मोदी सरकार महिला सशक्तीकरण को नए आयाम दे रही है। सरकार महिला आरक्षण विधेयक के साथ-साथ पंचायती राज संस्थानों में महिलाओं के लिए 50 प्रतिशत आरक्षण के लिए अध्यादेश ला सकती है। इससे महिलाओं की लोकसभा और विधानसभाओं में 33 प्रतिशत और पंचायत चुनावों में महिलाओं की 50 प्रतिशत भागीदारी सुनिश्चित हो जाएगी। अभी तक पंचायती राज संस्थानों में महिलाओं के लिए केवल 33 प्रतिशत सीटें ही आरक्षित हैं। कानून बनने के बाद यह व्यवस्था पूरे देश में लागू हो जाएगी।
महिला भागीदारी के प्रतिबद्ध भाजपा
महिला आरक्षण विधेयक को लेकर भाजपा सरकार पूरी तरह से प्रतिबद्ध है। सरकार ने कई बार अपनी प्रतिबद्धता को दोहराया है। पूर्व पंचायती राज मंत्री बीरेंद्र चौधरी ने 2016 में 50 फीसदी आरक्षण के लिए संविधान संशोधन विधेयक लाने का प्रस्ताव रखा था। उस वक्त 16 राज्य पहले से ही इस कानून को पास कर चुके थे। भाजपा शासित राज्य इस मामले में अग्रणी रहे हैं। भाजपा यूपीए के शासनकाल में विपक्ष में रहते हुए भी महिला आरक्षण विधेयक और महिला सशक्तीकरण के मुद्दे को पुरजोर तरीके से उठाती रही है।
कांग्रेस की विरोध की राजनीति
कांग्रेस और उसके साथी विपक्षी दल हमेशा से महिला के मुद्दे पर राजनीति करती रही है। कांग्रेस की वजह से महिला आरक्षण विधेयक 20 साल से अटका हुआ है। महिला आरक्षण विधेयक को ठंडे बस्ते में डालने का काम कांग्रेस ने ही किया है। कांग्रेस महिला आरक्षण के मुद्दे को राजनीतिक हथकंडे और वोटबैंक की राजनीति के रूप में इस्तेमाल करती रही है।
महिला सशक्तीकरण को दी नई दिशा
मोदी सरकार ने महिलाओं को मंत्रिमंडल में ही स्थान नहीं दिया, बल्कि अपनी नीतियों और योजनाओं से साबित किया है कि महिलाओं के अधिकारों और सशक्तीकरण को लेकर कितनी संवेदनशील है। सरकार महिला सशक्तीकरण के लिए योजनाओं के क्रियान्वयन के अलावा समाज के प्रत्येक क्षेत्र में महिलाओं को प्रोत्साहन देने का काम कर रही हैं। सरकार महिलाओं को सशक्त करने के अपने दायित्व का निर्वाह पूरी ईमानदारी से कर रही है।
महिला शिक्षा और समृद्धि की पक्षधर
महिलाओं की शिक्षा और समृद्धि के लिए मोदी सरकार ने कोई कोर कसर नहीं छोड़ी है। सरकार ने बेटी बचाओ, बेटी पढ़ाओ योजना की सफलता किसी से छिपी नहीं है। वहीं 0-10 साल की कन्याओं के लिए सुकन्या समृद्धि योजना देश की बेटियों के भविष्य को सुरक्षित करने का कार्य किया है। इस तरह सरकार ने बेटियों की शिक्षा और समृद्धि दोनों को सुनिश्चित किया है। सरकार बालिकाओं के लिए मुफ्त शिक्षा और छात्रवृत्तियां दे रही है।
महिला स्वास्थ्य को प्राथमिकता
महिला स्वास्थ्य को सरकार की प्राथमिकता में शामिल है। प्रधानमंत्री उज्ज्वला योजना के माध्यम से करोड़ों गरीब परिवारों की महिलाओं को प्रदूषण युक्त चूल्हे के धुएं से मुक्ति दिलाने का काम किया है। गरीबी रेखा से नीचे के परिवारों की महिलाओं को एलपीजी गैस कनेक्शन और चूल्हा मुफ्त उपलब्ध कराया है। गर्भवती कामकाजी महिलाओं के लिए वैतनिक मातृत्व अवकाश की अवधि 12 सप्ताह से बढ़ा कर 26 सप्ताह की है। मातृत्व अवकाश के समय घर से भी काम करने की छूट दे दी है।
महिलाओं मुक्ति और न्याय की पक्षधर
मोदी सरकार पूरी तरह से महिलाओं मुक्ति और न्याय की पक्षधर रही है। ने मुस्लिम महिलाओं को तीन तलाक से मुक्ति दिलायी वहीं यौन उत्पीड़न से निवारण के लिए ई-प्लेटफॉर्म उपलब्ध कराया गया है। इस ई-प्लेटफॉर्म के माध्यम से ऑनलाइन ही शिकायत दर्ज करा सकेंगी। केंद्र सरकार में करीब 30 लाख से ज्यादा कर्मचारी हैं।
महिलाओं कौशल को बढ़ावा
प्रधानमंत्री कौशल विकास योजना के अंतर्गत महिलाओं को रोजगार योग्य बनाने के लिए 11 लाख से अधिक महिलाओं को अलग-अलग तरह के हुनर में प्रशिक्षित किया गया है। महिला उद्यमिता और महिला कौशल को बढ़ावा देने का काम किया है। प्रधानमंत्री मुद्रा योजना के लाभार्थियों में 70 प्रतिशत महिलाएं हैं।