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व्यस्त विदेश यात्रा में आलेख के जरिए भी देश का पक्ष रखते हैं पीएम मोदी  

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प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी विदेश दौरों के अपने बेहद व्यस्त कार्यक्रमों के बीच भी किस तरह से देश हित के अलग-अलग मोर्चे पर जुटे रहते हैं इसकी बानगी देखने को मिलती रहती है। मौजूदा अमेरिकी दौरे पर प्रधानमंत्री मोदी ने भारत-अमेरिका संबंधों पर वॉल स्ट्रीट जर्नल में एक आर्टिकल लिखा है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप से मीटिंग से पहले वॉल स्ट्रीट जर्नल में ‘For the U.S. and India, a Convergence of Interests and Values शीर्षक के साथ लिखा गया ये आर्टिकल भारत और अमेरिका के बीच साझेदारी की बात करता है।

भारत-अमेरिका की साझेदारी बेहद अहम

प्रधानमंत्री मोदी भारत-अमेरिका की मजबूत साझेदारी को अहम बताते हुए लिखते हैं : ‘’ एक अनिश्चित वैश्विक आर्थिक परिदृश्य में, दो राष्ट्र एक साथ विकास और नवीनता पर बल देते हुए साथ खड़े हैं। एक-दूसरे के राजनीतिक मूल्यों में विश्वास और एक-दूसरे की सफलता में भरोसे ने हमारी विकास की गतिविधि को प्रबल किया है। दरअसल हमारी साझेदारी को परस्पर कामयाबी और विकास का विजन गाइड करता है।‘’

परस्पर सहयोग की भावना प्रबल

अपने आलेख में प्रधानमंत्री मोदी ने इंगित किया कि भारतीय कंपनियां अमेरिका की अर्थव्यवस्था में सहयोग कर रही हैं और अमेरिकी कंपनियों ने भी भारतीय अर्थव्यवस्था को रफ्तार दी है। प्रधानमंत्री ने लिखा कि औसतन 15 अरब डॉलर के निवेश और 35 राज्यों में उपस्थिति से भारतीय कंपनियां अमेरिका की मैन्युफैक्चरिंग और सर्विस सेक्टर में मूल्यों को जोड़ रही हैं जबकि अमेरिकी कंपनियों ने भारत में 20 अरब डॉलर से ज्यादा के निवेश से अपने ग्लोबल ग्रोथ को और मजबूत करने में सफलता हासिल की है।

भारत में निवेश बढ़ाने का आह्वान

मेक इन इंडिया जैसी योजनाओं के लिए भारत में अमेरिकी निवेश को और बढ़ावा मिले, इसके लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अमेरिकी कंपनियों से भारत में और निवेश करने की अपील की। जीएसटी का उल्लेख करते हुए पीएम मोदी ने कहा कि भारत बड़े सुधारों के रास्ते पर आगे बढ़ रहा है। इसमें Goods & Services Tax और स्मार्ट सिटीज प्रमुख हैं। 1 जुलाई से देश में लागू हो रहा जीएसटी भारत को 130 करोड़ लोगों का एकीकृत बाजार बना देगा। 100 स्मार्ट शहरों की योजना के तहत बंदरगाहों का विकास, एयरपोर्ट, सड़क और रेल यातायात का विकास किया जाएगा। प्रधानमंत्री ने इसका भी जिक्र किया कि 2022 में भारत की आजादी की 75वीं वर्षगांठ तक देश में सबके लिए घर का सपना भी हकीकत का रूप ले लेगा। पीएम मोदी ने कहा कि ये सिर्फ वादे नहीं हैं बल्कि इनमें भारत-अमेरिका साझेदारी भी एक बड़ी भूमिका निभा रही है।

आतंक से लड़ने को दोनों देश प्रतिबद्ध

वॉल स्ट्रीट के आलेख में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने एविएशन और एनर्जी सेक्टर में अमेरिका के साथ भारत की साझेदारी पर भी बात की। आतंकवाद के खिलाफ लड़ाई में दोनों देशों की कोशिशों पर पीएम मोदी ने लिखा:  ‘’आतंकी ताकतों, कट्टरपंथी विचारधाराएं और सुरक्षा के खतरों से समाज और विश्व की सुरक्षा पर अमेरिका और भारत दोनों ही देशों के हित जुड़े हैं। भारत आतंक से जूझते हुए चार दशक बिता चुका है, आतंक के अभिशाप से लड़ने की अमेरिकी प्रशासन की प्रतिबद्धता को भी हम साझा करते हैं।’’

