Home समाचार बीपीओ प्रोत्साहन योजना: अब छोटे शहरों में मिलेंगी हजारों नौकरियां

बीपीओ प्रोत्साहन योजना: अब छोटे शहरों में मिलेंगी हजारों नौकरियां

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प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की योजनाओं और नीतियों से देश में युवाओं के लिए रोजगार के नए अवसर पैदा हुए हैं। उनकी मुद्रा योजना से लेकर स्किल इंडिया जैसी योजनाएं युवाओं के लिए रोजगार के असीमित अवसर लेकर आने वाली साबित होने जा रही हैं। अब छोटे शहरों में कॉल सेंटर खुलने से तीन गुना रोजगार पैदा होने की संभावना है। सरकार की इंडिया बीपीओ प्रमोशन स्कीम ने छोटे शहरों में रोजगार की नई संभावनाओं को जन्म दिया है। छोटे शहरों में बीपीओ यानी बिजनेस प्रोसेस आउटसोर्सिग इकाइयों (कॉल सेंटर) को बढ़ावा देने वाली सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय की इस स्कीम की पांचवे दौर की निविदा प्रक्रिया में इन शहरों के लिए तमाम कंपनियों ने बोली लगायी है।

इलैक्ट्रॉनिक्स और सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय डिजिटल समावेश के जरिए प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की सबका साथ, सबका विकास की कल्पना को हकीकत में बदलने के लिए कार्य कर रहा है। सरकार की बीपीओ नीति का उद्देश्य बीपीओ इंडस्ट्री को महानगरों से निकालकर छोटे शहरों तक ले जाना है। इससे छोटे शहरों के युवाओं के सपनों को पूरा करने में मदद मिलेगी और उन्हें अपने ही शहरों में रोजगार के अवसर उपलब्ध होंगे। यह सरकार की समावेशी डिजिटल विकास की नीति का ही परिणाम है।

छोटे शहरों में मिलेंगी हजारों नौकरियां
भारत में आईटी क्षेत्र का विकास परम्परागत तौर पर केवल कुछ चुने हुए शहरों तक सीमित रहा है। शहरी इलाकों जैसे दिल्ली-नोएडा-गुरुग्राम, मुंबई-पुणे, हैदराबाद, बेंगलुरु-मैसूर और चेन्नई में अधिकतर आईटी कंपनियों देखने को मिली हैं। 2014 में फैसला किया गया कि भारत के छोटे शहरों में भी आईटी की नौकरियों का प्रसार किया जाएगा। इसका उद्देश्य इन इलाकों में रहने वाले युवाओं के लिए अवसर पैदा करना था, ताकि उन्हें शहरी इलाकों की तरफ पलायन न करना पड़े। इसके परिणामस्वरूप भारत बीपीओ प्रोत्साहन योजना की शुरुआत हुई। भारत के पूर्वोत्तर क्षेत्र के विकास पर विशेष ध्यान देने की सरकार की योजना के अनुसार पूर्वोत्तर बीपीओ प्रोत्साहन योजना की भी साथ ही शुरुआत की गई।

इस योजना में व्यावहारिकता अंतर निधीयन (वायबिलीटी गैप फंडिंग) के रूप में प्रति सीट एक लाख रुपये तक का विशेष प्रोत्साहन प्रदान किया जाता है। इन योजनाओं के अंतर्गत वित्तीय सहायता का वितरण सीधे तौर पर रोजगार सृजन से जुड़ा हुआ है। इन योजनाओं में महिलाओं और दिव्यांगों को रोजगार देने, शहरों में संचालन, लक्ष्य से अधिक रोजगार सृजित करने और स्थानीय उद्यमिता को बढ़ावा देने के लिए विशेष प्रोत्साहन दिया जाता है। हिमालयी राज्यों जम्मू-कश्मीर, हिमाचल प्रदेश और उत्तराखंड के लिए विशेष प्रावधान है। बीपीओ प्रोत्साहन योजना के अंतर्गत 48,300 सीटों और पूर्वोत्तर बीपीओ प्रोत्साहन योजना के अंतर्गत 5000 सीटों का विभिन्न राज्यों की आबादी के अनुपात में वितरण किया गया है।

