Home नरेंद्र मोदी विशेष हमेशा सकारात्मक बदलाव के लिए प्रेरित करते रहे हैं पीएम मोदी

हमेशा सकारात्मक बदलाव के लिए प्रेरित करते रहे हैं पीएम मोदी

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प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी अक्सर आम लोगों के जीवन से जुड़ी कुछ ऐसी व्यावहारिक बातें सामने लाते रहते हैं जो सामान्य रूप से जेहन में नहीं आतीं। अपनी 35वीं ‘मन की बात’ में पीएम मोदी ने ऐसी ही एक बात का जिक्र किया।

दो-चार रुपये के लिए मोल-भाव से बच सकते हैं?

पुणे की अपर्णा ने प्रधानमंत्री से गली-मोहल्‍लों में सामान बेचने वाले गरीबों की समस्‍याओं को उठाने का अनुरोध किया था। मन की बात के अपने संबोधन में उनके संदेश को शामिल करते हुए पीएम मोदी ने कहा कि घर के आस-पास सामान बेचने वाले से हम दो-चार रुपये के लिए मोल भाव करते हैं जबकि बड़े-बड़े रेस्‍टोरेंट में बड़े-बड़े बिल आसानी से अदा कर देते हैं। छोटी-मोटी खरीदारी में जिन दो-चार रुपये के लिए आप मोल-भाव करते हैं उनसे आपके जीवन में कोई फर्क नहीं पड़ता होगा लेकिन इससे गरीब के जीवन पर असर पड़ता है। गरीब को अपनी ईमानदारी पर शक किये जाने से भी पीड़ा का अनुभव होता होगा, इसलिए क्या हम ऐसा करने से बच नहीं सकते?

खाने की बर्बादी रोकने की अपील भी कर चुके हैं 

अपनी एक मन की बात में पीएम मोदी देश के लोगों से खाने की बर्बादी रोकने की अपील भी कर चुके हैं । उन्होंने कहा था – ‘’हमें food wastage पर चिंता करनी चाहिए, हम प्लेट भर लेते हैं लेकिन कई बार खा नहीं पाते और जूठन छोड़कर निकल जाते हैं। सोचिए, जूठन न छोड़ें तो कितने लोगों का पेट भर सकता है।’’ पीएम मोदी ने कहा था कि इस विषय पर जागरूकता बढ़नी चाहिए।

जीवन में अंधेरा लाती है नशे की लत

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी समाज में नशे की लत को लेकर भी अपनी चिंता जाहिर कर चुके हैं। प्रधानमंत्री ने कहा था कि किसी मां का लाल, किसी परिवार का बेटा या बेटी नशे के दलदल में फंसते हैं तो सिर्फ वह व्यक्ति ही नहीं ,बल्कि वो पूरा परिवार तबाह हो जाता है। यहां तक कि समाज, देश सब तबाह होता है। उन्होंने कहा था कि नशा हमारे जीवन में 3D ‘Destruction, Darkness और Devastation’ लाता है। नशे को मनोवैज्ञानिक, सामाजिक और मेडिकल प्रॉब्लम करार देते हुए पीएम मोदी ने कहा था कि जब कोई बालक इस बुराई में फंसता है, तो कभी-कभी हम उस बालक को दोषी मानते हैं, लेकिन सच यह है कि नशा अपने आप में बुरा है। नशे की लत बुरी है। हम आदत को बुरा मानें और उससे बालक को दूर रखने का रास्ता खोजें।

बच्चों में पनपा प्यासे परिंदों को पानी पिलाने का संस्कार

गर्मी के दिनों में प्यास के मारे भटकते परिंदों को राहत मिले, इसके लिए पीएम मोदी बालकनी में, छतों पर या बगीचों में किसी बर्तन में पानी रखने की सलाह भी देते रहे हैं। उन्होंने कहा था कि बच्चे अगर ऐसा करें तो ये उनके संस्कार निर्माण में सहायक होगा। बच्चों पर पीएम की इस सीख का गहरा असर हुआ और कई बच्चों ने तो ये भी बताया कि पानी पिलाने से कई पक्षी उनके साथी बन चुके हैं।

परीक्षा देने वाले छात्रों की हौसलाआफजाई

परीक्षाओं में शामिल होने वाले छात्रों से प्रधानमंत्री मोदी जब परीक्षा को एक उत्सव की तरह लेने की अपील करते हैं तो उसका भी काफी पॉजिटिव असर होता है। प्रधानमंत्री ने कहा था कि परीक्षा परिणाम का प्रभाव सीमित होता है लेकिन ज्ञान का महत्व सर्वाधिक होता है। बातों-बातों में सामने आया पीएम मोदी का ये ज्ञानवर्धनक सुझाव छात्रों के लिए उस रामबाण की तरह होता है जो उनकी चिंताओं को दूर कर उन्हें परीक्षा के पलों में भी सहज बनाये रखने वाला होता है। कई छात्र अपना ये अनुभव बता चुके हैं कि प्रधानमंत्री मोदी की सलाह मानते हुए उन्होंने परीक्षा की तैयारियां भी की और खुशी-खुशी अपने पेपर भी लिखे जिससे उन्हें उम्मीद से बेहतर परिणाम प्राप्त हुए। छात्र ही नहीं, अभिभावकों के लिए भी पीएम मोदी की सलाह थी कि वो अपने बच्चों की क्षमताओं को पहचानें और उनके साथ समय बिताएं।

पीएम मोदी की सलाह का गहरा प्रभाव

पीएम मोदी की इस तरह की कई सलाह सामने आ चुकी है जिसका जनमानस पर सीधा प्रभाव होता है और वो खुद को उनकी सलाह के अनुकूल ढालने की पहल भी करते हैं। पीएम मोदी की इन बातों का प्रभाव इसलिए भी गहरा होता है क्योंकि इनका कोई राजनीतिक मतलब नहीं होता। देशवासियों से प्रधानमंत्री के मन की बातें होती हैं..जहां उन समसामयिक, व्यक्तिगत, सामाजिक और व्यवहारगत मुद्दों की बात होती है जिनसे कहीं ना कहीं आम जनमानस जुड़ा होता है। यही तो वो बात है जिसने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को देश के हर परिवार का सदस्य बना दिया है।

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