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पीएम मोदी के ‘मेक इन इंडिया’ को बड़ी कामयाबी, बोफोर्स की जगह लेगी ‘धनुष’ तोप

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प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने रक्षा उत्पादन के क्षेत्र में ‘मेक इन इंडिया’ पर जोर दिया है, जिसे लगातार सफलता मिल रही है। विभिन्न परीक्षणों और प्रयोगों से गुजर कर ‘धनुष’ तोप आखिर अंतिम परीक्षा में पास हो गई। आतंकी हमलों के बाद सीमा पर तनाव के बीच सेना और रक्षा मंत्रालय ने 114 धनुष बनाने का ऑर्डर ऑर्डिनेंस फैक्ट्री कानपुर को दिया है, जिसमें फील्डगन कानपुर और जबलपुर स्थित गन कैरिज फैक्ट्री भी अपनी भूमिका निभाएंगी। तीन चरणों में कुल 414 धनुष सेना के बेड़े में शामिल की जाएंगी।पूरी तरह देश में निर्मित तोप है धनुष 

अपने प्रोटोटाइप परीक्षण से गुजर रही ‘धनुष’ तोप को बहुप्रतीक्षित बल्क प्रोडक्शन क्लीयरेंस सर्टिफिकेट (बीपीसी) मिल गया है। ओएफसी में धनुष का उत्पादन वृहद स्तर पर शुरू कर दिया जाएगा। 114 आर्टिलरी गन को तीन साल में बना दिया जाएगा। ये देश की पहली पूरी तरह स्वदेशी 155 एमएम और 45 कैलिबर की आर्टिलरी गन है।रात में सीधी फायरिंग की आधुनिकतम क्षमता से लैस

धनुष में इनर्शियल नेविगेशन सिस्टम को जोड़ा गया है। इसमें आटो लेइंग सुविधा है। ऑनबोर्ड बैलिस्टिक गणना और दिन और रात में सीधी फायरिंग की आधुनिकतम क्षमता से लैस है। इसमें लगी सेल्फ प्रोपल्शन यूनिट पहाड़ी क्षेत्रों में धनुष को आसानी से पहुंचाने में सक्षम है।बोफोर्स का आधुनिक संस्करण है धनुष

पुराने हो चुके बोफोर्स को धनुष से रिप्लेस किया जाएगा। इसके लिए लंबे समय से बोफोर्स के ट्रांसफर ऑफ टेक्नोलॉजी डॉक्यूमेंट पर काम किया जा रहा था। बोफोर्स से कई गुना बेहतर धनुष को मैकेनिकल रूप से अपग्रेड कर नाटो द्वारा तय अंतर्राष्ट्रीय मानक में तब्दील किया गया है। इसे इलेक्ट्रॉनिक रूप से भी अपग्रेड किया गया है, जिससे फायरिंग ‘जीरो एरर’ यानी गलती रहित हो गई है। इसका मतलब ये हुआ कि धनुष से निकला गोला केवल अपने लक्ष्य को भेदेगा। इसके अलावा हर तरह के हथियार का प्रयोग इसके जरिए किया जा सकता है।

किसी भी मौसम में 1600 किलोमीटर चलने में सक्षम
धनुष के ऊपर मौसम का कोई असर नहीं होता। यह -50 डिग्री सेल्सियस से लेकर 52 डिग्री की भीषण गर्मी में भी 24 घंटे काम कर सकती है। सेल्फ प्रोपेल्ड मोड में भी ये गन रेगिस्तान और हजारों मीटर ऊंचे खड़े पहाड़ों पर चढ़ सकती है। पहाड़ों व रेगिस्तान में ये 1600 किलोमीटर सफर तय कर सकती है। अबतक के सबसे कठिन परीक्षणों के बाद धनुष सेना के बेड़े का अंग बनेगी। इसके विकास में डीआरडीओ, डीजीक्यूए, बीईएल जैसे बड़े संस्थानों ने भी अपना योगदान दिया है। इसकी गुणवत्ता को देखते हुए दूसरे देशों ने भी इसमें दिलचस्पी दिखाई है। 

इसके अलावा भी कई ऐसी रक्षा परियोजनाएं हैं जिनमें पीएम मोदी की पहल पर मेक इन इंडिया को बढ़ावा दिया जा रहा है। डालते हैं एक नजर

