Home नरेंद्र मोदी विशेष प्रधानमंत्री मोदी की ‘पॉजिटिव पॉलिटिक्स’ से परास्त हो रहे विरोधी

प्रधानमंत्री मोदी की ‘पॉजिटिव पॉलिटिक्स’ से परास्त हो रहे विरोधी

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09 जून, 2013… देश की राजनीति में इसी दिन से मोदी युग की शुरुआत हुई। इसी दिन गोवा में भारतीय जनता पार्टी की राष्ट्रीय कार्यकारिणी की बैठक में गुजरात के तत्कालीन मुख्यमंत्री नरेन्द्र मोदी को प्रचार अभियान समिति का अध्यक्ष बनाने की घोषणा की गई थी। यह दिन इस मायने में भी ऐतिहासिक है कि यहीं से Negative politics का त्याग कर सकारात्मक राजनीति के पथ पर चलने की प्रतिबद्धता जताई गई और नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व में ‘सबका साथ, सबका विकास’ की अवधारणा के साथ देश की राजनीति ने नई करवट ली। उनके व्यक्तित्व और छवि ने पार्टी के कार्यकर्ताओं में नई ऊर्जा का संचार किया तो भारतीय जनता पार्टी ने मिशन 272 प्लस का लक्ष्य पूरा किया और 2014 का लोकसभा महासंग्राम जीत लिया।

दरअसल प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने इस ‘विकास यात्रा’ में ‘इंडिया फर्स्ट’ के कंसेप्ट को आगे रखा है। उनके नेतृत्व में हुए चुनाव दर चुनाव का विश्लेषण करें तो ये स्पष्ट है कि देश की जनता ने Negative thinking वाली जाति-जमात की राजनीति को हर बार खारिज किया है और पीएम मोदी के Positive politics को तहेदिल से अपनाया है।

आइये नजर डालते हैं जून 2013 के बाद हुए चुनावों में विपक्ष की नकारात्मक राजनीति को कैसे प्रधानमंत्री मोदी ने अपनी सकारत्मक राजनीति से परास्त किया है:-

वर्ष 2013 में हुए विधानसभा चुनाव

राजस्थान
कांग्रेस का कुप्रचार
भारतीय जनता पार्टी को सांप्रदायिक कहकर संबोधित किया। नरेन्द्र मोदी के बारे में कुप्रचार किया और गुजरात दंगों के बारे में गलत बातें कीं, झूठे तथ्य रखे। नरेन्द्र मोदी को उनकी पत्नी का नाम लेकर महिला विरोधी बताया। 

मोदी विजन
भारतीय जनता पार्टी ने विकास को मुद्दा बनाया, महिलाओं के सशक्तिकरण की बात की, राजस्थान में विकास योजनाओं का खााका खींचा और पिछड़े इलाकों में विकास की रोशनी पहुंचाने का वादा किया।

चुनाव परिणाम
एक दिसंबर, 2013 को मत डाले गए और नरेन्द्र मोदी ने इसके लिए 20 बड़ी चुनावी सभाएं कीं। 200 में से 163 सीटें भाजपा ने जीतीं। राज्य में कुल 25 महिला उम्मीदवारों ने जीत दर्ज की, जिनमें 19 केवल भाजपा से थीं।

मध्यप्रदेश
कांग्रेस का कुप्रचार
कांग्रेस ने शिवराज सिंह को भ्रष्ट कहा, शिवराज सिंह सरकार को हत्यारी सरकार बताया, नरेन्द्र मोदी को गोधरा दंगों का मास्टरमाइंड कहा, भाजपा को सांप्रदायिक पार्टी कहा और मुस्लिम विरोधी बताया।

मोदी विजन
नरेन्द्र मोदी ने 70 लाख नए मततदाताओं की बात की। युवाओं की उम्मीदों को पंख दिए और रोजगार सृजन की बात कही। शिवराज सिंह चौहान के नेतृत्व में मध्य प्रदेश में हुए विकास की बात की और अगले पांच सालों में क्या करेंगे, इसकी कार्ययोजना प्रस्तुत की।

