Home नरेंद्र मोदी विशेष मोदी राज में देश की तस्वीर और तकदीर बदलने वाले 10 कदम

मोदी राज में देश की तस्वीर और तकदीर बदलने वाले 10 कदम

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प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में न्यू इंडिया के निर्माण के लिए देश संकल्प से सिद्धि की ओर बढ़ चुका है। तीन तलाक पर मुस्लिम महिलाओं के हक में आया सर्वोच्च अदालत का फैसला हो, कालाधन, आतंक और भ्रष्टाचार खत्म करने के लिए नोटबंदी जैसा कदम हो या फिर GST जैसे ऐतिहासिक कर सुधार का लागू होना, इन सबके लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने विशेष रूप से पहल की थी। सुधार के ये कुछ ऐसे ठोस कदम हैं जो देश को system based बना रहे हैं जिससे आने वाले समय में भारत व्यवस्थित विकास की दिशा में आगे बढ़ता रहेगा। आइये एक नजर डालते हैं पीएम मोदी की अगुआई में उठाये गये उन 10 कदमों पर जो देश की तस्वीर और तकदीर दोनों को बदलने वाले हैं।

1.तीन तलाक खत्म

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने देश की मुस्लिम महिलाओं को तीन तलाक के दंश से हमेशा-हमेशा के लिए निजात दिलाने की ठान रखी थी। पीएम मोदी बार-बार इस बात पर जोर देते रहे थे कि मुस्लिम बहन-बेटियों को न्याय दिलाने के लिए उनकी सरकार प्रतिबद्ध है। बीते 15 अगस्त को लालकिले के प्राचीर से भी तीन तलाक के खात्मे को लेकर उन्होंने इस प्रतिबद्धता को जाहिर किया था। लाल किले से पीएम के कहे के ठीक एक हफ्ते बाद 22 अगस्त 2017 का दिन भारतीय इतिहास में एक बड़ी तारीख में शुमार हो गया जब सुप्रीम कोर्ट ने तीन तलाक की सदियों से चली आ रही कुप्रथा को असंवैधानिक करार दिया। पीएम मोदी की पहल पर केंद्र सरकार ने सर्वोच्च अदालत में मुस्लिम महिलाओं को इंसाफ दिलाने के लिए कोई भी कसर बाकी नहीं रखी और नतीजा सबके सामने है।

2.देश भर में अब बस एक टैक्स – GST

देश भर में पिछले एक जुलाई से लागू एकसमान कर प्रणाली यानी GST सभी आशंकाओं को खारिज करते हुए अपनी अपेक्षित दिशा में बढ़ रही है। व्यापारियों और उपभोक्ताओं को दर्जनों करों के मकड़जाल से मुक्त कर एक कर के दायरे में लाने के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने ठान ली थी, जिसे उन्होंने लागू करके ही दम लिया। जैसा कि प्रधानमंत्री ने कहा था, Goods & Services Tax यानी GST सही में Good And Simple Tax साबित हुआ है और अब तक व्यापारी से लेकर उपभोक्ता तक इसके अभ्यास में आ चुके हैं। सच तो ये है कि दुनिया भी हैरान है कि विविधताओं से भरे भारत जैसे देश में कैसे बिना किसी शोरशराबे के GST लागू हो गया। पीएम मोदी की अगुआई में सुधार का ऐसा कदम है जो देश के कारोबार जगत को इतना पारदर्शी बना रहा है, जितना वो पहले कभी नहीं था।

3.नोटबंदी से कालाधन और आतंक पर चोट

नवंबर 2016 में कालाधन, भ्रष्टाचार और आतंकवाद पर शिकंजे के जिस उद्देश्य के साथ नोटबंदी लागू की गई थी उस उद्देश्य को पाने की दिशा में देश तेजी से आगे बढ़ रहा है। एक रिसर्च के मुताबिक नोटबंदी की वजह से साढ़े तीन लाख करोड़ रुपये से ज्यादा की अतिरिक्त राशि बैंकिंग सिस्टम में आई है। इतना ही नहीं, बैंकों में जमा की गई राशि में से लगभग पौने दो लाख करोड़ की राशि शक के घेरे में है। यानि एक तरह से कम से कम दो लाख करोड़ का छिपा हुआ कालाधन बाहर निकला है। इसके अलावा नोटबंदी आतंक की कमर तोड़ने में भी कामयाब रही है। नोटबंदी के कदम ने उन नेताओं और राजनीतिक दलों पर भी बड़ा प्रहार किया है जिनकी सियासी दुकानें काले धन से चल रही थीं। इससे पहले देशवासी केंद्र की पूर्ववर्ती सरकार के दो दौर भी देख चुके थे, जिसमें भ्रष्टाचार के इतने मामले सामने आये कि सबके नाम भी याद रखना आसान नहीं। नोटबंदी का एक और फायदा ये हुआ है कि बैंकिंग सिस्टम के पास कर्ज देने के लिए ज्यादा राशि उपलब्ध है। ये राशि देश के विकास में, गरीबों और मध्यम वर्ग को घर के लिए, किसानों के लिए, युवाओं के रोजगार के लिए काम आ रही है। इन सबके साथ नोटबंदी के बाद देश में डिजिटल लेनदेन भी कई गुना बढ़ा है। आज देश जब पीएम मोदी के नेतृत्व में न्यू इंडिया के लक्ष्य को पाने के लिए कदम उठा चुका है तो उसके लिए नोटबंदी से निकले सकारात्मक परिणाम के रूप में एक मजबूत आधार दिख रहा है।

