Home झूठ का पर्दाफाश LIES AGAINST NAMO – पाकिस्तान के खिलाफ कमजोर नीति!

LIES AGAINST NAMO – पाकिस्तान के खिलाफ कमजोर नीति!

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प्रधानमंत्री मोदी के खिलाफ झूठ की जो सबसे बड़ी साजिश रची जाती है, वो है पाकिस्तान के खिलाफ उनकी नीति, नजरिया और नीयत को लेकर। अक्सर पाकिस्तान के मामले में उनके 56 इंच के बयान को जोड़कर हमला करने की कोशिश की जाती है। ये दर्शाने की साजिश रची जाती है कि पाकिस्तान के मामले में नरेंद्र मोदी का रवैया बेहद लचीला है। आइये आंकड़ों के जरिये सच्चाई जानने का प्रयास करते हैं कि क्या वाकई प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की नीतियां पाकिस्तान को लेकर ढुलमुल है या फिर सख्त?

1. सर्जिकल स्ट्राइक 
उरी हमले के बाद मोदी सरकार ने जो साहसपूर्ण फैसला किया, वो भारत के इतिहास में देशवासियों और सेना का मनोबल बढ़ाने के लिए बहुत बड़ा कदम साबित हुआ। मोदी सरकार ने ऐसा करारा जवाब दिया कि पाकिस्तान को उफ्फ करने तक का मौका नहीं मिला। भारत ने सर्जिकल स्ट्राइक कर दी। घुसपैठ कराने वाली चौकियों को तबाह कर दिया। पहले पाकिस्तान ने इसे मानने से इनकार किया, बाद में आधिकारिक रूप से नुकसान की बात सामने आने पर इसकी पुष्टि हो गयी।

2. आतंकी ठिकानों को नेस्तनाबूत किया
भारत ने 2017 में एक और सर्जिकल स्ट्राइक की और पाकिस्तान की चौकियों को तबाह कर दिखाया। इसका वीडियो भी भारतीय सेना ने जारी किया। ये चौकियां घुसपैठ करानेे के लिए इस्तेमाल की जा रही थीं। बार-बार चेतावनी के बावजूद पाकिस्तान ने जब अपना रवैया नहीं बदला, तो भारत ने ये कार्रवाई की। माना ये भी गया कि पाकिस्तान ने भारत के जवानों को मारकर उनके शव विकृत कर दिये थे, ये सर्जिकल स्ट्राइक उसी का जवाब थी।

3. अंतरराष्ट्रीय अदालत में सर्जिकल स्ट्राइक : कुलभूषण जाधव मामले में पाकिस्तान को पटखनी
कुलभूषण जाधव को फांसी की सज़ा सुनाने के मामले में भारत ने पाकिस्तान को अंतरराष्ट्रीय अदालत में पटखनी दी। वहां से फांसी की सजा पर रोक हासिल कर लिया। यह एक ऐसा मामला था जिस पर पाकिस्तान की न्याय व्यवस्था की दुनिया भर में पोल खुल गयी। इस दौरान महज एक रुपये की फीस लेकर हरीश साल्वे ने देश के लिए जो जिरह की, वह दुनिया भर में उदाहरण बन गयी। पाकिस्तान उनकी दलील के सामने नहीं टिक पाया।

4. कश्मीर में आतंकी तत्वों के खिलाफ मोर्चाबंदी – जीप पर बिठाकर ले जाने वाले को इनाम देने का साहस

आक्रामक नीति का मतलब ये कतई नहीं है कि जन भावना का ख्याल रखा नहीं जा रहा है। सेना के जवान पत्थर खा रहे हैं लेकिन गोलियां चलाने से बच रहे हैं। इस बीच पत्थरबाजों के नेता को खुली जीप के आगे बांध कर रक्षा कवच के तौर पर उसके इस्तेमाल से सेना ने यह भी जता दिया है कि शांति के मकसद से वो पीछे हटने वाले नहीं हैं। ऐसा नहीं हो सकता कि सेना हाथ पर हाथ रखी बैठी रहे और पत्थरबाज अपने मकसद को अंजाम देते रहें। बताया जा रहा है कि कश्मीर घाटी में 300 व्हाट्सएप ग्रुप सक्रिय हैं। हर ग्रुप में 250 सदस्य हैं। इशारा पाते ही ये इकट्ठा हो जाते हैं और पत्थर बरसाने लगते हैं। यही वजह है कि इंटरनेट सेवाएं ठप करके उन पर अंकुशलगाने की रणनीति अपनायी जाती है।

