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एक्शन में मोदी सरकार, आतंकी फंडिंग मामले में कश्मीर के अलगाववादी नेताओं के ठिकानों पर NIA की छापेमारी

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आतंकवाद का सिर कुचलने के लिए मोदी सरकार एक साथ कई मोर्चों पर काम कर रही है। एक तरफ जहां पुलवामा अटैक का बदला लेने के लिए पाकिस्तान और पीओके में जैश-ए-मोहम्मद के आंतकी कैंपों पर एयर स्ट्राइक की गई है, वहीं दूसरी तरफ आतंकवादियों को आश्रय और फंडिग देने वाले कश्मीर के अलगाववादी नेताओं पर शिकंजा कसा जा रहा है। इसी सिलसिले में नैशनल इंवेस्टिगेशन एजेंसी यानि एनआईए ने मंगलवार को कश्मीर घाटी में विभिन्न अलगाववादी नेताओं के ठिकानों पर छापेमारी की है।

जानकारी के मुताबिक एनआईए के अधिकारियों ने स्थानीय पुलिस और सीआरपीएफ के जवानों के साथ मिलकर घाटी में करीब नौ स्थानों पर छापेमारी की है। इनमें पाकिस्तान का समर्थन करने वाले अलगाववादी सैयद अली शाह गिलानी के बेटे नईम गिलानी का आवास भी शामिल है। इनके अलावा, जम्मू कश्मीर लिबरेशन फ्रंट (जेकेएलएफ) के नेता यासीन मलिक, शब्बीर शाह, अशरफ सेहराई, मीरवाइज उमर फारुख और जफर भट के घरों पर भी छापे मारे गए। यह छापेमारी हवाला के जरिए अलगाववादियों को कथित रूप से पाकिस्तान से मिलने वाले धन को लेकर की गई है।

गौरतलब है कि पुलवामा हमले के बाद मोदी सरकार कड़े कदम उठाते हुए पाकिस्तान को लगातार घेरने की कोशिश कर रही है। अंतरराष्ट्रीय स्तर पर पाकिस्तान को अलग-थलग करने से लेकर कश्मीर में अलगववादियों पर शिकंजा कसने तक- भारत ने हर तरफ से सख्त रवैया अपना कर आतंकवाद के खिलाफ कड़ी कार्रवाई करने के संकेत दिए थे। मोदी सरकार के इस कदम से साफ हो गया है कि सरकार अब इन अलगाववादियों पर नरम रुख नहीं रखना चाहती है।

सरकार ने वापस ली अलगाववादी नेताओं की दी गई सुरक्षा 
इससे पहले जम्मू-कश्मीर सरकार ने पुलवामा हमले के बाद सख्त कदम उठाते हुए घाटी के 18 हुर्रियत नेताओं और 160 राजनीतिज्ञों को दी गई सुरक्षा वापस ले ली थी। इनमें एसएएस गिलानी, अगा सैयद मौसवी, मौलवी अब्बास अंसारी, यासीन मलिक, सलीम गिलानी, शाहिद उल इस्लाम, जफर अकबर भट, नईम अहमद खान, फारुख अहमद किचलू, मसरूर अब्बास अंसारी, अगा सैयद अब्दुल हुसैन, अब्दुल गनी शाह, मोहम्मद मुसादिक भट और मुख्तार अहमद वजा शामिल थे। इन अलगाववादी नेताओं की सुरक्षा में सौ से ज्यादा गाड़ियां लगी थीं। इसके अलावा 1000 पुलिसकर्मी इन नेताओं की सुरक्षा में लगे थे।

पुलवामा अटैक के बाद घाटी में सुरक्षा कड़ी
आपको बता दें कि पुलवामा अटैक के बाद केंद्र सरकार ने कश्मीर घाटी में सुरक्षा पुख्ता कर दी है। घाटी में पुलिस और अर्द्धसैनिक बलों के जवानों को चप्पे-चप्पे पर तैनात किया गया और हाई अलर्ट जारी कर दिया गया है। सरकार ने जम्मू-कश्मीर में तत्काल प्रभाव से अर्धसैनिक बलों की 100 अतिरिक्त कंपनियों को तैनात कीं है। इनमें 45 सीआरपीएफ, 35 बीएसएफ, 10 एसएसबी और 10 आईटीबीपी की कंपनियां शामिल हैं।

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