने वाली देश की जनता को कैसे पता चलेगा कि इस डील में कितना रुपया दिया गया? यह लिखते समय निधि को यह ध्यान नहीं रहा कि पूर्व में भी कांग्रेस के रक्षा मंत्री प्रणव मुखर्जी और ए के एंटोनी भी चार बार, देश हित और सुरक्षा कारणों से रक्षा सौदों की जानकारी नहीं दे सके थे। किसी व्यवस्था के आधार पर, बिना किसी ठोस सबूत के निराधार प्रश्न खड़ा करना निधि जैसे सुपारी पत्रकारों की आदत है-

कांग्रेस के लिए सुपारी पत्रकारिता-4 1 फरवरी को संसद में आम बजट पेश होने के बाद, प्रधानमंत्री मोदी ने बजट के बारे में जब अपनी प्रतिक्रिया टीवी चैनलों पर दी तो निधि राजदान को कांग्रेस प्रवक्ता के रुप में प्रधानमंत्री मोदी पर हमला करने का एक और मौका मिल गया-

कांग्रेस के लिए सुपारी पत्रकारिता-5 संसद में बजट पेश होने वाले दिन ही राजस्थान में हुए तीन उपचुनावों के परिणाम भी आए, इन परिणामों से जहां कांग्रेसी अपनी जीत पर खुश थे, उससे कहीं अधिक खुशी निधि राजदान को हुई। 1 फरवरी को राजस्थान की जीत पर सचिन पायलट को बधाई देते हुए लिखा-


कांग्रेस के लिए सुपारी पत्रकारिता-6 पद्मावत फिल्म पर चल रहे विवाद के कारण, सुरक्षा की दृष्टि से गुरुग्राम में 24 जनवरी से क्लब और पब बंद करवा दिए गए थे। इस खबर ने निधि को प्रधानमंत्री मोदी को घेरने का एक और मौका दे दिया। 24 जनवरी को किए गए इस Tweet में निधि ने प्रधानमंत्री मोदी को भारत को विश्व की महाशक्ति होने के दावे से जोड़ दिया। निधि ने जानबूझकर अमेरिका जैसी विश्व महाशक्ति की उन कानून व्यवस्था की घटनाओं को भुला दिया, जो वहां आए दिन होती रहती हैं। इस अमर्यादित Tweet में लिखा-


कांग्रेस के लिए सुपारी पत्रकारिता-7 निधि राजदान किस तरह की पत्रकार हैं, इसका सटीक जवाब उनके 31 दिसंबर 2017 के Tweet से मिलता है। क्या कोई पत्रकार जो लंबे समय से विदेशी मामलों पर पत्रकारिता कर रहा हो, वह कूटनीति और रणनीति की भाषा को समझते हुए भी ऐसे प्रश्न कर सकता है?, जैसा कि इस Tweet में किया गया। इस Tweet में पूछे गए प्रश्न से साफ हो जाता है कि वह कांग्रेस के एजेंट के रूप में ऐसे बोल बोलती हैं। आप भी उस Tweet को पढ़कर इस बात का अंदाजा लगा सकते हैं-


कांग्रेस के लिए सुपारी पत्रकारिता-8 2 G घोटाले के मामले पर जब दिल्ली की सीबीआई अदालत ने निर्णय दिया तो, निधि राजदान का घोटालों के कारण यूपीए सरकार के गिरने पर अफसोस हुआ और वो पूर्व महालेखा परीक्षक और नियंत्रक, विनोद राय को पूरी तरह से दोषी के रुप में देखने लगीं। निधि ने इस भावनात्मक सोच में, तर्क को दरकिनार करते हुए यह भुला दिया कि सर्वोच्च न्यायलय ने इसी मामले में 122 स्पेक्ट्रम आवंटनों को रद्द कर दिया था। जब मामले पर न्यायलय ही उलझ चुका हो, उसे लेकर Twitter पर की गई ऐसी प्रतिक्रिया किसी कांग्रेसी सुपारी पत्रकार की ही लगती है-


कांग्रेस के लिए सुपारी पत्रकारिता-9 प्रधानमंत्री मोदी के विरोध की मानसिकता से निधि राजदान कितनी बुरी तरह प्रभावित हैं, यह उनके 13 दिसंबर 2017 के Tweet से पता चलता है।


कांग्रेस के लिए सुपारी पत्रकारिता-10  निधि राजदान NDTV पर रात 8 बजे जिस डिबेट शो को करती हैं, उसके मुद्दे पूरी तरह से एकतरफा और प्रधानमंत्री मोदी के विरोध में होते हैं। निधि अपने इस प्रोग्राम के बारे में हर रोज Tweets करती हैं। इन कुछ Tweets देखकर आप भी यही निष्कर्ष निकालेंगे कि निधि राजदान वाकई में कांग्रेस की सुपारी पत्रकार हैं-


अगर पत्रकार सुपारी लेकर पत्रकारिता करते हैं, तो देश के विकास और सामान्य जन के लिए कुछ ठोस अंशदान करने के बजाए राजनीति और प्रजातंत्र को दूषित करते हैं। यह बौद्धिक प्रदूषण भारत के प्रजातंत्र के लिए सबसे बड़ा खतरा है।

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