सोशल मीडिया का खेल निराला है। अगर झूठ की आंधी चलती है, तो जल्द ही उसे सच का सामना भी करना पड़ता है। लेकिन इस खेल में कई बारगी ऐसी चीजे सामने आ जाती हैं, जो सामान्य तौर पर पता नहीं चलती। अगर सोशल मीडिया न होता तो शायद हमें ये भी पता नहीं चलता कि आखिर मोदी जी से बाकी नेता इतने चिढ़ते क्यों है। सामान्यत तौर पर लाखों करोड़ों रुपये कमाने वाले नेता कभी-कभी चंद रुपयों की खातिर भी अपनी असलियत दिखा जाते हैं। कुछ ऐसा ही हुआ संसद की कैंटिन में मिलने वाले खाने को लेकर। इस मामले में कैंटीन के खाने की रेट को लेकर कुछ मैसेज सोशल मीडिया में वायरल हैं। हमने सभी मैसेज की छानबीन की। सही मैसेज आपके सामने है, जिससे नेताओं की पोल खुलती है।
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क्या आप जानते हैं
प्रधानमंत्री मोदी से सारे नेता क्यों चिढ़े हुए हैं?
दरअसल प्रधानमंत्री बनते ही उन्होंने नेताओं की मुफ्त की मलाई जो खत्म कर दी
संसद की कैंटिन में मिल रही लाखों की सब्सिडी फौरन बंद कर दी
खाने पीने के सामान अब 500 से लेकर 1300 प्रतिशत तक महंगे हो चुके हैं
जरा खुद देखिए
कांग्रेस सरकार के समय पहले क्या कीमत थी और मोदी जी के आने के बाद क्या है
चाय = पहले 1 रुपए, अब 5.63 रुपए
दाल = पहले 1.50 रुपए, अब 11.25 रुपए
खाना = पहले 2.00 रुपए, अब वेज थाली 30 रुपए, नॉनवेज थाली 60 रुपए
रोटी = पहले 1.00 रुपए, अब 2.25 रुपए
सूप = पहले 5.50 रुपए, अब 12 रुपए
बिरयानी = पहले 8.00 रुपए, अब चिकन बिरयानी 104 रुपए
चिकन = पहले 24.50 रुपए, अब 45.00 रुपए
डोसा = पहले 4.00 रुपए, अब 15 रुपए
मोदी जी चाहते हैं कि इन नेताओं को भी तो पता चले कि आम आदमी के लिए दो जून की रोटी कमाकर खाना क्या होता है?
वैसे मोदी जी ने एक और गलती कर दी
विधायक और सांसद जिस तरीके से आपस में मिलकर अपनी सैलरी कई गुना बढ़ा देते थे, वो भी इन्होंने रोक दिया है।
संसद में ऐसा कोई भी बिल लाने से साफ मनाही है।
तो दिल्ली में केजरीवाल के विधायकों ने बंदरबांट करते हुए खुद की सैलरी 400 फीसदी बढ़ा दी थी, उस पर भी रोक लगा दी है।
अब मोदी जी नेताओं की पेट पर लात मारेंगे तो नेता भला उन्हें क्यों छोड़ेंगे
अब मोदी जी को सिर्फ आम आदमी का ही भरोसा है …