मध्यप्रदेश विधानसभा चुनाव के वक्त किसानों से किए वादे से कांग्रेस पूरी तरह पलट चुकी है। एमपी की कमलनाथ सरकार किसानों से कर्जमाफी के नाम पर मजाक कर रही है। कांग्रेस ने 2 लाख रुपये तक के ऋण को माफ करने का वादा किया था, लेकिन मध्य प्रदेश से किसानों के दो-चार रुपये से लेकर 13 रुपये तक की कर्जमाफी की खबरें आ रही हैं। 13 रुपये की कर्जमाफी
मध्य प्रदेश के किसान शिवलाल कटारिया बीते बुधवार को अधिकारियों द्वारा जारी किए गए कृषि ऋण माफी के लाभार्थियों की सूची में अपने नाम के आगे 24,000 रुपए की बजाय 13 रुपये देखकर हैरान रह गए। जबकि, राज्य सरकार ने 2 लाख रुपए तक का ऋण माफ करने का वादा किया था। कटारिया इंदौर से 120 किलोमीटर दूर आगर मालवा जिले के निपनिया बैजनाथ गांव के निवासी हैं। न्यूज वेबसाइट फर्स्ट पोस्ट की खबर के मुताबिक किसान शिवलाल कटारिया ने कहा- राज्य सरकार ने 2 लाख रुपए तक का ऋण माफ करने का वादा किया था, फॉर्म भरे गए थे और मुझे 23,815 रुपए की अपनी ऋण राशि की पूरी छूट की उम्मीद थी’ लेकिन पंचायत में जो सूची आई है, उसमें कहा गया है कि केवल 13 रुपए माफ किए गए हैं।
‘उतने की तो पी जाते हैं बीड़ी’
मध्य प्रदेश में किसानों के साथ जारी मजाक के ऐसे कई मामले हाल के दिनों लगातार सामने आए हैं। जब विधानसभा चुनाव से पहले कर्जमाफी का वादा करने वाली कांग्रेस सत्ता में आई तो शिवपाल जैसे लोगों को लगा कि इससे उन्हें थोड़ी राहत मिलेगी। लेकिन, नतीजा ढाक के तीन पात ही निकला। शिवपाल ने बताया- मैं एक ईमानदार किसान हूं। मैं नियमित रूप से अपना बकाया चुका रहा हूं। पूछताछ करने पर कर्मचारियों ने कहा कि कर्जमाफी की तारीख में मुझ पर कर्ज नहीं था। ऋण माफी योजना में बड़ी अनियमितताएं हैं। मैंने अधिकारियों को इस बारे में सूचना दी है। शिवलाल अकेले उदाहरण नहीं हैं। ऐसे अनेक किसान हैं, जिनके साथ कमलनाथ सरकार ने धोखा किया है। गुस्साए किसानों ने कहा- ‘जितने रुपए का कर्ज माफ हो रहा है, उतने की तो हम बीड़ी पी जाते हैं’। किसानों का कहना है कि सरकारी बैंकों में कर्जमाफी की सूची अंग्रेजी में लगी है, जिससे हम लोगों को दिक्कतें आ रही हैं।
कर्जमाफी के नाम पर बंदरबांट का खेल
मध्य प्रदेश में बीजेपी नेता और विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष गोपाल भार्गव ने कमलनाथ सरकार पर जमकर निशाना साधा है। उन्होंने कर्जमाफी की प्रक्रिया पर सवाल खड़े किए हैं। ट्विटर पर उन्होंने लिखा है कि, ‘मध्य प्रदेश सरकार का कर्जमाफी के नाम पर बंदरबांट का खेल चल रहा है। कर्जमाफी के नाम पर 3-5 रुपए माफ करने का ढोंग कर रहे हैं और जिन्होंने कर्ज लिया ही नहीं उनके नाम से कर्जमाफ कर रहे हैं।’ इससे पहले उन्होंने सरकार पर किसानों के साथ मजाक करने का आरोप लगाया। उन्होंने लिखा, ‘मध्य प्रदेश की कांग्रेस सरकार ने मजाक बना दिया है। 2-5 रुपए माफ करके हमारे अन्नदाताओं का भी मजाक बनाया जा रहा है।’
मध्य प्रदेश में किसान ऋण मुक्ति योजना के तहत किसान कर्जमाफी के फॉर्म भरने लगे हैं, लेकिन जो सूची सरकारी दफ्तरों में चिपकाई जा रही है, उससे किसान खासे परेशान हैं। किसी के नाम के आगे 30 रुपए की कर्जमाफी है तो किसी के नाम के आगे सौ रुपए। किसानों की कर्जमाफी के मुद्दे पर ही कांग्रेस सत्ता में आई है और कमलनाथ ने मुख्यमंत्री की कुर्सी संभालते ही सबसे पहले कर्जमाफी को मंजूरी देने का ढोंग किया था। कर्जमाफी की प्रक्रिया को लेकर प्रदेश भर के किसानों में ऊहापोह की स्थिति बनी हुई है।