चुनाव परिणाम
आठ दिसंबर, 2013 को विधानसभा चुनावों के परिणाम आए। कुल 230 सीटों में भाजपा के 165, कांग्रेस के 58, बसपा के चार और अन्‍य तीन विधायक चुने गए। नरेन्द्र मोदी ने 20 चुनावी सभाएं कीं और कांग्रेस के मजबूत किले भी मोदी की आंधी में ढह गए।

छत्तीसगढ़
कांग्रेस का कुप्रचार
दुनिया के सबसे बेहतरीन पीडीएस सिस्टम को भी कांग्रेस ने निशाना बनाया और भ्रष्ट व्यवस्था कहा। नक्सलवाद से ग्रसित बस्तर में भी विकास की रोशनी पहुंचाने वाले रमन सिंह की आलोचना की। राजनीतिक हत्याओं के आरोप भी लगाए।

मोदी विजन
नरेन्द्र मोदी ने प्रदेश के कोने-कोने में विकास की रोशनी पहुंचाने का वादा किया। नक्सलियों को मुख्यधारा में लाने की बातें कहीं और राज्य के प्राकृतिक संसाधनों की लूट पर रोक लगाने की नीति बनाने का वादा किया।

चुनाव परिणाम
नवंबर में हुए चुनाव का परिणाम 8 दिसंबर, 2013 को आया और भाजपा ने जीत दर्ज की। 49 सीटें भाजपा ने जीतीं और कांग्रेस ने 39 सीटें जीतीं।

दिल्ली
कांग्रेस का कुप्रचार
कांग्रेस ने भारतीय जनता पार्टी को दंगा पार्टी कहा, पीएम मोदी पर निजी हमले किए और बाहरी और भीतरी आबादी जैसी बातें कहकर दिल्ली वालों के दिलों में दरार पैदा करने की कोशिश की।

मोदी विजन
भाजपा ने सबको जोड़ने की बात की, सबका साथ-सबका विकास की बात कही। दिल्ली पर देश के हर कोने के व्यक्ति का अधिकार कहा और सिर्फ और सिर्फ दिल्ली के विकास की बातें कहीं।

चुनाव परिणाम
दिल्ली में 70 सीटों वाली विधानसभा में 31 सीटें भाजपा ने जीतीं और आम आदमी पार्टी ने 28 जबकि कांग्रेस को आठ सीटें मिलीं। सबसे बड़ी पार्टी होने के बावजूद भाजपा ने सरकार नहीं बनाई।

वर्ष 2014 में हुए विधानसभा चुनाव
महाराष्ट्र, हरियाणा, जम्मू-कश्मीर, झारखंड, आंध्र प्रदेश, तेलंगाना, सिक्किम और ओडिशा में विधानसभा चुनाव हुए। इन आठ राज्यों में से पांच में भाजपा और सहयोगियों ने सरकार बना ली।

महाराष्ट्र
कांग्रेस का कुप्रचार
कांग्रेस ने भाजपा को भ्रष्ट कहा, भारत जलाओ पार्टी कहकर हंसी उड़ाई, भगवा आतंकवाद की बात फैलाई, गुजरात दंगे को लेकर बार-बार पीएम मोदी पर हमला किया और सांप्रदायिक ध्रुवीकरण की कोशिश की।

मोदी विजन
प्रधानमंत्री मोदी ने महाराष्ट्र के कोने-कोने में चेक डैम बनाने की बात कही। सूखे से निजात दिलाने की कार्ययोजना लोगों के समक्ष रखी और प्रदेश को भ्रष्टाचार मुक्त करने का वादा किया, नागपुर में मेट्रो परियोजना देने की बात की, विदर्भ को सूखा मुक्त करने का वादा किया।