मेक इन इंडिया के तहत क्लाश्निकोव राइफल
मेक इन इंडिया के तहत अब दुनिया के सबसे घातक हथियारों में से एक क्लाश्निकोव राइफल एके 103 भारत में बनाए जाएंगे। इसके निर्माण के लिए कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी के संसदीय क्षेत्र अमेठी में इसकी फैक्ट्री लगाई जाएगी। उम्मीद है कि 28 फरवरी को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी अमेठी पहुंचकर प्लांट की आधारशिला रखेंगे। भारत और रूसी हथियार निर्माता कंपनी क्लाश्निकोव मिलकर एके 47 का उन्नत संस्करण एके 103 राइफल बनाएंगे। सेना की जरूरतों को ध्यान में रखते हुए इसे भारत में बनाया जाएगा। इसे भारत से निर्यात भी किया जा सकता है।

15 हजार करोड़ के हथियारों के निर्माण को मंजूरी
केंद्र सरकार ने सेना की जरूरतों को देखते हुए मई 2018 में 15 हजार करोड़ के हथियार निर्माण प्रोजेक्ट को मंजूरी दी। इसका मकसद हथियारों के आयात या विदेशों पर निर्भरता को खत्म करना है। इस प्रोजेक्ट से 30 दिन तक लगातार चलने वाले युद्ध में भी हथियारों का जखीरा कम नहीं पड़ेगा। मीडिया रिपोर्ट के अनुसार, सेना के इस प्रोजेक्ट में 11 निजी कंपनियों को शामिल करने और उनकी निगरानी रक्षा मंत्रालय और सेना के शीर्ष अधिकारियों द्वारा करने का प्रावधान शामिल है। इस प्रोजेक्ट को 10 साल में पूरा करने का लक्ष्य रखा गया है। इस परियोजना में रॉकेट्स और ग्रेनेड लॉन्चर, एयर डिफेंस सिस्टम, आर्टिलरी बंदूकें और लड़ाई के लिए जरूरी गाड़ियां बनाई जानी हैं।सेना के जवान अब पहनेंगे स्‍वदेशी बुलेट प्रूफ जैकेट
केंद्र सरकार ने सेना की जरूरतों को देखते हुए 1.86 लाख स्वदेशी बुलेट प्रूफ जैकेट खरीदने के लिए अनुबंध किया है। सेना के लिए कारगर बुलेट प्रूफ जैकेटों की जरूरत को युद्ध क्षेत्र के लिए सफलतापूर्वक आवश्यक परीक्षण करने के बाद पूरा किया गया है। ‘भारत में बनाओ, भारत में बना खरीदो’ के रूप में इस मामले को रखा गया है। स्वदेशी बुलेट प्रूफ जैकेटें अपनी श्रेणी का सर्वश्रेष्ठ और हल्के वजन की है और जवानों को बैलिस्टिक हमले से बचाएगी।यह जवानों को 360 डिग्री सुरक्षा प्रदान करेंगी। यहां तक कि ये जैकेट्स स्टील कोर बुलेट्स से भी जवानों को सुरक्षा प्रदान करेंगी। रक्षा मंत्रालय ने कहा है कि नई बुलेटप्रूफ जैकेट से जवानों के हौसले बुलंद होंगे। भारत में लड़ाकू विमान बनाना चाहती है लॉकहीड मार्टिन

अमेरिकी रक्षा कंपनी लॉकहीड मार्टिन ने अमेरिका से अपनी चौथी पीढ़ी के बहुआयामी विमान एफ-16वी के प्रोडक्शन लाइन को भारत में ट्रांसफर करने की पेशकश की है। यह प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के मेक-इन-इंडिया प्रोजेक्ट की कामयाबी के तौर पर देखा जा सकता है। कंपनी का दावा है कि एफ-16वी बाजार में उसके इस श्रेणी के उत्पादों में सबसे उन्नत एवं आधुनिक है। भारत इन विमानों का अपनी वायुसेना में इस्तेमाल करने के साथ ही इसका निर्यात भी कर सकेगा। अगर ऐसा होता है तो डिफेंस इंडस्ट्री में नए रोजगार पैदा होंगे और हजारों इंजीनियरों को बेहतर अवसर मिलेगा।

 

 

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