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मुख्य सचिव की पिटाई के मामले में केजरीवाल और सिसोदिया पर लटकने वाली है गिरफ्तारी की तलवार!

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दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल और उप मुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया के लिए एक नई मुसीबत आ रही है। यह मुसीबत ऐसी है जो अगर बढ़ती चली गई तो दोनों पर जल्दी ही गिरफ्तारी की तलवार भी लटक सकती है। सूत्रों के मुताबिक दिल्ली के मुख्य सचिव अंशु प्रकाश के साथ देर रात हुई मारपीट के मामले में दिल्ली पुलिस आपराधिक साजिश के आरोप के साथ मुकदमा चलाने की तैयारी में है। ऐसा होने पर यह पहला मामला होगा जिसमें किसी राज्य के मुख्यमंत्री और उप मुख्यमंत्री के खिलाफ कोर्ट में चार्जशीट दायर किया जाएगा।

मुख्यमंत्री की मौजूदगी में मुख्य सचिव की पिटाई
मुख्य सचिव के साथ मारपीट का यह मामला 19 फरवरी का है। बताया गया की सीएम आवास पर हो रही मीटिंग के दौरान दिल्ली के आम आदमी पार्टी के दो विधायकों ने उनसे हाथापाई की थी। यह हाथापाई तब हो रही थी जब खुद दिल्ली के मुख्यमंत्री केजरीवाल और उप मुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया भी वहां मौजूद थे। बताया जा रहा है कि विज्ञापन पर फंड खर्च करने को लेकर दोनों पक्षों में विवाद हो गया। केजरीवाल द्वारा एक विज्ञापन को लेकर फंड खर्च करने की बात पर मुख्य सचिव राजी नहीं थे, जिसे लेकर मीटिंग में बहस शुरू हो गई। आरोप है कि ओखला से आप पार्टी विधायक अमानतुल्लाह खान और एक अन्य विधायक प्रकाश जरवाल ने बदसलूकी करते हुए मुख्य सचिव के साथ धक्का-मुक्की शुरू कर दी। अपने साथ हुई इस हाथापाई के बाद मुख्य सचिव सीएम आवास से वापस लौट गए थे।

केजरीवाल के इशारे पर हुई मारपीट?
सत्ता में आने के बाद से केजरीवाल एंड कंपनी के साथ भ्रष्टाचार, मनमानी, गुंडागर्दी, सांप्रदायिक और जातिवादी राजनीति जैसे कितने ही तमगे जुड़ते चले गए हैं। मुख्य सचिव से पिटाई ने राजनीति के उसके हिंसक चेहरे को उजागर करके रख दिया। हैरानी की बात ये है कि मुख्यमंत्री अपने सामने हो रही मुख्य सचिव की पिटाई को देखता रह गया। यह अपने आपमें इस बात को पुख्ता करने वाला लगता है कि सब कुछ केजरीवाल के ही इशारे पर हुआ और पहले से इसका प्लॉट तैयार था। गौर करने वाली बात है कि केजरीवाल ने इस प्रकरण को पहले तो होने दिया, फिर पुलिस को भी खबर नहीं दी। होना तो ये चाहिए था कि वह इसके विरुद्ध स्वयं कार्रवाई करने को कहते, एफआईआर भी करवाते। दरअसल केजरीवाल एंड टीम ने पहले तो ऐसी किसी घटना से ही इनकार कर दिया था।  बाद में जैसे-जैसे सबूत सामने आते गए, इन्हें अपना रुख बदलने को मजबूर होना पड़ा।

कामकाज नहीं, केजरीवाल सरकार में सिर्फ ‘गुंडागर्दी’
दिल्ली की जनता को झूठे सपने दिखाकर राजनीति में आए अरविंद केजरीवाल की पार्टी गुंडा पार्टी बनती जा रही है। ऐसा इसीलिए कहा जा सकता है क्योंकि दिल्ली की सत्ता में आने के बाद से उनकी पार्टी के नेता जनता के कामकाज को छोड़कर गुंडागर्दी जैसी हरकतों में ही लगे हुए हैं। इसमें विधायक से लेकर मंत्री, उप मुख्यमंत्री और मुख्यमंत्री तक शामिल हैं। सीएम आवास पर मुख्यमंत्री के सामने मुख्य सचिव की पिटाई तो बेहद गंभीर मामला बन जाता है। मुख्य सचिव के पद पर बैठे किसी वरिष्ठ अधिकारी के साथ मारपीट की यह पहली घटना थी। इसे नौकरशाही में खौफ भरने की कोशिश के तौर पर देखा गया। इस मामले में मुख्यमंत्री केजरीवाल से पूछताछ के साथ ही उनके आवास की तलाशी भी ली गई थी। बताया जा रहा है कि मामले दिल्ली पुलिस केजरीवाल और सिसोदिया के अलावा आम आदमी पार्टी के 11 और नेताओं के खिलाफ भी आरोप पत्र दायर करने वाली है।  

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