Home नरेंद्र मोदी विशेष मोदी सरकार ने जो ठाना वो करके दिखाया

मोदी सरकार ने जो ठाना वो करके दिखाया

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कहते हैं कथनी और करनी में बहुत फर्क है। देश में साठ साल तक शासन करने वाली कांग्रेस ने अपनी राजनीति में इस फर्क को हमेशा कायम रखा। उसने जनता से कहा कुछ और किया कुछ या यूं कहें कि कहा बहुत कुछ लेकिन किया कुछ भी नहीं। 1971 के लोकसभा चुनावों में गरीबी हटाओ का नारा तब कांग्रेस को सत्ता में लाने में सबसे ज्यादा कारगर रहा था लेकिन कांग्रेस ने गरीबी हटाने के लिए जमीन पर कुछ भी नहीं किया। वहीं पूर्ववर्ती यूपीए सरकार जनता से किये वादों से खिलवाड़ करते हुए भ्रष्टाचार में लिप्त रही।

 मोदी सरकार में वोट बैंक नहीं देशहित के पैमाने पर फैसले

कांग्रेस ने जहां अपने शासनकाल के ज्यादातर हिस्से में सिर्फ वोट बैंक के आधार पर कदम उठाकर दिखाये, वहीं देश में मोदी सरकार के सत्ता में आने के बाद से क्रांतिकारी बदलाव के दौर निरंतर जारी हैं। मौजूदा सरकार की कई ऐसी योजनाएं और फैसले हैं जिन्हें हर तरफ से जनता का समर्थन इसलिए मिला क्योंकि इसमें सत्तापरक राजनीति का नामोनिशान नहीं था।

मोदी सरकार की संकल्प शक्ति से GST हुआ लागू

देश में जो Goods & Service Tax यानी GST लागू हुआ है उसमें तमाम राजनीतिक दलों ने भूमिका जरूर निभाई है लेकिन प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की सरकार ने इसे लागू करने को लेकर मजबूत इच्छाशक्ति नहीं दिखाई होती तो शायद ये अभी लंबी बाट जोह रहा होता। GST के लागू होने के साथ ही देश के लिए हमेशा कुछ बड़ा कर गुजरने की मोदी सरकार की संकल्प शक्ति पर मुहर लग गई है जिसके केंद्र में हमेशा सवा सौ करोड़ देशवासियों को रखा जाता है। आखिर जीएसटी का भी सबसे ज्यादा फायदा समाज के अंतिम पायदान पर बैठे लोगों के ही खाते में जाएगा। टैक्स की पूरी प्रक्रिया पारदर्शी होने से सरकारी खजाने में बढ़ोत्तरी होगी जिससे गरीबों और समाज के वंचित वर्गों के लिए कई तरह की कल्याणकारी योजनाएं शुरू भी की जा सकती हैं और मौजूदा योजनाओं में रफ्तार भी भरी जा सकती है।

नोटबंदी के साथ आतंकवाद और भ्रष्टाचार पर प्रहार

मोदी सरकार अपने पहले दिन से भ्रष्टाचार, काला धन और आतंकवाद को खत्म करने पर काम शुरू कर चुकी थी। 2014 में अपनी पहली ही कैबिनेट बैठक में कालाधन पर एसआईटी गठित कर उसने भ्रष्टाचारमुक्त भारत के अपने संकल्प का इजहार कर दिया था। पिछले साल नवंबर में नोटबंदी के एलान के साथ नरेंद्र मोदी सरकार ने इस दिशा में एक बड़ा और कड़ा  कदम उठाया। कांग्रेस समेत ज्यादातर विपक्षी दलों ने नोटबंदी के कदम की बिना सोचे समझे आलोचना शुरू कर दी। अर्थशास्त्र के कई पंडितों ने भी यहां तक भविष्यवाणी कर दी कि मोदी सरकार ने नोटबंदी के साथ अपने लिए ही मुसीबत मोल ले ली। लेकिन विरोधियों के तमाम भ्रामक प्रचार के बावजूद जनता मोदी सरकार के साथ इस फैसले में हमेशा खड़ी रही। उसके अंदर ये विश्वास बना रहा कि जिन इरादों को लेकर ये कदम उठाया गया है कि वो जरूर पूरे होंगे। जनता के इसी विश्वास का नतीजा था जो यूपी और उत्तराखंड में तीन चौथाई से ज्यादा बहुमत के साथ बीजेपी सत्ता में आने में कामयाब रही।

योजनाओं के श्रीगणेश से लेकर क्रियान्वयन तक

मोदी सरकार किस तरह किसी भी योजना का श्रीगणेश करने से लेकर उसे क्रियान्वयन तक पहुंचाने का काम करती है इसकी बानगी उसकी तमाम योजनाओं में दिखी है। जब प्रधानमंत्री जन धन योजना लॉन्च हुई तो विरोधी तो मानकर चल रहे थे कि फुस्स हो जाएगी ये योजना। लेकिन योजना लॉन्च होने के साथ ही डेढ़ करोड़ खाते का खुल जाना और अब तक इन खातों की संख्या का 28.5 करोड़ के पार चले जाना बताता है कि मौजूदा सरकार को लेकर जनता का भरोसा किस कदर अटूट होता जा रहा है। जन धन खातों में तो अब तक 65 हजार करोड़ रुपये से ज्यादा जमा भी हो चुके हैं। कांग्रेस अपने शासन के दिनों में ऐसी योजना शुरू भी करती थी तो महज खानापूर्ति के लिए-दिखावे के लिए इसलिए कभी भी गरीबों को उसकी योजनाओं का पूरा लाभ नहीं मिल पाया।

योजनाओं पर अमल से जनता का बढ़ा विश्वास

गरीबी रेखा से नीचे रहने वाली परिवार की महिलाओं को उज्ज्वला योजना के तहत मुफ्त रसोई गैस वितरित करने की योजना हो या फिर मुद्रा योजना और स्टार्ट अप इंडिया जैसी योजनाएं ये सब अपने उद्देश्य को पूरा करती जा रही हैं। कांग्रेस शासन में जहां एलपीजी सिलिंडर कम-ज्यादा करने के राजनीतिक फैसले होते रहते थे, वहीं मोदी सरकार में दो करोड़ से ज्यादा परिवारों को मुफ्त रसोई गैस बांटी जा चुकी हैै। मुद्रा योजना के लाभार्थियों  में 70 प्रतिशत महिलाएं शामिल हैं, जो ये जाहिर करता है कि मोदी सरकारी की योजनाओं में लोगों को उम्मीद ही नहीं विश्वास कायम हो चुका है। स्किल डेवलपमेंट योजना के तहत मौजूदा सरकार अपने लक्ष्य की ओर बढ़ रही है। युवाओं के रोजगार से जुड़ी मोदी सरकार की कई योजनाओं की खासियत ये है कि इस मामले में भी वो स्थायी समाधान की दिशा में जा रही है।  

वादे से भी ज्यादा काम करना चाहती है मोदी सरकार

मोदी सरकार के तमाम कदमों से ये जाहिर हुआ है कि इसने जो ठाना वो करके दिखाया। इस सरकार ने अपनी पूर्ववर्ती सरकार की तरह कथनी और करनी में फर्क नहीं रखा। जनता से जो वादे किये उन्हें निभाने में दिन-रात एक किये हुई है मोदी सरकार। देशहित में कामकाज को लेकर मौजूदा सरकार की जो रफ्तार और प्रतिबद्धता है उससे देशवासी भी शायद यही महसूस कर रहे होंगे कि देश के लिए अपने वादे से भी ज्यादा करने की इच्छा रखती है ये सरकार।

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