4.स्वच्छ भारत अभियान के क्रांतिकारी नतीजे

देश का कायाकल्प करने में 2 अक्टूबर, 2014 को शुरू किये गये स्वच्छ भारत अभियान की बड़ी भूमिका बनती जा रही है। पूर्ववर्ती सरकार के दौर में स्वच्छता के विषय को हेय दृष्टि से देखा जाता था। लेकिन प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने स्वच्छता को अपनी सरकार के एजेंडे में सबसे ऊपर रखा। स्वच्छता को लेकर राष्ट्रपिता महात्मा गांधी के विचारों का अनुसरण करते हुए देश भर में मिशन छेड़ दिया गया जिसके सकारात्मक नतीजे आंकड़े भी बयां करते हैं। शहरी क्षेत्रों में अब तक करीब 36 लाख घरेलू शौचालय बनाये जा चुके हैं जबकि करीब 1 लाख 80 हजार सार्वजनिक शौचालयों का निर्माण हुआ है। ग्रामीण इलाकों में 4.5 करोड़ से ज्यादा घरेलू शौचालय बनाये जा चुके हैं। खुले में शौच से मुक्त होने की बात करें तो देश के करीब 2 लाख 21 हजार गांव, 160 जिले और पांच राज्य अब तक खुले में शौच से पूरी तरह से मुक्त घोषित किये जा चुके हैं।

5.जन-धन योजना में अब तक 30.15 करोड़ खाते

बैंकिंग सिस्टम से देश का गरीब वर्ग भी जुड़े, इसको लेकर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की सरकार ने जन-धन योजना का ऐतिहासिक कदम उठाया। ये योजना इतिहास के संभवत: सबसे बड़े वित्तीय समावेशन का कार्यक्रम बन गया। 28 अगस्त 2014 को लॉन्च की गई इस योजना के तहत अब तक 30.15 करोड़ खाते खुल चुके हैं। आज इन खातों में 66.21 हजार करोड़ रुपये जमा हैं। गरीबों को बैंकिंग से जोड़े रखने के लिए और उनको वित्तीय साधनों की बारीकियों को समझने में मदद के लिए सरकार ने सवा लाख से ज्यादा बैंक मित्र नियुक्त किये। आज इन खातों के सहारे सरकारी योजनाओं का फायदा भी गरीबों तक सीधा पहुंच रहा है।  

6.उज्ज्वला योजना एक नई मिसाल

भारत का गांव भी सेहतमंद रहे प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के हर कदम में इस भाव की झलक मिलती रही है। उनकी सरकार उज्ज्वला योजना के तहत देश के ग्रामीण क्षेत्रों की गरीब महिलाओं को खाना पकाने के दौरान जानलेवा धुएं के कहर मुक्ति दिलाने में जुट गई। 1 मई,2016 को शुरू हुई उज्ज्वला योजना के तहत कुल 5 करोड़ रसोई गैस के कनेक्शन मुफ्त में दिये जाने का लक्ष्य रखा गया था जिनमें से अब तक 3 करोड़ से अधिक कनेक्शन वितरित किये जा चुके हैं। गरीबों के आंसू पोंछने में मोदी सरकार जिस तरह से सामने आई है… उसकी शायद दूसरी मिसाल नहीं।