चुनाव परिणाम
2014 में प्रधानमंत्री बनने के बाद भी नरेंद्र मोदी ने महाराष्ट्र में 15 चुनावी रैलियां कीं और विकास को मुद्दा बनाया। शिवसेना से अलग होने के बाद भी 2009 के मुकाबले पार्टी ने 122 सीटें जीतीं और भाजपा की सरकार बनी।

हरियाणा
कांग्रेस का कुप्रचार
कांग्रेस ने भाजपा और पीएम मोदी को देश विरोधी करार दिया। गुजरात मॉडल की हंसी उड़ाई और पार्टी को सांप्रदायिक कहकर निशाने पर लिया।

मोदी विजन
प्रधानमंत्री ने जातिविहीन समुदाय की अवधारणा सामने रखी। लिंगानुपात में सुधार लाने का आह्वान किया, सैनिकों को वन रैंक, वन पेंशन देने का वादा किया और हरियाणा को विकास की रेस में आगे ले जाने की बात की।

चुनाव परिणाम
प्रधानमंत्री मोदी ने 10 रैलियां कीं, जिसका नतीजा रहा कि 2009 में 4 सीटों पर रही भाजपा ने 47 सीटें जीत लीं और अकेले दम पर सरकार बना ली।

झारखंड
विरोधियों का दुष्प्रचार
कांग्रेस और झामुमो गठबंधन ने नकारात्मक राजनीति की। वे स्थानीय मुद्दों को छोड़ पीएम मोदी को निशाने पर लेते रहे और राज्य के हित की बात नहीं की।

मोदी विजन
पीएम मोदी के नेतृत्व में भाजपा ने विकास की कार्ययोजना जनता के सामने रखीं। वन संपदा को बढ़ाने, लिंगानुपात ठीक करने, वन माफियाओं पर कार्रवाई करने और प्राकृतिक संपदाओं की लूट को बंद करने जैसे वादे किए।

चुनाव परिणाम
झारखंड की चौथी विधानसभा के लिए हुए चुनाव में पहली बार राज्‍य में किसी गठबंधन को स्‍पष्‍ट बहुमत मिला। 81 सीटों वाले विधानसभा में भाजपा को 37 और आजसू को 5 सीटें मिलीं और पूर्ण बहुंमत की सरकार बनाई।

जम्मू-कश्मीर
कांग्रेस-एनसी का कुप्रचार
उमर अब्दुल्ला सरकार से लोगों की नाराजगी थी, नौकरियां नहीं थीं, भ्रष्टाचारी सरकार को लोग उखाड़ फेंकना चाहते थे। इसके बावजूद दोनों ही पार्टियों ने लगातार प्रधानमंत्री मोदी पर हमला बोला और नकारात्मक राजनीति की।  

मोदी विजन
लोगों विकास के लिए बदलाव की चाहत थी। पीएम मोदी ने इसे सकारात्मक मोड़ दिया। उन्होंने कश्मीरियत, इंसानियत, जम्हूरियत का मूल मंत्र दिया। उन्होंने टेररिज्म की जगह टूरिज्म को बढ़ाने का आह्वान किया। उन्होंने बिजली की आपूर्ति में सुधार, सड़कों की दशा ठीक करने का कमिटमेंट किया, आतंकवादियों के विरूद्ध कड़ी कार्रवाई का भरोसा दिया और राज्य को विकास की रेस में लाने का वादा किया। 

चुनाव परिणाम
प्रधानमंत्री मोदी ने पांच चुनावी सभाएं कीं और चुनाव परिणाम भी अपेक्षा के अनुरूप रहे। 23 प्रतिशत वोट पाकर भाजपा पहले नंबर की पार्टी बनी, हालांकि 25 सीटें लेकर वह दूसरे नंबर की पार्टी बनी। पीडीपी को 28 सीटें मिलीं थी। सबसे खास यह कि नेशनल कांफ्रेंस और कांग्रेस तीसरे और चौथे नंबर पर खिसक गई।