भारत बीपीओ प्रोत्साहन योजनाः
·खुली बोली की प्रक्रिया के चार दौर के बाद, 87 कंपनियों की 109 इकाईयों को 18,160 सीटें आवंटित की गई हैं, जो 19 राज्यों और संघ शासित प्रदेशों के 60 स्थानों में फैली हुई हैं।

·इनमें से 76 इकाईयों ने 13,480 सीटों पर संचालन शुरू कर दिया है, जो 17 राज्यों और संघ शासित प्रदेशों के 48 स्थानों में फैली हुई है।

·कुछ नए और अंदरूनी स्थान जहां बीपीओं ने संचालन शुरू कर दिया है वे हैं आंध्र प्रदेश में तिरुपति, गुंटुपल्ली, राजमुंदरी, बिहार में पटना और मुजफ्फरपुर, छत्तीसगढ़ में रायपुर, हिमाचल प्रदेश में बद्दी और शिमला, मध्य प्रदेश में सागर, ओडिशा में भुवनेश्वर, कटक और जलेश्वर, तमिलनाडु में कोट्टाकुप्पम, मदुरै, मइलादुथुरई, तिरुचिरापल्ली, तिरुप्पटूर और वेल्लोर, तेलंगाना में करीमनगर, जम्मू और कश्मीर में भदेरवाह, बडगाम, जम्मू, सोपोर और श्रीनगर, महाराष्ट्र में औरंगाबाद, भिवंडी, सांगली और वर्धा, उत्तर प्रदेश में बरेली, कानपुर और वाराणसी।

·बोली के पांचवे दौर के बाद जो 4 नवम्‍बर 2017 को बंद हुई, 68 कंपनियों ने 17,000 सीटों के लिए बोलियां लगाईं, जिनका मूल्यांकन किया जा रहा है, इनमें से 54 नई कंपनियों ने 40 नए कस्बों के लिए बोलियां लगाई, जिसके साथ ही संभावित स्थानों की कुल संख्या 88 हो गई। एक अनुमान के अनुसार अतिरिक्त 14,000 सीटों को अंतिम रूप दे दिया गया है और कार्य सौंप दिया गया है। इसके साथ ही आवंटित सीटों की संख्या 35,160 हो गई है।

·चित्तूर, मथुरा, बेतालपुर (देवरिया), फर्रुखाबाद, जहानाबाद, गया, दलसिंहसराय, पठानकोट, अमृतसर, ग्वालियर, रायसेन, श्रृंगेरी, उडुपी, हुबली, बालासोर, कटक, पुरी, रांची, देवघर, वेल्लोर, तिरुपुर जैसे स्थानों के लिए बोलियां प्राप्त हुई है जिनका मूल्यांकन किया जा रहा है।

पूर्वोत्तर बीपीओ प्रोत्साहन योजनाः
·सरकार पूर्वोत्तर राज्यों के तेजी से और समग्र विकास के लिए प्रतिबद्ध है। पूर्वोत्तर राज्यों में संपर्क सुधारने और युवाओं की प्रतिभा को पहचाने के लिए सरकार ने बीपीओ स्थापित कर क्षेत्र के विकास कार्य को आगे बढ़ाया है। पूर्वोत्तर भारत के 5 राज्यों की 11 कंपनियों 12 इकाईयों को 1,630 सीटें आवंटित की गई है।

·इनमें से 900 सीटों पर 7 इकाईयों ने संचालन शुरू कर दिया है और आरंभ में 723 लोगों को रोजगार मिला है।

·पूर्वोत्तर के कुछ अन्य स्थान जहां बीपीओ ने कार्य शुरू कर दिया है वह हैं गुवाहाटी, जोरहाट, कोहिमा, इम्फाल आदि।

·8वें दौर की बोली के बाद जो 10 नवंबर, 2017 को बंद हुई, 6 कंपनियों ने अतिरिक्त 550 सीटों के लिए अपनी बोलियां लगाई, जिनका मूल्यांकन किया जा रहा है।

·5 नए बोलीकर्ता है जिन्होंने 6 नए स्थानों के लिए बोली लगाई है वह है असम में दीफू, मजूली, कोकराझार और सिलचर, दीमापुर (नागालैंड) और अगरतला (त्रिपुरा)।

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