आखिरकार औपचारिक रूप से दिल्ली विधानसभा के भीतर हत्या की कोशिश का मामला दिल्ली के सिविल लाइन्स थाने में दर्ज हो गया। कपिल मिश्रा ने अपने ही पूर्व साथियों अमानतुल्ला, मदन लाल और जरनैल सिंह के खिलाफ हत्या की कोशिश का केस दर्ज करा दिया। केजरीवाल सरकार के खिलाफ ये सबसे संगीन जुर्म बताया जा रहा है।
30 मई को जब दिल्ली सरकार में मंत्री रह चुके कपिल मिश्रा ने केजरीवाल सरकार के खिलाफ भ्रष्टाचार के पोस्टर लहराए, तो हंगामा बरप गया। स्पीकर ने मार्शल को आदेश दिया कि वे कपिल को बाहर कर दें लेकिन उससे पहले ही कपिल को आम आदमी पार्टी के विधायकों ने घेर लिया, किसी ने गर्दन पकड़ी किसी ने हाथ…किसी ने गला दबाया, किसी ने मारी लात। इस घटना का फुटेज सभी चैनलों पर चला। केस दर्ज कराने से पहले कपिल मिश्रा ने पूरी घटना के बारे में लिखे अपने ब्लॉग को ट्विटर पर डाला।
#delhi @KapilMishraAAP विधानसभा में हुए हमले पर आज दर्ज कराएंगे FIR। pic.twitter.com/iQyYf1Arao
— NBT Hindi News (@NavbharatTimes) June 3, 2017
बात इतनी नहीं थी कि जोश में कोई होश खोने वाली घटना हो गयी हो। घटना के वक्त मुख्यमंत्री अरविन्द केजरीवाल वहीं मौजूद थे। कपिल मिश्रा का कहना है कि उन्होंने एक बार भी अपने साथियों को न रोका-न टोका। यहां तक कि बाद में भी इस घटना की न निन्दा की, न अपने साथियों को क्षमा मांगने को कहा। कपिल मिश्रा का तो यहां तक दावा है कि डिप्टी सीएम मनीष सिसौदिया के इशारे पर और उनके उकसावे पर ये घटना घटी। कपिल ने कहा कि आप नेतृत्व को पूरा वक्त देने के बाद उन्होंने केस दर्ज कराने का फैसला किया।
तीन दिन WAIT किया कि AK विधानसभा में जो मेरा गला दबाने की कोशिश हुई उस पर कार्यवाही करेंगे। आज करवाऊंगा FIR https://t.co/UDmOXcLgC8
— Kapil Mishra (@KapilMishraAAP) June 3, 2017
कपिल मिश्रा क्या कह रहे हैं, उसे एक तरफ कर दें तो भी यह घटना आम आदमी पार्टी और उसकी सरकार के लिए काला धब्बा बना रहेगा। जो व्यक्ति कल तक साथ था, आज खिलाफ है तो उसके साथ क्या वह सलूक किया जाएगा जो कपिल मिश्रा के साथ हुआ?- ये बड़ा सवाल है जो आम आदमी पार्टी के कार्यकर्ताओं को भी सोचने पर मजबूर कर रहा है।