प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की विदेश नीति और कूटनीति कितनी प्रभावी रही है इसका सबसे बड़ा उदाहरण सामने आया है। अमेरिका आतंक को पनाह देने के चलते पाकिस्तान की आर्थिक मदद बंद करने जा रहा है।
बंद होगी पाकिस्तान को अमेरिकी सहायता
अमेरिकी सीनेटर रैंड पॉल ने ट्वीट कर पाकिस्तान के खिलाफ अमेरिका के इस बड़े कदम की जानकारी दी है। उन्होंने बताया है कि पाकिस्तान को दी जाने वाली सहायता बंद करने के लिए वह एक बिल पेश करने जा रहे हैं। इस बिल के पास होने से पाकिस्तान पर बर्बाद होने वाले अमेरिकी धन की रक्षा हो सकेगी। उस धन को अमेरिका में सड़कों के निर्माण और इंफ्रास्ट्रक्चर मजबूत करने पर खर्च किया जाएगा। अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने ट्वीट का जवाब देते हुए इसे गुड आइडिया बताने में देर नहीं की।
Good idea Rand! https://t.co/55sqUDiC0s
— Donald J. Trump (@realDonaldTrump) January 6, 2018
I’m introducing a bill to end aid to Pakistan in the coming days. My bill will take the money that would have gone to Pakistan and put it in an infrastructure fund to build roads and bridges here at home. pic.twitter.com/SHlA00rWEd
— Senator Rand Paul (@RandPaul) January 4, 2018
प्रधानमंत्री मोदी की विदेश नीति का नतीजा
पाकिस्तान पर अमेरिकी सख्ती दरअसल प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की विदेश नीति की सफलता की एक बड़ी निशानी है। विश्व मंच पर भारत लगातार पाकिस्तान की पोल खोलता रहा और धीरे-धीरे अमेरिका को भी यह समझ आ गया कि जिसे वह आतंक के खात्मे के लिए पैसा देता आ रहा है वह दरअसल डबल गेम कर रहा है।
विश्व मंच पर भारत का दावा साबित
अमेरिकी कदम से भारत की यह बात अंतर्राष्ट्रीय मंच पर सही साबित हो चुकी है कि पाकिस्तान आतंक का पालनहार है। पाकिस्तान पर नकेल की प्रधानमंत्री मोदी की कोशिशों का सबसे बड़ा नतीजा तब दिखा जब इस नये साल के अपने पहले ट्वीट में अमेरिकी राष्ट्रपति ट्रंप ने आतंक के पनाहगार पाकिस्तान की फंडिंग रोकने का एलान किया।
The United States has foolishly given Pakistan more than 33 billion dollars in aid over the last 15 years, and they have given us nothing but lies & deceit, thinking of our leaders as fools. They give safe haven to the terrorists we hunt in Afghanistan, with little help. No more!
— Donald J. Trump (@realDonaldTrump) January 1, 2018
जो पहले कभी नहीं हुआ वह मोदी सरकार ने किया
आजादी के बाद देश की यह पहली सरकार है जिसकी विदेश नीति के चलते पाकितान की शामत आई है। इससे पहले कांग्रेस राज में आतंक के खिलाफ कड़े-कड़े कदमों की बातें तो खूब होती थीं लेकिन ऐसी पहल कभी नहीं हुई जिससे पाकिस्तान में जमी आतंक की जड़ उखड़ सके। मोदी सरकार इसमें कामयाब रही है। उसने एक ऐसी कोशिश की जिससे न रहेगा बांस, न बजेगी बांसुरी। आतंक को पालने-पोसने में पाकिस्तान जिन पैसों का इस्तेमाल करता था मोदी सरकार की कोशिशों से वो पैसे ही उसे अब नहीं मिलेंगे। गौर करने वाली बात है कि 2002 से अमेरिका पाकिस्तान को अब तक 33 अरब डॉलर की राशि की आर्थिक मदद कर चुका है।
एक वो दौर था, एक ये दौर है
यूपीए शासनकाल में आतंकवाद से निपटने को लेकर रवैया कितना ढुलमुल था यह इसी से पता चलता है कि आये दिन आम नागरिकों के जेहन में यह खतरा समाया रहता था कि ना जानें कहां फिर आतंकी अपनी नापाक हरकत को अंजाम दे दें। आतंकी दिल्ली और मुंबई समेत देश के कई शहरों को दहलाते रहे थे और तब की सरकार वारदात के बाद महज खानापूर्ति जैसी कार्रवाई करके रह जाती थी। 26/11 हमले में तो तत्कालीन यूपीए सरकार की पूरी तरह से कलई खुल गई थी कि आतंक से लड़ने को लेकर भी उसकी तैयारियां कितनी लचर थीं। लेकिन मौजूदा सरकार में ना सिर्फ देश के भीतर आतंकवाद पर शिकंजा कसा है, बल्कि विश्व में पसरे आतंकवाद के खात्मे के लिए भी भारत अग्रणी भूमिका निभा रहा है।
आतंकी और उनके आकाओं की चौतरफा घेराबंदी
भारत की पहल पर अमेरिका के डोनाल्ड ट्रंप प्रशासन पाकिस्तान को आतंकवादियों की शरणस्थली वाले देशों की सूची में डाल चुका है। प्रधानमंत्री मोदी के प्रयासों के चलते अमेरिका हिजबुल मुजाहिदीन को आतंकी संगठन करार देने के साथ हिजबुल सरगना सैयद सलाउद्दीन को वैश्विक आतंकी घोषित कर चुका है। इसके साथ ही वह लश्कर के मुखौटा संगठन जमात-उद-दावा और संसद हमले में शामिल जैश-ए-मोहम्मद पर भी पाबंदी लगा चुका है। भारत की ओर से पड़ने वाले दबाव का नतीजा यह भी हुआ कि खुद पाकिस्तान को भी यह मानना पड़ा कि उसकी जमीन से लश्कर-ए-तैय्यबा, जैश-ए-मोहम्मद और हिजबुल मुजाहिदीन जैसे आतंकी संगठन संचालित हो रहे हैं।