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मुस्लिम आरक्षण के बहाने चल रही है देश के विभाजन की एक और तैयारी! मोदी सरकार को मान रहे खतरा

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मुसलमानों के वोट बैंक की राजनीति का खेल खेलने वाली पार्टियों के चलते एक बार फिर देश में धार्मिक आधार पर विभाजन का खतरा पैदा हो गया है। ये पार्टियां मुस्लिम आरक्षण के लिए केंद्र में मोदी सरकार की हार की दुआ मांग रही है, ताकि कोई उनको अपने मंसूबे पूरे करने के लिए रोक न सके। तेलंगाना के सीएम के चंद्रशेखर राव ने मुस्लिम तुष्टिकरण के लिए मुसलमानों को आरक्षण देने का पांसा फेंका हैं, लेकिन भाजपा ने साफ कह दिया है कि वो न तो किसी राज्य में मुस्लिम आरक्षण देगी और न किसी और पार्टी या राज्य सरकार को देने देगी। लेकिन के चंद्रशेखर राव ने इसे भी चुनावी मुद्दा बना लिया है। वो मुसलमानों को ये भरोसा दे रहे हैं कि वो 2019 में केंद्र में मोदी की सरकार को दोबारा नहीं आने देंगे और केंद्र में बनने वाली नई सरकार से मुस्लिमों को आरक्षण दिलवाएंगे। गौरतलब है कि तेलंगाना में केसीआर की पार्टी तेलंगाना राष्ट्र समिति असदुद्दीन ओवैसी की  ऑल इंडिया मजलिस ए उतेहादुल मुस्लमीन के साथ मिलकर चुनाव लड़ रही है।

तेलंगाना के अलावा यूपी, बिहार और महाराष्ट्र जैसे दूसरे राज्यों में यही खेल खेल जा रहा है। इन राज्यों में भी धार्मिक आधार पर मुसलमानों को आरक्षण देने की पैरवी की जा रही है।

यूपी और बिहार में तो कांग्रेस, समाजवादी पार्टी और बीएसपी अलग-अलग वक्त पर अपने घोषणा पत्र में मुस्लिमों को 18 फीसदी आरक्षण का वादा कर चुकी है। यूपीए सरकार में मंत्री सलमान खुर्शीद केंद्र सरकार की नौकरियों में 3.5 फीसदी आरक्षण का प्रस्ताव लेकर आए थे जिसे कोर्ट ने ठुकरा दिया। महाराष्ट्र में भी कांग्रेस की पूर्व सरकार ने मुस्लिमों को आरक्षण देने का प्रस्ताव पास किया था लेकिन वो भी अटक गया। अब बिहार में भी 10 फीसदी आरक्षण मांगा जा रहा है। जाहिर है, मुस्लिम वोट बैंक के लालच में एक बार फिर खतरनाक खेल शुरू हो गया है।   

मुस्लिम तुष्टिकरण का खतरनाक खेल
1949 : अयोध्या में राम मंदिर बनाने का कांग्रेस े विरोध किया जो आज तक नहीं बन पाया है।
1951 : डॉ अम्बेडकर कॉमन सिविल कोड लागू करना चाहते थे, लेकिन तब क प्रधानमंत्री नेहरू ने विरोध किया।
1975 : इंदिरा गांधी ने मुस्लिमों के विरोध के कारण नसबंदी अभियान को हिंदुओं पर थोप दिया।
1987 : शाहबानो केस में तलाकशुदा मुस्लिम महिलाओं को गुजारा भत्ता देने का सुप्रीम कोर्ट का फैसला पलट दिया।
2004 : आंध्र प्रदेश में कांग्रेस ने मुसलमानों को आरक्षण दिलाने का वादा किया।
2006 : मनमोहन सिंह ने कहा कि देश के संसाधनों पर पहला हक मुसलमानों का है।
2007 : मक्का ब्लास्ट में मुस्लिम आतंकियों को छोड़ा और ‘भगवा आतंकवाद’ की साजिश रची ।
2010 : राहुल गांधी ने अमेरिकी राजदूत टिमोथी रोमर से कहा- ‘मुस्लिम आतंकवादियों से बड़ा खतरा देश के हिन्दू हैं।’
2016 : उत्तराखंड में हर शुक्रवार मुस्लिमों को 90 मिनट का अतिरिक्त अवकाश देने का निर्णय किया।
2016 : कपिल सिब्बल ने भगवान राम की तुलना तीन तलाक और हलाला से की।
2018: एमपी में कांग्रेस ने घोषणापत्र में आरएसएस की शाखाओं पर पाबंदी लगाने का वादा किया

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