5. आतंक के 12 आकाओं में से 11 का खात्मा  
वहीं भारत ने बुरहान बानी समेत उसके 12 में से 11 आतंकियों को मौत की नींद सुला दिया। जगह-जगह आतंकियों के साथ मुठभेड़ें हुईं, गांव के गांव सर्च ऑपरेशन चलाए गये और पूरे तंत्र को नेस्तानाबूत कर दिया गया। निस्संदेह इससे बौखलाए आतंकियों ने इस दौरान घटनाओं को अंजाम देने की कोशिश की, लेकिन इसके बावजूद आंकड़े बताते हैं कि ये घटनाएं पूर्ववर्ती सरकारों के कार्यकाल के मुकाबले बहुत कम हो गयी। अगर आंकड़ों पर नजर डालें तो 2013 में 100 आतंकी मारे गये थे तो 2014 में 110. 2015 में यह संख्या बढ़कर 113 हुई तो 2016 में मरने वाले आतंकियों की संख्या 165 पहुंच गयी।

6. बुरहान वानी और सबजार का सफाया
आतंकियों का पोस्टर ब्वॉय बन चुका बुरहान वानी को 2016 में सेना ने मार गिराया था। उसके बाद से आतंकियों ने पत्थरबाजी का नया तरीका इस्तेमाल किया। नौकरी के तौर पर बेरोजगार नौजवानों के हाथों में पैसों के बदले पत्थर पकड़ा दिए गये। इस दौरान बुरहान वानी की जगह सबजार ने हिज्बुल का नेतृत्व  करना शुरू किया। लेकिन सेना ने सबजार को भी मार गिराया। इस तौरह 11 महीने में दो बड़ी कामयाबी ने आतंकियों की कमर तोड़ दी, वहीं सेना के हौंसले बुलन्द कर दिए। आतंक के खिलाफ ये दोनों कार्रवाई बड़ी उपलब्धि रही।

7. घुसपैठ में कमी आयी
केंद्रीय गृहराज्य मंत्री ने मोदी सरकार के 3 साल पूरे होने के अवसर पर कहा कि कश्मीर घाटी में घुसपैठ की घटनाएं 45 फीसदी तक कम हो गयी हैं। हालांकि इस साल अप्रैल महीने में घुसपैठ की 80 कोशिशें दर्ज की गयीं, लेकिन इस दौरान सेना ने 45 आतंकियों को मार गिराया जबकि 24 को गिरफ्तार किया। 32 से आत्म समर्पण किया। सिर्फ अप्रैल तक का आंकड़ा लें तो चार महीने में 115 आतंकवादी मारे जा चुके हैं, 88 गिरफ्तार किए गये हैं और 49 ने आत्मसमर्पण किया है।

8. नोटबंदी से पाक में आतंकी सरगनाओं को पड़ी चोट
नोटबंदी के फैसला भारत में लिया गया और हवाला कारोबारी पाकिस्तान में छत से कूद कर आत्महत्या कर रहे थे। जाली नोटों का कारोबार करने वालों की भी हवा निकल गयी। कश्मीर में अलगाववादियों को मदद कमजोर पड़ गयी। पत्थरबाजों की घटनाएं जरूर शुरू हुईं लेकिन यह श्रीनगर के आसपास तक ही सीमित रही। उस पर भी अब लगाम लगता निजर आ रहा है।

