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2022 तक सबको घर देने की दिशा में मोदी सरकार का बड़ा फैसला

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प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में केंद्र सरकार ने देश की आजादी के 75 साल पूरे होने के मौके पर 2022 तक 1.2 करोड़ मकानों की कमी को पूरा करते हुए सभी को घर देने का लक्ष्‍य रखा है। इस दिशा में मोदी सरकार ने एक बड़ा फैसला किया है। इसके लिए राष्ट्रीय शहरी आवास कोष का गठन किया गया है। कैबिनेट ने 60 हजार करोड़ रुपये के राष्‍ट्रीय शहरी आवास कोष के गठन को मंजूरी दे दी है। शहरी विकास मंत्रालय ने अब तक प्रधानमंत्री शहरी आवास योजना के तहत उनतालीस लाख चालीस हजार मकानों की मंजूरी दी है।

योजना के तहत करीब दो-तीन लाख मकान हर महीने मंजूर किए जा रहे हैं। अब तक 17 लाख से ज्‍यादा मकानों का निर्माण शुरू हो चुका है और पांच लाख मकान बनकर तैयार हो चुके हैं। प्रधानमंत्री आवास योजना (शहरी) के तहत ऋण आधारित ब्‍याज सब्सिडी योजना (सीएलएसएस) के तहत जहां आर्थिक रूप से कमजोर वर्ग (ईडब्‍ल्‍यूएस), निम्‍न आय वर्ग (एलआईजी) और मध्‍य आय वर्ग (एमआईजी) के लाभार्थियों के लिए कर्ज की व्‍यवस्‍था बैंकों और एचएफसी की ओर से की गई है, वहां से लगातार अच्‍छी प्रतिक्रिया मिल रही है। योजना के तहत पिछले आठ महीनों में करीब 87 हजार आवास ऋण मंजूर किए जा चुके हैं और 40,000 आवेदन विचारार्थ हैं।

2022 तक सभी को मकान
2022 तक सभी के लिए मकान सुनिश्चित करने के लक्ष्य को लेकर जून, 2015 में प्रधानमंत्री आवास योजना शुरू की थी। प्रधानमंत्री आवास योजना के लागू हुए दो साल हो गए। इस योजना के तहत शहरी क्षेत्रों में करीब 1.2 करोड़ आवास मंजूर किया जाना है। इतना ही नहीं पिछले तीन सालों में ही करीब पांच लाख घरों बन कर भी तैयार हो गए हैं।

ग्रामीण इलाकों में एक साल में हुआ रिकॉर्ड दस लाख घरों का निर्माण
प्रधानमंत्री आवास योजना (ग्रामीण) में एक साल में रिकॉर्ड दस लाख घरों का निर्माण किया गया है। इस योजना के तहत 31 मार्च 2019 तक एक करोड़ नये घरों का निर्माण सुनिश्चित किया जाना है। इनमें से 31 मार्च 2018 तक 51 लाख मकान बनाए जाने हैं। इस चुनौती को पूरा करने के लिए प्रधानमंत्री आवास योजना (ग्रामीण) के तहत 51 लाख आवास मार्च 2018 तक बनाने के लिए ग्रामीण विकास मंत्रालय राज्य सरकारों के साथ मिलकर कई कदम उठा रहा है। इसके लिए मासिक लक्ष्य निर्धारित किया गया है, ताकि आवासों का निर्माण किया जा सके। नवंबर, 2017 तक 10 लाख घर बनाने का लक्ष्य निर्धारित किया गया था। लक्ष्य की अंतिम तिथि से पहले ही 29 नवंबर, 2017 को यह लक्ष्य पूरा कर लिया गया। आशा व्यक्त की जा रही है कि 31 मार्च, 2018 तक 51 लाख घरों के निर्माण हो जाने की आशा व्यक्त की जा रही है। इसे पूरा करने के लिए 56.90 लाख लाभार्थियों को मकानों की स्वीकृति दी गई है।

अंतरिक्ष टेक्नोलॉजी और सूचना प्रौद्योगिकी के जरिए निगरानी
बेहतर गुणवत्ता के आवासों के तेजी से निर्माण के लिए लाभार्थियों के खातों में प्रत्यक्ष हस्तांतरण के जरिए आईटी-डीबीटी के जरिए सहायता राशि मुहैया कराई गई है। बेहतर गुणवत्ता के घरों के निर्माण के लिए ग्रामीण मजदूरों और मिस्त्रियों को प्रशिक्षण दिया गया है। अंतरिक्ष टेक्नोलॉजी और सूचना प्रौद्योगिकी के जरिए घरों के निर्माण की पूरी प्रक्रिया की निगरानी की जा रही है। लाभार्थियों के मकानों के निर्माण कार्य के विभिन्न चरणों पर नजर रखी जा रही है। राज्यों ने निर्माण सामग्री को रियायती दामों पर उपलब्ध कराने के लिए कई कदम उठाए हैं, ताकि आवासों का निर्माण कार्य और उसकी गुणवत्ता प्रभावित न हों। इन आवासों में शौचालय, एलपीजी कनेक्शन और पीने के पानी की सुविधाएं मुहैया कराई गई हैं। कुछ राज्यों में इस योजना के तहत कलस्टर और कॉलोनियां भी बनाई गई हैं, जिससे आमतौर पर भूमिहीन लाभार्थी लाभांवित होंगे। इन आवासों का निर्माण दिल्ली के यूएनडीपी-आईआईटी ने किया है और संबंधित राज्यों के लाभार्थियों को यह सुविधा दी गई है कि वे अपनी पसंद के अनुरूप आवासों का डिजाइन चुन सकें।

PMAY ने बढ़ाए रोजगार के अवसर
प्रधानमंत्री आवास योजना ने अब तक 1.2 करोड़ लोगों को रोजगार प्रदान किया है। एक रिपोर्ट के अनुसार इस क्षेत्र में निवेश किये गए हर 1 लाख रुपये पर 2.69 रोजगार लोगों को मिलते हैं। लगातार प्रयासों से यह आंकड़ा 4.06 तक पंहुचा जा सकता है। प्रधानमंत्री आवास योजना के तहत अब तक 1,10,753 करोड़ रुपये का निवेश किया जा चुका है। अनुमान है कि इस पूरी योजना के तहत लगभग 4.5 करोड़ लोगों को रोजगार मिल सकता है।

सस्ते मकान क्षेत्र में जबरदस्त तेजी
प्रधानमंत्री आवास योजना पीपीपी मोड के आधार पर चल रही है। ऐसा अनुमान है कि इस कारण सस्ते आवासीय क्षेत्र में जबरदस्त तेजी आने वाली है। कई हाउसिंग कंपनियों के अनुसार ग्राहकों का जबरदस्त आकर्षण दिख रहा है।पीएमएवाई के तहत केंद्र सरकार ने मध्यम आयवर्ग के लोगों के लिए दो नई योजनाएं शुरू की। इन योजनाओं के तहत 9 लाख रुपये तक के आवास ऋण पर ब्याज में 4 फीसदी और 12 लाख रुपये के आवास ऋण पर ब्याज में 3 फीसदी छूट दी गई है।

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