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चीन के ओबोर के जवाब में भारत का सासेक, पड़ोसियों से संपर्क बढ़ाने पर जोर

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प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में केंद्र सरकार ने कूटनीतिक रूप से अहम सासेक परियोजना में तेजी लाने का फैसला किया है। चीन के वन बेल्ट-वन रोड (OBOR) के जवाब में भारत पड़ोसी देशों के साथ करीबी बढ़ाने पर जोर दे रहा है। बांग्लादेश, नेपाल, म्यांमार और भूटान के साथ सड़क संपर्क बढ़ाने के लिए भारत ने सासेक कॉरिडोर (South Asian Sub-Regional Economic Cooperation-SASEC) परियोजना पर फिर से काम शुरू कर दिया है।

सासेक कॉरिडोर
प्रधानमंत्री की अध्यक्षता में मंत्रिमंडल की आर्थिक मामलों की समिति ने मणिपुर में 1630.29 करोड़ रुपये की लागत से एनएच-39 के 65 किलोमीटर लंबे इम्फाल-मोरेह सेक्शन को बेहतर और चौड़ा बनाने के कार्यक्रम को मंजूरी दी है। मोरेह मणिपुर और म्यांमार सीमा पर एक कस्बा है। परियोजना से इम्फाल और राज्य के पूर्वी क्षेत्र के बीच संपर्क बढ़ेगा। भविष्य की परिवहन आवश्यकताओं के आधार पर एनएच-39 को लिलोंग गांव तथा वनगिंज गांव के बीच 4 लेन तक चौड़ा बनाया जाएगा। वनगिंज गांव से खोंगखांग तक के हिस्से को पक्के आधार के साथ 2 लेन में बदला जाएगा।

यह परियोजना सासेक सड़क संपर्क निवेश कार्यक्रम के अंतर्गत एडीबी की ऋण सहायता से विकसित की जा रही है। कार्यक्रम का उद्देश्य बांग्लादेश, भूटान, भारत और नेपाल (बीबीआईएन-देशों) में सड़क संरचना को बेहतर बनाना है। भारत सरकार ने ‘लुक इस्ट’ नीति को पूरा करने तथा दक्षिण-पूर्व एशिया के साथ व्यापार संपर्क प्रोत्साहित करने और बढ़ाने के लिए मोरेह में एकीकृत सीमा चौकी (आईसीपी) बनाने का भी फैसला किया है।

बांग्लादेश के साथ साइबर सुरक्षा सहयोग
इसके साथ ही बांग्लादेश के साथ रिश्ते को और मजबूत करने के लिए दो अहम फैसले किए हैं। भारत और बांग्लादेश के बीच साइबर हमले के मामले में रणनीतिक सहयोग बढ़ाने संबंधी प्रस्ताव को मंजूरी दे दी गई है। यह समझौता भारत के इलेक्ट्रॉनिक्स और सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय के अधीन इंडियन कंप्यूटर इमरजेंसी रिस्पांस टीम (सीईआरटी-इन) और बांग्लादेश के डाक, दूरसंचार और सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय के अधीन बांग्लादेश गवर्नमेंट कंप्यूटर इंसिडेंट रिस्पांस टीम- बांग्लादेश कंप्यूटर कौंसिल सूचना और संचार प्रौद्योगिकी डिवीजन के बीच किया गया है।

इसका लक्ष्य सीईआरटी- इन और बीजीडी e-gov सीआईआरटी के बीच सहयोग को बढ़ावा देना है और इसमें साइबर हमले और साइबर सुरक्षा से जुड़ी घटनाएं, साइबर सुरक्षा प्रौद्योगिकी सहयोग, साइबर सुरक्षा नीतियों का आदान-प्रदान शामिल है। सरकारी कामकाज, कारोबार और उपभोक्ताओं के सामने कई तरह की साइबर चुनौतियों को देखते हुए यह समझौता किया गया है।

इसके साथ ही बांग्लादेश के साथ निवेश बढ़ाने संबंधी समझौते को आसानी से लागू करने के लिए ज्वाइंट्स इंटरप्रेटिव नोट्स (जेआइएन) को भी मंजूरी दे दी गई है। इससे आने वाले दिनों में दोनो देशों के बीच आर्थिक संबंध और मजबूत होंगे।

फिलिस्तीन को भी मदद
इसक साथ ही कैबिनेट ने भारत और फिलस्तीन के बीच स्वास्थ्य और चिकित्सा के क्षेत्र में सहयोग पर आधारित समझौते को भी अपनी मंजूरी दे दी है। इसके अलावा भारत और फिलस्तीन के बीच सूचना प्रौद्योगिकी और इलेक्ट्रॉनिक्स के क्षेत्र में सहयोग पर आधारित समझौते को भी मंजूरी दी गई। यह समझौता ई-गवर्नेंस, एम-गवर्नेंस, ई-पब्लिक सर्विस डिलीवरी, साइबर सुरक्षा, सॉफ्टवेयर प्रौद्योगिकी पार्क, स्टार्ट-अप इकोसिस्टम आदि के क्षेत्रों में निकट सहयोग को बढ़ावा देगा।

 

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