9. सार्क सैटेलाइट छोड़कर पाकिस्तान को अलग-थलग किया

सैटेलाइट छोड़कर भारत ने जहां पड़ोसियों के प्रति सबका साथ, सबका विकास की नीति को अपनाया। वहीं, पाकिस्तान ने भारत की पहल से अलग रहते हुए खुद बाकी देशों से अलग-थलग पड़ गया। सार्क सैटेलाइट पड़ोसियों को भारत की ओर से अनुपम उपहार है। भारत के खर्चे पर तकनीकि विकास का फायदा पड़ोसी देशों को पहुंचेगा। मौसम, दूरसंचार, आपदा समेत अलग-अलग विषयों पर अपडेट  मिलते रहेगे जिसका फायदा सभी देशों को होगा।

10. अंतरराष्ट्रीय स्तर पर पाकिस्तान का पर्दाफाश
भारत ने पाकिस्तान को दुनिया में बेनकाब कर दिया। आतंकवाद फैलाने वाले देश के तौर पर उसे साबित कर दिखाया। अमेरिका ने अब ये मान लिया है कि पाकिस्तान साथी से ज्यादा अमेरिका के लिए खतरा है। इससे पहले भी अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने सऊदी अरब में नवाज शरीफ की मौजूदगी में भारत को आतंकवाद से पीड़ित देश बताया था। वहीं, पाकिस्तान जैसे आतंकवाद के मददगार देशों को सख्त चेतावनी दी थी। अमेरिकी सीनेट ने भी अपनी रिपोर्ट में इस बार माना है कि पाकिस्तान की ओर से आतंकी तत्वों को मिल रहे मदद के कारण भारत अब सबक सिखाने की कार्रवाई करने की तैयारी में है। अब उसने सैन्य मदद को भी सीमित कर दिया है।

विदेश मंत्री सुषमा स्वराज ने संयुक्त राष्ट्र के मंच पर आतंकवाद को लेकर पाकिस्तान पर 2016 में खुला हमला बोला। इतना ही नहीं जब भारत ने इस्लामाबाद में होने वाली सार्क बैठक का  बहिष्कार किया था, तब बाकी देशों ने भी भारत की तर्ज पर इस्लामाबाद जाने से मना कर दिया था। पाकिस्तान के खिलाफ भारत की यह बड़ी कूटनीतिक सफलता मानी गयी।


11. ISIS को नहीं मिला पैर जमाने का मौका
यहां तक कि लाख कोशिशों के बावजूद आतंकी संगठन आईएस को भारत में पैर पसारने नहीं दिया गया है। देशभर से आईएस से जुड़े 90 लोगों को गिरफ्तार किया गया है। यह तथ्य इसलिए भी महत्वपूर्ण है क्योंकि ISIS ने इंग्लैंड समेत यूरोपीयन देशों में भी आतंकी वारदातों को अंजाम देने में सफलता पायी है। भारत में उसकी दाल नहीं गलने के पीछे मोदी सरकार की सक्रियता रही है। 

12. घाटी में फिर से तलाशी अभियान
घाटी में 15 साल बाद फिर से ‘कासो’ अभियान शुरू किया। शोपियां, त्राल जैसे इलाकों में जहां आतंकवादी सबसे ज्यादा सक्रिय हैं तलाशी ली। कुलगाम के जंगलों में आतंकी ठिकानों को नष्ट कर दिया गया है। अब कहीं भी तलाशी से पहले सेना को किसी से इजाजत लेने की जरूरत नहीं पड़ती। परिस्थितियां संदिग्ध दिखीं नहीं कि तलाशी शुरू कर देती है सेना। इससे सेना का मनोबल बढ़ा है, वहीं आतंकियों का कमजोर हुआ है।

13. शिकंजे में अलगाववादी नेता
अलगवावादी नेताओं को विदेश से फंडिंग मामले में शिकंजा कस दिया गया। एनआईए इसकी जांच में जुटी है। अलगाववादी नेताओं से पूछताछ की जा रही है, उन्हें हिरासत में लिया गया है। जांच के बाद बड़े और कड़े कदम उठाने की पूरी तैयारी है।

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