वर्ष 2015 में हुए विधानसभा चुनाव
2015 में दिल्ली और बिहार में विधानसभा चुनाव हुए जिसमें भारतीय जनता पार्टी जीत दर्ज नहीं कर सकी, लेकिन दोनों ही राज्यों में भाजपा के वोट प्रतिशत में काफी इजाफा हुआ। हालांकि बिहार की जनता ने सबसे ज्यादा कमल के बटन को दबाया। भाजपा को 24.4 और एनडीए को 34.1 प्रतिशत वोट मिले। वहीं आरजेडी को 18.9, जेडीयू को 16.8 और कांग्रेस को 6.7 प्रतिशत वोट मिले थे। यानि साफ है कि नरेन्द्र मोदी की सकारात्मक राजनीति के लिए यहां भी समर्थन बढ़ा। वहीं दिल्ली में भी भाजपा के मत प्रतिशत में बढ़ोतरी हुई।

वर्ष 2016 में हुए विधानसभा चुनाव
इस वर्ष केरल, पश्चिम बंगाल, पुडुचेरी, असम और तमिलनाडु में विधानसभा चुनाव हुए। असम में भाजपा ने बड़ी जीत हासिल की।

कांग्रेस का कुप्रचार
कांग्रेस ने हिंदू मुस्लिम राजनीति की, बांग्लादेशी घुसपैठियों का तुष्टिकरण करने की कोशिश की और भाजपा को विकास विरोधी बताने के साथ ही सांप्रदायिक बताया।

मोदी विजन
भाजपा ने कांग्रेस के कुप्रचार पर ध्यान न देते हुए सिर्फ और सिर्फ विकास पर ध्यान केंद्रित किया। पूर्वोत्तर के विकास का वादा किया और भारत के विकास में असम के अहम रोल को दोहराया।

चुनाव परिणाम
भाजपा का वोट शेयर बढ़ा और 36.5 प्रतिशत वोट शेयर के 126 सदस्यीय विधानसभा में 86 सीटें जीत लीं। जबकि 2011 में यही संख्या महज 26 थी।

वर्ष 2017 में हुए विधानसभा चुनाव
सात में से छह राज्यों में भाजपा सरकार

उत्तर प्रदेश
कांग्रेस+सपा और बसपा
भाजपा को सांप्रदायिक कहा, जातिवादी राजनीति का चक्रव्यूह रचा। हिंदू-मुस्लिम राजनीति की पृष्ठभूमि तैयार की और वर्गभेद को हवा देने की पुरजोर कोशिश की।

मोदी विजन
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने 20 बड़ी रैलियां कीं। सबका साथ, सबका विकास का नारा दिया। पूर्वोत्तर और बुंदेलखंड की विकास कार्ययोजना के प्रारुप प्रस्तुत किए। पश्चिमी यूपी में गन्ना किसानों के बकाया भुगतान का वादा किया और प्रदेश के सभी किसानों का एक लाख तक के कर्ज माफी का वादा किया।

चुनाव परिणाम
वर्ष 2012 के मुकाबले बीजेपी के वोट शेयर में 25 प्रतिशत की वृद्धि हुई और 42 प्रतिशत वोट प्रतिशत के साथ 325 सीटों पर जीत हासिल की। जबकि 2012 में महज 47 सीटें ही मिली थीं।

उत्तराखंड
कांग्रेस का कुप्रचार
भाजपा को भ्रष्टाचारी कहा, अंहकारी कहा, संविधान का अपहरणकर्ता कहा, विकास का दुश्मन कहा और उत्तराखंड को अपवित्र करने वाली पार्टी कहा।

मोदी विजन
चार धाम को जोड़ने वाले हाई-वे की योजना प्रस्तुत की। सर्वसमाज के हित की बात की। पर्यावरण को अनुकूल बनाए रखने की कार्ययोजना बताई। तीर्थयात्रियों की सुविधाएं बढ़ाने का वादा किया और रोजगार के और अधिक अवसर पैदा करने की बात कही।