7.फसल बीमा योजना अन्नदाता का नया मनोबल

देश के किसानों को खेती से जुड़े खतरों से बचाने के उद्देश्य से 13 जनवरी 2016 को प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना लॉन्च की गई थी। इस योजना के तहत न्यूनतम प्रीमियम पर अधिकतम बीमा राशि के भुगतान का प्रावधान है। खरीफ की फसल के लिए 2 प्रतिशत प्रीमियम और रबी की फसल के लिए 1.5 प्रतिशत प्रीमियम का भुगतान करना होता है। जबकि वार्षिक वाणिज्‍यिक एवं बागवानी फसलों के लिए पांच प्रतिशत प्रीमियम का भुगतान करना होता है। किसानों की फसल प्राकृतिक आपदाओं की स्थिति में बर्बाद होती है तो भी देश का अन्नदाता परेशान ना हो दरअसल इस योजना के पीछे सरकार की यही सोच रही है। बीमा की राशि अब 50 फीसदी की जगह 33 फीसदी फसल नुकसान की स्थिति में भी प्राप्त हो रही है। 2016-17 में रबी फसलों के लिए करीब 4 करोड़ जबकि खरीफ फसलों के लिए 1.70 करोड़ किसानों ने बीमा करवाया। 2017-18 के बजट में इस योजना के लिए 9,000 करोड़ रुपये आवंटित किये गये हैं।     

8. मुद्रा योजना से लघु-मध्यम उद्योगों को बढ़ावा

देश में लघु और मध्यम उद्योगों की वित्तीय जरूरतों को पूरा करने के उद्देश्य से 8 अप्रैल 2015 को प्रधानमंत्री मुद्रा योजना को लॉन्च किया गया था। इसमें उन लोगों को भी ऋण मुहैया कराने का प्रावधान है जो अपना कोई छोटा बिजनेस शुरू करना चाहते हैं। योजना के तहत उद्यमियों को कम से कम ब्याज पर 50 हजार रुपये से लेकर 10 लाख रुपये तक के ऋण मुहैया होते हैं। 2016-17 में करीब 4 करोड़ लोगों ने इस योजना का लाभ उठाया जबकि वितरित हुई राशि थी करीब 1.75 लाख करोड़ रुपये।  इस योजना का लाभ उठाने वालों में करीब 70 फीसदी महिलाएं हैं। सरकार की हमेशा कोशिश रही है कि कारोबार के क्षेत्र में महिला उद्यमी भी कहीं से पीछे ना रहें। जाहिर है मुद्रा योजना इसका प्रत्यक्ष उदाहरण है।

9. रंग लाने की तैयारी में स्किल इंडिया

मोदी सरकार ने देश में पहली बार कौशल विकास को लेकर एक समग्र और राष्ट्रीय नीति तैयार की। अलग-अलग कई मंत्रालयों और विभागों से निकालकर सरकार ने कौशल विकास को एक मंत्रालय के अंतर्गत लाने का काम किया। स्किल इंडिया योजना के तहत अब तक 3,222 ट्रेनिंग सेंटरों पर करीब 56 लाख लोगों को प्रशिक्षित किया जा चुका है जिनमें से करीब 24 लाख लोगों ने अपने पेशेवर कौशल के आधार पर नौकरियां पाई हैं। आने वाले दिनों में स्किल इंडिया योजना अपनी नई रफ्तार में दिखेगी जहां प्रशिक्षित युवाओं की एक बड़ी फौज भी होगी और रोजगार के बड़े अवसर भी।  

10.डायरेक्ट बेनिफिट ट्रांसफर से बिचौलिये खत्म

सरकारी योजनाओं के पैसे अब डायरेक्ट बेनेफिट ट्रांसफर-DBT के माध्यम से सीधे लाभार्थियों के खाते में पहुंच रहे हैं। DBT के तहत 51 मंत्रालयों की 316 योजनाएं लाई गईं। 2,16,681 करोड़ रुपये अब तक डायरेक्ट ट्रांसफर किये जा चुके हैं। DBT की ये उपलब्धि गिनीज बुक ऑफ वर्ल्ड रिकॉर्ड्स में भी शुमार हो चुकी है।  बिचौलियों से आम आदमी के अधिकार की सुरक्षा हो रही है। ये बदलते भारत यानी न्यू इंडिया की कहानी है, जहां अब सौ फीसदी पैसा लाभार्थियों के खाते में जा रहा है।

न्यू इंडिया की ओर बढ़ा कदम

इनके अलावा भी ढेर सारी योजनाओं का शुभारंभ कर मोदी सरकार जमीन पर उन्हें आगे बढ़ा चुकी है। मोदी सरकार ने Self Attestation का अधिकार दिया जिसके बाद नियुक्ति से पहले तक की प्रक्रिया में स्वत: प्रमाणित दस्तावेज सौंपे जाते हैं। कई पुराने बेकार पड़े कानूनों को रद्द करने का सिलसिला जारी है जो व्यवस्था पर एक बोझ की तरह थे। देश में एक नया दौर शुरू हो चुका है। कई और सुधार पर सरकार दिन-रात काम कर रही है। जनता और सरकार के बीच भरोसा स्थापित हो चुका है..जो न्यू इंडिया के निर्माण में सबसे बड़ी भूमिका निभाने वाला साबित होगा।

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