Home विपक्ष विशेष देखिए कैसे कर्नाटक का ‘स्वामी’ बन गया गांधी परिवार का ‘दास’

देखिए कैसे कर्नाटक का ‘स्वामी’ बन गया गांधी परिवार का ‘दास’

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जेडीएस नेता और कर्नाटक के भावी मुख्यमंत्री एचडी कुमार स्वामी ने सोमवार को दिल्ली में कांग्रेस पार्टी के अध्यक्ष राहुल गांधी और पूर्व अध्यक्ष सोनिया गांधी से मुलाकात की। कुमारस्वामी कांग्रेस के समर्थन से ही 37 सीटें पाने के बावजूद कर्नाटक की बागडोर संभालने जा रहे हैं। इस मुलाकात के बाद जो तस्वीरें सामने आई हैं, वो कर्नाटक के लोगों का सिर शर्म से झुकाने वाली हैं। दरअसल इन तस्वीरों में एचडी कुमारस्वामी एक भावी मुख्यमंत्री की तरह नहीं बल्कि गांधी परिवार के ‘दास’ की भांति सकुचाए, घबराए से हाथ बांधे खड़े हैं। कुमारस्वामी की यह तस्वीर सोशल मीडिया पर वायरल हो गई है, और कांग्रेस के अहसानों तले दबे हालात वाली इस तस्वीर को लेकर लोग जमकर टिप्पणी कर रहे हैं। किसी ने कुमारस्वामी को भीगी बिल्ली तो किसी ने कर्नाटक के भावी सीएम गांधी परिवार का रामू काका बताया है।

कांग्रेस ने कर्नाटक को मुख्यमंत्री नहीं गुलाम दिया!
कुमारस्वामी ने राहुल गांधी और सोनिया गांधी से मुलाकात कर उन्हें शपथग्रहम समारोह के लिए आमंत्रित किया। मुलाकात के दौरान उन्होंने सरकार के गठन और मंत्रियों के नामों पर भी चर्चा की। पर जिस अंदाज में वो राहुल और सोनिया गांधी के समक्ष पेश आ रहे हैं, उससे तो लगता है कि उन्होंने सिर्फ हां में हा ही मिलाई होगी। जाहिर है कि तीसरे नंबर की पार्टी के नेता कुमारस्वामी ने कभी सपने में भी नहीं सोचा होगा कि वो कर्नाटक के मुख्यमंत्री बन सकते हैं, लेकिन कांग्रेस पार्टी ने सिर्फ भाजपा को रोकने के लिए कर्नाटक के लोगों के जनादेश का मजाक उड़ाया और मुख्यमंत्री के रूप में कर्नाटक के लोगों को कांग्रेस का गुलाम दिया है।

क्या कुमारस्वामी अपने मन से कुछ कर पाएंगे कर्नाटक के लिए?
कांग्रेस के समर्थन से जेडीएस नेता एचडी कुमारस्वामी कर्नाटक के मुख्यमंत्री बन जाएंगे, लेकिन क्या वो अपने मन से कर्नाटक के हित में कोई फैसला ले पाएंगे, यह बड़ा सवाल है। जाहिर है कि कांग्रेस के रहमोकरम पर निर्भर कुमारस्वामी एक कदम भी अपने मन से चल पाएंगे, इस पर संदेह है। यानि कर्नाटक के लोगों को पांच वर्षों तक एक मजबूत नहीं बल्कि मजबूर  मुख्यमंत्री से काम चलाना पड़ेगा, और यह मजबूर सीएम राज्य का कितना विकास कर पाएगा, इसका अंदाजा लगाया जा सकता है।

क्या कर्नाटक में चल पाएगा बेमेल गठबंधन?
कर्नाटक के विधानसभा चुनाव में कांग्रेस पार्टी ने मुंह की खाने के बाद तिकड़बाजी दिखाकर अपने धुर विरोधी जेडीएस का दामन थाम लिया है। चुनाव प्रचार के दौरान कांग्रेस पार्टी के अध्यक्ष राहुल गांधी, कांग्रेस सरकार में मुख्यमंत्री रहे सिद्धारमैया, जनता दल सेक्युलर के नेताओं को पानी पी-पी कर कोसते थे। सिद्धारमैया और कुमारस्वामी चुनावी रैलियों में एक दूसरे पर भ्रष्टाचार के आरोप लगाते नहीं थकते थे। चुनाव के बाद जब जेडीएस 40 से घटकर 37 सीटों पर सिमट गई और कांग्रेस पार्टी 122 से गिरकर 78 सीटों पर आ गई, तो दोनों दलों को अपनी हैसियत का अंदाजा हो गया। अब भाजपा को रोकने के लिए दोनों ने हाथ मिलाया है। पर जिन दलों में इतना अधिक विरोधाभास हो, विचारधारा अलग-अलग हो उनका बेमेल गठबंधन कितने दिन चल पाएगा, इस पर संदेह है।

भ्रष्टाचार का पर्याय हैं एचडी कुमारस्वामी
जिस कुमारस्वामी को कांग्रेस पार्टी आज अपना सबकुछ मान कर चल रही है, लगता है अपने फायदे के लिए कांग्रेस पार्टी उसके अतीत को भूल गई है। कुमारस्वामी कर्नाटक के भ्रष्टतम नेताओं में से एक हैं।indiatoday.in में छपी रिपोर्ट के मुताबिक, 2014 में एक ऑडियो सीडी सामने आई थी, इसमें कथित तौर से वे एक जेडीएस नेता से एमएलसी बनाए जाने के लिए 40 करोड़ रुपये मांगते सुने गए थे। इससे पहले भी 2006 में एचडी कुमारस्वामी पर 150 करोड़ रुपये घूस लेने के आरोप लगा था। कुमारस्वामी कई बार करप्शन से जुड़े विवादास्पद बयान भी देते रहे हैं। एक बार उन्होंने कहा था ‘अगर आज महात्मा गांधी जिंदा होते, वे अपनी राजनीतिक पार्टी चलाने के लिए भ्रष्ट हो चुके होते, अगर वे ऐसा नहीं करते तो उन्हें राजनीति छोड़ना पड़ता।’

अपने काले कारनामे छिपाने के लिए कांग्रेस ने दिया समर्थन!
अब सवाल यह उठता है कि भ्रष्टाचार के आरोपों में घिरे रहे जेडीएस नेता कुमारस्वामी को मुख्यमंत्री क्यों बना रही है कांग्रेस पार्टी? इसका सीधा सा जवाब है, पांच वर्षों में सिद्धारमैया की नेतृत्व वाली कांग्रेस सरकार पर भ्रष्टाचार के कई आरोप लगे हैं। कहा जाता है कि कांग्रेस सरकार में बगैर रिश्वत दिए एक भी काम नहीं होता था। चाहे खनन का मामला हो, या फिर निर्माण कार्यों का, एक भी काम घूस लिए नहीं होता था। सिद्धारमैया के आय्याशी के किस्से तो राजनीतिक गलियारे में खासे चर्चित रहे। ऐसे में अब माना जा रहा है कि कांग्रेस पार्टी कुमारस्वामी को बिना शर्त समर्थन देकर पांच वर्षों के अपने काले कारनामों को छिपाने की कोशिश कर रही है।

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