चुनाव परिणाम
प्रधानमंत्री ने प्रदेश में चार बड़ी रैलियां कीं जिसने माहौल पूरी तरह बदल दिया। भाजपा ने 2012 के 33 प्रतिशत वोट शेयर को बढ़ाकर 46.5 प्रतिशत कर लिया और 57 सीटें जीत लीं।

गोवा
कांग्रेस के कुप्रचार और क्रिश्चियन विरोधी बताने के बावजूद भाजपा ने सरकार बनाई। कांग्रेस के 30.8 प्रतिशत से अधिक यानि 32.5 प्रतिशत वोट प्राप्त किए। गोवा में भी कांग्रेस के दुष्प्रचार के बावजूद मनोहर पर्रिकर के नेतृत्व में भाजपा ने महाराष्ट्रवादी गोमांतक पार्टी और अन्य सहयोगियों के साथ सरकार बनाई।

मणिपुर 
मणिपुर में बीजेपी वोट शेयर के लिहाज से सबसे बड़ी पार्टी के तौर पर उभरी और यहां बीजेपी को 36.3 प्रतिशत वोट मिले। दूसरी तरफ कांग्रेस का वोट शेयर 7 प्रतिशत लुढ़क गया। मणिपुर में पिछली बार बीजेपी को 2 प्रतिशत वोट मिले थे और पार्टी का खाता तक नहीं खुला था। जबकि इस बार उसे सबसे ज्यादा 36.3 प्रतिशत वोट मिले और पार्टी ने 21 सीटों पर जीत हासिल की। सहयोगियों के साथ मिलकर भाजपा ने सरकार बनाई।

गुजरात
कांग्रेस का कुप्रचार
‘गुजरात में मोदी को गिरा दो’ की नीति पर चलते हुए कांग्रेस ने कुप्रचार में कोई कोर-कसर नहीं छोड़ी। गुजराती समाज को जाति-जमात में बांट दिया। जीएसटी जैसे क्रांतिकारी आर्थिक सुधार जैसे कदम की भी आलोचना की और व्यापारियों को भड़काया। समाज में वैमनस्यता फैलाई और कई तरह की साजिशें रचीं और प्रदेश में हुए विकास को भी पागल करार देने की कोशिश की।

मोदी विजन
प्रधानमंत्री मोदी ने हमेशा विकास के मुद्दे पर राजनीति की। गुजरात के कोने-कोने में पानी पहुंचाने की योजनाएं बताईं, सी प्लेन और बुलेट ट्रेन जैसी योजनाओं से विकास को रफ्तार देने की कोशिश की। इसके साथ ही रो रो फेरी योजना की शुरुआत कर लोगों की समस्याओं को दूर किया। 

चुनाव परिणाम
लगातार गुजरात में छठी बार प्रदेश में भाजपा की सरकार बनी और तमाम कयासों, साजिशों को धता बताते हुए गुजरात की जनता ने कांग्रेस को करारा जवाब दे दिया। 

हिमाचल प्रदेश
कांग्रेस का कुप्रचार
कांग्रेस ने भाजपा को पहाड़ विरोधी करार दिया और विकास विरोधी कहा। केंद्र सरकार द्वारा प्रदेश में विकास बाधित करने के आरोप लगाए। 

मोदी विजन
हिमाचल प्रदेश में मोदी सरकार ने हमेशा गुड गवर्नेंस और भ्रष्टाचार मुक्त शासन की बात कही। पहाड़ों पर अवस्थित गांवों में सहज पानी पहुंचाने की बात की और कानून व्यवस्था दुरुस्त करने का वादा किया। 

