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मोदी बने लोगों की आंखों का तारा

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देश में मोदी, प्रदेश में मोदी, नगर निगम में मोदी, पंचायत में मोदी। यानी लोकतंत्र के निचले छोर से ऊंचे पायदान तक हर स्तर पर मोदी-मोदी। भारतीय राजनीति का वो सितारा बन गये है मोदी जो हर स्तर पर अपनी चमक बिखेर रहे हैं, जनता की आंखों का तारा बन गये हैं मोदी जिनकी हर चुनाव में जनता वोट देकर खुद नजर उतार रही है।

राष्ट्रपुरुष बने मोदी
एक चाय वाले से प्रधानमंत्री तक का पूरा सफर कितना संघर्षमय रहा है इसकी तुलना करना शायद ही मुमकिन हो। लेकिन लोकतंत्र में जनता की ताकत का अंदाजा आप इस बात से लगा सकते है कि अगर आपके अंदर देश के लिए कुछ करने का जज्बा है तो ये मायने नहीं रखता कि आप कौन है, आपका इतिहास क्या है, बस किसी चीज का मूल्य होता है तो वो होता राष्ट्र के लिए समर्पण की भावना। भावना जो उस ज्वार से ओत-प्रोत रहती है, जिसमें गरीबों के कल्याण का स्वार्थ निहित होता है।

2014 में मोदी लहर में बहा विपक्ष
2014 में मोदी की ऐसी लहर उठी कि सतारुढ़ कांग्रेस जिसकी पहले 162 सीटें थी वो 44 सीटों पर सिमट गई और बीजेपी 166 सीटों के फायदें का साथ 282 सीटें जीतकर केंद्र पर सत्तारूढ़ हुई। और इस 2014 के चुनाव ने केंद्र में पूरे विपक्ष का ही खात्मा कर दिया। मुलायम सिंह यादव की पार्टी 16 सीटों से 5 सीटों पर आ गई। नीतिश कुमार की जनता दल यूनाइटेड 18 सीटों से सिमटकर 2 सीटों पर रह गई। भारतीय कम्यूनिस्ट पार्टी तो मात्र 1 ही सीट जीत पाई।

नोटबंदी पर फिर खाई विपक्ष ने मुंह की
8 नवंबर 2016 का वो ऐतिहासिक दिन जब रात 8 बजे प्रधानमंत्री मोदी ने देश के नाम संबोधन करते हुए 500 और 1000 के नोट बंद करके कालाधन, भ्रष्टाचार और आतंकवाद के खिलाफ एक बड़ा कदम उठाया। इस कदम के बाद विपक्ष एक बाऱ फिर से मोदी के खिलाफ एकजुट खड़ा हो गया लेकिन यहां भी जनता के हाथों लोगो को मुंह की खानी पड़ी और जनता ने नोटबंदी में मोदी के साथ खड़े होकर पूरे विपक्ष जो कि अब नाम का ही रह गया है उसके होश उड़ा दिए।

स्थानीय और उपचुनाव में नोटबंदी हुआ बेअसर, बेदम हुआ विपक्ष
नोटबंदी के बाद गुजरात, महाराष्ट्र, उड़ीसा में स्थानीय चुनाव हुए और साथ ही राजस्थान, पश्चिम बंगाल, मध्यप्रदेश और आसाम में उपचुनाव हुए। फिर से पूरे विपक्ष और राजनीतिक पंडितों ने कहा कि नोटबंदी के खिलाफ इस बार वोट पड़े है। और इस बार मोदी जी को मूंह की खानी पड़ेगी लेकिन जब इन स्थानीय चुनावों के परिणाम सामने आए तो सभी राजनीतिक पंडितो समेत नेताओं की बोलती बंद हो गई और मोदी की नोटबंदी ने सभी जगह प्रचंड जीत हासिल की।

2017 में मोदी लहर ने 4 राज्यों में बनाई सरकार, विपक्ष फिर हुआ धराशायी
नोटबंदी पर मूंह की खाने के बाद विपक्ष ने कहा कि 2017 के पांच राज्यों को विधानसभा चुनावों में मोदी को सबक सीखने को मिल जाएगा यही नहीं राहुल गांधी ने उत्तरप्रदेश में अखिलेश यादव से गठबंधन भी किया लेकिन पांच राज्यों में से चार राज्यों उत्तरप्रदेश, उत्तराखंड, गोवा और मणिपुर में बीजेपी ने अपनी सरकार बनाई। यानि मोदी के विकास की नीति पर लोगों ने एक बार फिर से जीत का ठप्पा लगा दिया।

दिल्ली के MCD चुनावों में मोदी लहर ने झाड़ू का सफाया किया।
इसके बाद भी विपक्ष को चेन नहीं मिला उन्होंने दिल्ली के एमसीडी में पिछले 10 सालों से काबिज बीजेपी को हराने के लिए ऐड़ी-चोटी का जोर लगा दिया। और दिल्ली में काबिज आम आदमी को तगड़ा झटका देते हुए बीजेपी ने एमसीडी चुनावों में जबरदस्त जीत हासिल की यही नहीं कुछ दिन पहले हुए दिल्ली राजौरी विधानसभा चुनावों में भी बीजेपी ने जीत हासिल की और आम आदमी पार्टी जिसके पास ये सीट थी वो तीसरे नंबर की पार्टी बन कर रह गई।

मोदी मंत्र ‘सबका साथ, सबका विकास’ का जादू बरकरार
कोई भी चुनाव छोटा या बड़ा नहीं होता है। अगर कोई चीज छोटी या बड़ी होती है तो वो होती है इंसान की सोच जो उसे एक पल में आसमान पर तो दूसरे पल पर जमींदोज करने की हैसियत रखती है। इसलिए इंसान को अपनी सोच अपने विचार पर संयम रखना चाहिए क्योकि यही इंसान को ऊपर उठाते है। और शायद आज सबका साथ, सबका विकास की मोदी की इसी सोच ने मोदी को देश का निर्विविरोध नेता बना दिया है जिसके ईर्द-गिर्द विपक्ष का कोई नेता मौजूद नहीं है।

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