दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल का एक और पाखंड सामने आया है। यह पाखंड परिवार को लेकर है। हाल ही में जब प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी गुजरात यात्रा के दौरान अपनी मां से मिलने पहुंचे तो उन्होंने उसकी जानकारी सोशल मीडिया पर भी दी और बताया था कि इसकी वजह से वे योग नहीं कर पाए। इसपर केजरीवाल ने कहा था कि मैं अपनी माँ के साथ रहता हूँ, रोज उनका आशीर्वाद लेता हूँ लेकिन ढिंढोरा नहीं पीटता।
मैं अपनी माँ के साथ रहता हूँ, रोज़ उनका आशीर्वाद लेता हूँ लेकिन ढिंढोरा नहीं पीटता। मैं माँ को राजनीति के लिए बैंक की लाइन में भी नहीं लगाता https://t.co/CT243GCiaC
— Arvind Kejriwal (@ArvindKejriwal) January 10, 2017
केजरीवाल ने यह भी कहा था कि मैं माँ को राजनीति के लिए बैंक की लाइन में भी नहीं लगाता। लेकिन खुद अरविंद केजरीवाल अपनी राजनीति के लिए मां-बाप और बच्चे का इस्तेमाल करने से कभी नहीं चूकते। इन ट्वीट्स के जवाब में यूजर्स ने केजरीवाल को लताड़ लगाई। कई यूजर्स ने राजनीति में परिवार को घसीटने को लेकर केजरीवाल को ताने मारे।
@I_Atheist_ @ArvindKejriwal चाहे कितना ही नीच मेरा लल्ला है पर लाली पार्ट २ ज़रा धीरे से उसके गाल पे अपनी लाली लगाना pic.twitter.com/mpnheFiRNb
— Ritvik (@TheRitvik) January 10, 2017
राजनीती के लिए, पत्नी को घर पर छोड़ने का ढिंढोरा पीटते @ArvindKejriwal pic.twitter.com/qFRq24dwfy
— Thought Gun (@ShootinThoughts) January 10, 2017
माँ-बाप, पत्नी के नाम से ढिंढोरा पीटते @ArvindKejriwal,
मानो सिर्फ इनके ही माँ-बाप आशीर्वाद देते हैं, बाकियों के माँ-बाप गोली मार देते हैं! pic.twitter.com/r7LTsbspEc— Thought Gun (@ShootinThoughts) January 10, 2017
@ggiittiikkaa don’t spread lies about yugpurush @ArvindKejriwal hamare sirji sirf Maa nahin Pitaji ko bhi topi pehnate hai pic.twitter.com/9J2fnOfRSs
— अतिशबाज़ (@IamSunilPathak) January 10, 2017
परिवार को प्रचार में लगाया
राजनीति के लिए परिवार के इस्तेमाल का ताजा मामला यह है कि पंजाब के चुनावी मैदान में केजरीवाल का परिवार भी कूद पड़ा है। केजरीवाल के बेटे पुलकित केजरीवाल और बेटी हर्षिता केजरीवाल ने अमृतसर साउथ विधानसभा क्षेत्र में चुनाव प्रचार किया। हर्षिता ने सड़कों पर हाथ जोड़कर लोगों से वोट मांगे। इसके साथ ही दोरांगला में जनसभा के दौरान सुनीता ने केजरीवाल के साथ सिर्फ मंच शेयर नहीं किया। बल्कि अलग से लोगों के साथ बात भी की। चर्चा ये भी रही कि केजरीवाल चुनाव में पत्नी को सीएम कैंडिडेट के लिए प्रमोट तो नहीं करना चाहते।
सोशल मीडिया पर लोगों ने उन्हें राजनीतिक फायदे के लिए बच्चे और मां-बाप का इस्तेमाल करने के लिए आइना दिखाना शुरू कर दिया। ऐसे में उनसे कई सवाल उनसे पूछे गए।
- क्या अरविंद केजरीवाल ने दिल्ली की सत्ता पाने के लिए अपने बच्चे की झूठी कसमें नहीं खाईं?
- क्या बच्चे की झूठी कसम खाने के बावजूद केजरीवाल कांग्रेस के समर्थन से दिल्ली के मुख्यमंत्री नहीं बने?
- क्या केजरीवाल ने चुनाव में अपने मां-बाप का लगातार और कई बार इस्तेमाल नहीं किया?
- क्या केजरीवाल ने अपनी बुजुर्ग मां को वोट मांगने के लिए सड़क पर नहीं उतार दिया?
- क्या अरविंद केजरीवाल जब राजनीति करने गुजरात पहुंचे तो अपने अपने मां-बाप को लेकर नहीं गए?
- क्या अरविंद केजरीवाल अपने मां-बाप को लेकर चुनाव के वक्त वाराणसी नहीं पहुंचे?
- क्या अरविंद केजरीवाल गुजरात में अपने राजनीतिक कार्यक्रम के दौरान अपने मां-बाप को लेकर नहीं गए?
इस पाखंड के साथ केजरीवाल का फरेब उजागर हुआ है। सामाजिक आंदोलन की आड़ में उन्होंने देश के साथ धोखा दिया है। बंगला, गाड़ी और सिक्योरिटी का विरोध करते-करते उन्होंने सारी चीजें हथिया लीं। जहां प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने परिवार को सत्ता और सियासत से दूर-दूर रखा है। वहीं केजरीवाल ने तो करीबी के साथ-साथ दूर के रिश्तेदारों को भी उपकृत किया है। उन्होंने अपने दूर के रिश्तेदार निकुंज अग्रवाल को कानून विरुद्ध जाकर स्वास्थ्य मंत्री का ओएसडी बना दिया। सच तो यह है कि केजरीवाल को सत्ता का ऐसा नशा चढ़ा है कि वो इसके लिए मां-बाप, बच्चे और किसी भी रिश्तेदार को दांव पर लगाने को तैयार रहते हैं।