चुनाव परिणाम
भाजपा ने यहां 68 में 44 सीटें जीतने में कामयाबी हासिल की है। वहीं सत्ताधारी पार्टी कांग्रेस को 21 सीटों से ही संतोष करना पड़ा। 

वर्ष 2018 के विधानसभा चुनाव

त्रिपुरा 
लेफ्ट-कांग्रेस का कुप्रचार
भाजपा को भारत के लिए खतरा कहा, सांप्रदायिक पार्टी कहा, आदिवासियों का विरोधी कहा, देश के टुकड़े करने वाली पार्टी कहा।

मोदी विजन
प्रधानमंत्री मोदी ने तीन रैलियां की। उन्होंने बेरोजगारी के साथ ही भ्रष्टाचार को मुद्दा बनाने के साथ  ‘माणिक नहीं हीरा चाहिए’ का नारा दिया। HIRA के मायने बताये H हाईवे, I का मतलब आईवे (डिजिटल कनेक्टिविटी), R से रोडवेज और A यानि एयरवेज। नमो ने विकास की तस्वीर दिखाते हुए थ्री-टी का एजेंडा पेश किया।  जिसका मतलब है ट्रेड, टूरिज्म और ट्रेनिंग (युवाओं के लिए) और यही त्रिपुरा का सबसे बड़ा मुद्दा भी है। इसके अलावा सातवां वेतन आयोग की सिफारिशें लागू करने का वादा भी किया।

चुनाव परिणाम

साल 2013 के विधानसभा चुनाव में भाजपा ने त्रिपुरा में 50 उम्मीदवार उतारे थे, जिनमें से 49 की ज़मानत ज़ब्त हो गई थी। तब बीजेपी को यहां केवल 1.87 फ़ीसदी वोट मिले थे और वो एक भी सीट नहीं जीत सकी थी। महज पांच साल बाद तस्वीर पूरी तरह बदल गई और 2018 के विधासनभा चुनाव में बीजेपी ने 43 सीटों पर जीत हासिल की और 25 सालों के वाम किले को ढाह दिया।

नागालैंड
कांग्रेस का कुप्रचार
90 प्रतिशत आबादी वाले नागालैंड में कांग्रेस ने भाजपा के विरुद्ध कुप्रचार किया। क्रिश्चियन विरोधी पार्टी करार देकर कई चर्चों से फतवे जारी करवाए। विकास विरोधी कहा और अल्पसंख्यक विरोधी भी करार दिया। 

मोदी विजन
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी पूर्वोत्तर के 8 प्रदेशों को अष्टलक्ष्मी मानते हैं। असम, अरुणाचल प्रदेश, नागालैंड, मणिपुर, त्रिपुरा, सिक्किम, मेघालय और मिजोरम के विकास पर पूरा ध्यान दे रहे हैं। बीजेपी नागालैंड की भलाई के लिए उठने वाली हर आवाज का सम्मान करती है। कनेक्टिविटी बढ़ाने कै साथ स्वास्थ्य सेवाओं के लिए 40 करोड़ दिए हैं। भारत सरकार ने 1800 करोड़ की लागत से कोहिमा को स्मार्ट सिटी बनाने का वादा किया है।

चुनाव परिणाम
कांग्रेस और एनपीपी के दुष्प्रचार के बावजूद एनडीपीपी  और भाजपा ने मिलकर 30 सीटें जीतीं और जनता दल यूनाइटेड और निर्दलीय विधायक के समर्थन से यह संख्या 32 हो गई और साठ सदस्यों के विधानसभा में बहुमत हासिल कर लिया। 

मेघालय
60 सदस्यीय मेघालय विधानसभा चुनाव में नेशनल पीपुल्स पार्टी (एनपीपी) 19, भाजपा 2, यूनाइटेड डेमोक्रेटिक पार्टी (यूडीपी) 6, एचएसपीडीपी 2, पीडीएफ 4 और 1 निर्दलीय के साथ आने से इस गठबंधन के पास 34 विधायकों का समर्थन है। 

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