Home समाचार नमो विजन ने बदल दी भारत की तकदीर

नमो विजन ने बदल दी भारत की तकदीर

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नोटबंदी के पचास दिन पूरे हो चुके है। नोटबंदी के 50 दिनों के दौरान ही नोटबंदी ने देशभर में असर दिखाने शुरू कर दिए थे। 8 नवंबर को जैसे ही पीएम मोदी ने नोटबंदी का ऐलान किया तो उसी समय देश में फैला जाली नोटों का कारोबार पूरी तरह खत्म हो गया। यानि अर्थव्यवस्था को दीमक की तरह खाने वाले जाली नोट खत्म।

गांव-गरीब को फायदा
कंज्यूमर रिसर्ट फर्म के मुताबिक किए गए एक सर्वे में पता चला है कि ग्रामीण भारत की आय में 47 प्रतिशत की बढ़ोतरी हुई है। नोटबंदी का सबसे ज्यादा फायदा मिला गरीब आदमी को, पूरे देश में एकाउंट खुलने का एक सिलसिला शुरू हो गया यानि गरीब आदमी देश की बैंकिंग व्यवस्था से जुड गया है। सरकार के हाथ तकरीबन 4 लाख करोड़ का ब्लैकमनी हाथ लगने के आसार है।

आतंकी और नक्सलियों की कमर टूटी
नोटबंदी ने आतंकियों की कमर तोड़कर रख दी। नौबत यहां तक आ गई कि आतंकियों को अपनी खाली पड़ी जेब को भरने के लिए बैंक लूटना पड़ रहा है। नक्सलियों के सरेंडर करने की संख्या में तिगुनी वृद्धि हुई और यही नही नोटबंदी से जघन्य अपराधों में 33% की कमी आई।

टैक्सों में बढ़ोतरी दर्ज
अभी तक भारत सरकार को 2 लाख करोड का टैक्स आता था जो बढ़कर 6 लाख करोड़ तक पहुंचने की उम्मीद है। नोटबंदी के दौरान प्रत्यक्ष कर में 14.4% की बढोतरी दर्ज हुई तो अप्रत्यक्ष कर 26.2% की वृद्धि हुई यही नही भारत के खाते में 43.3% ज्यादा एक्साइज ड्यूटी मिली और सर्विस टैक्स में 25.7% की बढ़ोतरी हुई। यानि कुल मिलाकर अर्थव्यवस्था के लिए अच्छी खबर आनी शुरू हो गई।

डिजिटल पेमेंट में बढ़ोतरी
ई-पेमेंट वॉलेट यानि पेटीएम के कारोबार में 300 प्रतिशत की वृद्धि हुई है तो मोबिक्विक के कारोबार में भी 100 फीसदी से ज्यादा की बढ़ोतरी दर्ज की गई है। वहीं यूपीआई से होने वाले सौदो में 500 गुना से ज्यादा की तेजी दर्ज हुई है। और ऐसी ही तेजी रूपे कार्ड और यूएसएसडी के माध्यम से होने वाले व्यापार में देखी गई है।

प्लास्टिक मनी के प्रयोग से फायदा
प्लास्टिक मनी यानि कार्ड से लेन-देन होने पर सारे पैसे का हिसाब-किताब सरकार के पास होगा औऱ जो प्लास्टिक मनी पर जो टैक्स लगता है उसमें भी बेतहाशा बढ़ोतरी होगी। अगर सारा पैसा सरकार के पास आएगा तो मुद्रास्फीति में 50 फीसदी की कमी आएगी जिससे पेट्रोल और डीजल के दाम आधे हो जाएंगे और यानि उपभोग की सभी वस्तुओं के दाम आधे हो जाएंगे।

महंगाई कम हुई/ आम लोगों को फायदा
14 लाख करोड़ रूपये बैंकिंग व्यवस्था में आने से सीधा फायदा लोगों को होगा ये पैसा लोगों की भलाई में प्रयोग होगा जैसे आवास योजना आदि और जब पैसा मार्किट में आएगा तो मुद्रास्फीति में कमी आएगी जिससे महंगाई अपने आप कम होगी। और इसका असर एडवांस में दिखने भी लगा है। सब्जियों के दामों में 40% की कमी आ गई है। मकानों के दामों में भी 30% तक की कमी आ गई है।

तेजी से बढ़ती अर्थव्यवस्था।
पुरी दुनिया मंदी की चपेट में है वहीं भारत ने अपनी पहचान सबसे तेज गति से आगे बढ़ने वाली अर्थव्यवस्था में बना ली है। इंटरनेश्नल मोनेटरी फंड ने कहा है कि नोटबंदी के कारण शुरूआती दिक्कतों के बावजूद भारत सबसे तेजी से आगे बढ़ने वाली अर्थव्यवस्था बना हुआ है। वर्ल्ड बैंक का भी मानना है कि भारत की अर्थव्यवस्था में हुए सुधारों की वजह से वो सबसे तेजी से आगे बढ़ रही है। और साथ ही भारत ब्रिटेन को पछाड़कर दुनिया की पांचवी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था भी बन गया है।

स्मार्ट सिटी खोलेगी विकास के नए पथ
तेजी से बढ़ते शहरीकरण को ध्यान में रखते हुए नरेंद्र मोदी ने देशभर में 100 स्मार्ट सिटी विकसित करने का लक्ष्य रखा है। 2022 तक भारत को इन स्मार्ट सिटी के विकास के माध्यम से भारत को अग्रणी पंक्ति में खड़ा करना है। संयुक्त राष्ट्र के मुताबिक अकेले भारत में 2050 में दुनिया की शहरी आबादी का योगदान 37 प्रतिशत योगदान होगा। इस जरूरत को ध्यान में रखकर मोदी ने एक दूरगामी सोच का परिचय देकर स्मार्ट सिटी योजना शुरू की। अब भारत सरकार के पास इतना पैसा आ गया है कि जल्दी से इस योजना को पूरा किया जा सकेगा

डिजिटल साक्षरता अभियान

डिजिटल साक्षरता में सुधार प्रधानमंत्री मोदी की योजना का एक अन्य मुख्य उद्देश्य उच्च गति के इंटरनेट नेटवर्क के साथ ग्रामीण क्षेत्रों को जोड़ने और डिजिटल साक्षरता में सुधार है। आंकड़ों पर नजर डाले को 2015 तक केवल 22 प्रतिशत वयस्कों ने ही इंटरनेट का प्रयोग किया था। इसी फासले को कम करने के लिए मोदी ने एक राष्ट्रीय फाइबर ऑप्टिक नेटवर्क योजना बनाई है ताकि देश का हर नागरिक ब्रॉडबैंड इंटरनेट की सुविधा का फायदा उठा सके।

इन 50 दिनों में देश में अभूतपूर्व बदलाव देखने को मिला है। टैक्नोलोजी के साथ चलता भारत पूरी दुनिया पर अपनी अमिट छाप छोड़ने के लिए तैयार खड़ा है। जो मोदी की डिजिटल इंडिया की मुहिम को भारत के भविष्य निर्माण की एक सुनहरी पहल के रूप में देख रहा है।

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