बीते 46 महीनों के कार्यकाल में यह बात हर बार साबित हुई है नरेन्द्र मोदी सरकार भ्रष्टाचार पर लगातार प्रहार कर रही है और बड़े-बड़े भ्रष्टाचारी कानून की गिरफ्त में आते जा रहे हैं। प्रतिबद्धता के साथ मुनाफाखोरों, कालाबाजारियों और जनता का शोषण करने वालों पर कार्रवाई की जा रही है। लालफीताशाही की नींद हराम हो गयी है और बैंकों से कर्ज लेकर चुप बैठ जाने वाले उद्योगपतियों पर शिकंजा कस रहा है। कई ऐसे बड़े उद्योगपति हैं जो अपनी संपत्तियां और कम्पनियां बेचकर बैंकों का कर्ज चुका रहे हैं। आइये इनमें से कुछ पर हम नजर डालते हैं-
जिंदल स्टील
अक्टूबर, 2017
रायगढ़ और अंगूल स्टील प्लांट के दो यूनिट को 1,121 करोड़ में बेचना पड़ा
अगस्त 2017
6 हजार करोड़ वसूलने के लिए SBI ने अंगूल में जिंदल इंडिया थर्मल पावर प्लांट का टेंडर मंगवाया
एस्सार ऑयल
अगस्त 2017
ESSAR ऑयल को अपना 49 प्रतिशत शेयर रुस की Rosneft कंपनी को बेचना पड़ा
SBI, ICICI, Axis, IDBI और Standard Chartered बैंकों का 70,000 करोड़ रुपया चुकाना पड़ा
जीवीके पॉवर एंड इन्फ्रास्ट्रक्चर
जुलाई, 2017
बकाया चुकाने के लिए 3,439 करोड़ रुपये में बेंगलुरु इंटरनेशनल एयरपोर्ट बेचना पड़ा
डीएलएफ
दिसंबर, 2017
DCCDL को अपना 40 प्रतिशत हिस्सा बेच कर बैंकों का 7100 करोड़ रुपया चुकाना पड़ा
जेपी एसोसिएट्स
40 हजार करोड़ का कर्ज चुकाने के लिए 15,000 करोड़ में सीमेंट प्लांट Ultratech और ACC को बेचना पड़ा
बैंकों ने जेपी ग्रुप की 13, 000 करोड़ की जमीन बेचने की प्रक्रिया शुरू की
टाटा ग्रुप
जनवरी, 2018
टाटा ग्रुप ने बैंकों के 23 हजार करोड़ में से 17 हजार करोड़ चुका दिए
सितंबर, 2018
टीसीएस के लाभांश से टाटा मोटर्स और टाटा टेलिसर्विसेज लिमिटेड का कर्ज चुकाएंगे
जीएमआर
37,480 करोड़ रुपये में 18,480 हजार करोड़ वापस किए, बकाया 19,000 करोड़ रुपये जल्द चुकाएंगे
वीडियोकॉन
नेशनल कंपनी लॉ ट्रिब्यूनल (NCLT) में बैंकरप्सी के तहत कंपनी बेचकर वसूला जाएगा बकाया 20 हजार करोड़
रिलायंस
45,000 करोड़ रुपये बकाये की वापसी के लिए अपने Assets बेचकर कर्ज चुकाएगी कंपनी