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सबसे बड़ा शिक्षक होता है SPORTS-प्रधानमंत्री

पीएम मोदी ने किया पीटी उषा अकादमी में सिंथेटिक ट्रैक का उद्घाटन

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प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी वीडियो कांफ्रेंसिंग के माध्यम से केरल के किनालूर में पी टी उषा एथलेटिक्स स्कूल में सिंथेटिक ट्रैक का उद्घाटन किया। इस अवसर पर उन्होंने कहा कि पीटी उषा पर देश को गर्व है। उन्होंने कहा, ”उषा जी देश को आप पर गर्व है, ये अच्छी बात है कि आपने खेल के साथ अपना जुड़ाव जारी रखा।” प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि हमें अपनी बेटियों को बढ़ावा देते रहना है। साथ ही हमें उनकी खेलों में भागीदारी को भी प्रोत्साहित करना होगा। प्रधानमंत्री ने स्पोर्ट्स का नया फुल फॉर्म भी बताया।

SPORTS का मतलब
प्रधानमंत्री ने कहा कि पीटी उषा पर देश को गर्व है। इस दौरान प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी अपने शब्दों में SPORTS शब्द के मायने भी बताए।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने SPORTS का मतलब बताते हुए कहा कि मेरी नजर में स्पोर्ट्स के S का मतलब स्किल से है। पी का मतलब परसेवरेंस, ओ का मतलब ऑप्टिमिज्म, आर का मतलब रेजीलिएंस, टी का मतलब टेनसिटी और आखिरी एस का मतलब स्टेमिना है।

पीटी उषा की तारीफ
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने पीटी उषा की तारीफ करते हुए कहा कि देश को उनपर गर्व है और मुझे ये देखकर खुशी हो रही है कि वो खेलों से अपना जुड़ाव बनाए हुईं हैं। उन्होंने कहा कि खेलों में बेटियों को हिस्सा लेने के लिए प्रोत्साहित किया जाना चाहिए। 

कौन हैं पीटी उषा?
पीटी उषा केरल की रहने वाली हैं। उन्होंने देश के लिए अंतर्राष्ट्रीय प्रतियोगिताओं में पदक जीते हैं। वो बेहद कम अंतर से लोस एंजिल्स ओलंपिक में पदक से चूक गईं थी। पीटी उषा को ‘क्वीन ऑफ इंडियन ट्रैक एंड फील्ड’ के नाम से भी जाना जाता है। मौजूदा समय में पीटी उषा एथलेटिक्स को बढ़ावा देने के लिए केरल के कोयीलैंडी में उषा स्कूल ऑफ एथलेटिक्स चला रही हैं। इसी स्कूल में सिंथेटिक ट्रैक की स्थापना की गई है, ताकि एथलीटों को विश्वस्तरीय प्रशिक्षण मिल सके और वो स्पर्धाओं में देश के लिए पदक ला सकें।

तय समय सीमा में पूरे हों प्रोजेक्ट
प्रधानमंत्री ने कहा कि हमारी सरकार की प्रथामिकता है कि कोई भी प्रोजेक्ट जल्दी से जल्दी और तय समय सीमा में हो। इस प्रोजेक्ट को भी 2011 में मंजूरी मिली थी। लेकिन इसके कार्य की शुरुआत 2015 में हुआ।

खेल सबसे बड़ा शिक्षक
प्रधानमंत्री ने कहा कि जीवन में खेल की बेहद महत्ता है और यह सबसे बड़ा शिक्षक भी है। उन्होंने कहा कि खेल हमें समानाता की शिक्षा देने के साथ यह भी बताता है कि हार और जीत जीवन का हिस्सा है। जीत पर हम खुश होते हैं लेकिन हार पर निराश नहीं हों। हार हमेशा जीत की शुरुआत होती है। उन्होंने कहा कि खेल टीम वर्क सिखाता है, ये हमें दूसरों के साथ सहभागिता और तालमेल बिठाने का सबक देता है।

जो खेले, वो खिले
प्रधानमंत्री ने कहा कि जो खेलता है वही खिलता है। ये दोनों ही बातें एक दूसरे से जुड़ी हुई हैं… पहले खेलें और खिलें। उन्होंने कहा कि जो खेले वो खिले… दो हू प्ले… साइन… ये दोनों एक दूसरे से इंटरकनेक्टेड है। खेलों में मिली सफलता और संघर्ष से हमें सीख मिलती है।

परंपरागत खेलों को बढ़ावा मिले
प्रधानमंत्री ने कहा कि हमारे परंपरागत खेलों को भी महत्व मिलना चाहिए। गांव-गली में जो खेल हम खेलते आए हैं उससे न सिर्फ व्यक्तित्व का विकास होता है बल्कि मस्तिष्क पर भी सकारात्मक असर होता है। कबड्डी का जिक्र करते हुए कहा कि जब से इसे अंतर्राष्ट्रीय पहचान मिली है कबड्डी को बढ़ावा मिला है।

खेल से एक भारत, श्रेष्ठ भारत
प्रधानमंत्री ने कहा कि हमारे यहां विविधता है। 100 भाषाएं और 6000 बोलियां हैं। खेल जोड़ने का काम करती हैं। एक दूसरे के कल्चर एंड ट्रेडिशन
से जुड़ने का अवसर प्रदान करता है और ये एक भारत, श्रेष्ठ भारत की भावना को बढ़ाता है।

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