20 अमेरिकी सीईओ के साथ अहम बैठक

इससे पहले पीएम मोदी ने टॉप ग्लोबल सीईओ से मुलाकात की और भारत में निवेश करने के अपने विजन को उनके साथ साझा किया। इस बैठक में एपल के टिम कुक, गूगल के सुंदर पिचाई, सिस्को के जॉन चैंबर्स और अमेजन के जेफ बेजोस मौजूद थे। कुल 20 शीर्ष कंपनियों के सीईओ के साथ एक राउंड टेबल मीटिंग के दौरान पीएम मोदी ने कहा कि पिछले तीन साल में एनडीए सरकार की नीतियों के चलते भारत ने सबसे ज्यादा प्रत्यक्ष विदेशी निवेश-FDI को हासिल किया है। पीएम मोदी ने अपनी सरकार के पिछले तीन साल में उठाये गये कदमों की जानकारी देते हुए कहा कि अब तक सुधारों की संख्या 7000 से ज्यादा है जिनका उद्देश्य व्यापार को सुगम बनाना और न्यूनतम सरकार के साथ अधिकतम कामकाज की उपलब्धि को हासिल करना है।

‘अमेरिका की मजबूती से भारत को मिलेगा लाभ’

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि यदि अमेरिका मजबूत होता है तो भारत इसका स्वाभाविक लाभार्थी होगा।  उन्होंने कहा कि जीएसटी को लागू किये जाने का भारत का ऐतिहासिक फैसला अमेरिका के बिजनेस स्कूलों में अध्ययन का विषय हो सकता है। उन्होंने कहा कि यह दिखाता है कि भारत बड़े निर्णय ले सकता है और तेजी से उन्हें लागू कर सकता है। मीटिंग में मौजूद सीईओ ने प्रधानमंत्री के नोटबंदी और अर्थव्यवस्था के डिजिटलीकरण तथा जीएसटी की दिशा में उठाये गये कदमों की सराहना की। अमेरिकी कंपनियों के प्रमुखों ने मेक इन इंडिया, डिजिटल इंडिया, स्टार्ट अप इंडिया और सरकार के दूसरे महत्वपूर्ण कार्यक्रमों के लिए समर्थन देने की इच्छा भी जताई।

ट्रंप के कार्यकाल में भी मजबूत रहेगा भारत-अमेरिका रिश्ता

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने जबसे देश का नेतृत्व संभाला है, भारत-अमेरिका संबंधों में नये आयाम को बल मिला है। कारोबार से लेकर रक्षा और सुरक्षा जैसे क्षेत्रों में द्विपक्षीय हितों को बढ़ावा देने पर लगातार जोर दिखा है। पूर्व अमेरिकी राष्ट्रपति बराक ओबामा और नरेंद्र मोदी का आपसी समीकरण काफी सुर्खियों में रहा था। दोनों नेता अपनी मुलाकात में सिर्फ द्विपक्षीय हितों के मुद्दों तक सीमित नहीं रहते थे, बल्कि आतंक के खिलाफ विश्वव्यापी मुहिम से लेकर जलवायु बेहतरी जैसे ग्लोबल विषयों से जुड़ी रणनीति भी उनकी चर्चा के केंद्रबिंदु में रहती थी। अब अमेरिका पहुंचे पीएम मोदी को राष्ट्रपति ट्रंप अपना सच्चा मित्र बता चुके हैं। ऐसे में माना जा रहा है कि मौजूदा राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के बीच भी वक्त के साथ तालमेल का वही रंग देखने को मिलेगा। भारत-अमेरिका मिलकर उस रणनीति पर काम करेंगे ताकि विकास की गति में भी रफ्तार बनी रहे और दोनों देशों का निजी हित भी सुरक्षित रहे। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने पिछले साल जून में अमेरिकी संसद के संयुक्त अधिवेशन को संबोधित करते हुए कहा था कि भारत और अमेरिका के आपसी रिश्तों ने इतिहास में एक नया अध्याय लिखा है। नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में विश्व के सबसे बड़े लोकतंत्र भारत, सबसे पुराने लोकतंत्र अमेरिका के साथ तमाम बड़े मोर्चों पर एक सम्मिलित और जिम्मेदारीपूर्ण भूमिका निभाने को प्रतिबद्ध है।

 

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