प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की सरकार ने पहले कार्यकाल में भ्रष्टाचार के खिलाफ जो मुहिम शुरू की थी, दूसरे कार्यकाल वो मुहिम जोर पकड़ती जा रही है। मोदी सरकार की सख्ती के चलते हजारों करोड़ रुपये के अगस्ता वेस्टलैंड हेलिकॉप्टर स्कैम में वरिष्ठ कांग्रेसी नेता और मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री कमनाथ के भांजे रतुल पुरी पर आयकर विभाग का शिकंजा कस गया है। आयकर विभाग ने रतुल पुरी के 254 करोड़ रुपये के बेनामी शेयर जब्त कर लिए हैं।
बताया जा रहा है कि इनकम टैक्स विभाग की दिल्ली बेनामी निषेध इकाई ने रतुल पुरी कंपनी समूह से संबंधित नॉन क्यूमुलेटिव कंपलसरी कनवर्टिबल प्रिफेंरेस शेयर्स (सीसीपीएस)/ इक्विटी शेयर्स को अस्थाई रूप से अटैच कर लिया है। ऑप्टिमा इंफ्रा प्राइवेट लिमिटेड द्वारा सीसीपीएस को एफडीआई निवेश के रूप में प्राप्त किया गया था। कमनाथ के भांजे रतुल पुरी ने एचईपीसीएल नामक कंपनी के नाम पर सौर पैनल आयात करने के लिए अधिक चालान बनाए और उसके जरिए 254 करोड़ रुपये कमाए। यह कंपनी दुबई स्थित एक ऑपरेटर की शेल कंपनी है। यह ऑपरेटर अगस्ता वेस्टलैंड वीवीआईपी चॉपर घोटाले में आरोपी है।
Sources:Delhi Benami Prohibition Unit of I-T Dept has provisionally attached Non-Cumulative Compulsory Convertible Preference Shares (CCPS)/Equity Shares amounting to Rs 254 Cr related to Ratul Puri Group of companies.CCPS was received as FDI investment by Optima Infra Pvt Ltd pic.twitter.com/MGMABMKdko
— ANI (@ANI) July 30, 2019
आपके बता दें कि हेलिकॉप्टर घोटाले में रतुल पुरी पर शिकंजा कसता जा रहा है। इससे एक दिन पहले दिल्ली की अदालत ने वीवीआईपी हेलीकॉप्टर घोटाले से जुड़े धनशोधन मामले में रतुल पुरी को मिले गिरफ्तारी से अंतरिम संरक्षण को सोमवार को एक दिन के लिए बढ़ा दिया था। हिंदुस्तान पावर प्रोजेक्ट्स प्राइवेट लिमिटेड के अध्यक्ष पुरी 27 जुलाई को अदालत पहुंचे थे और मामले में अग्रिम जमानत मांगी थी।
अदालत ने शनिवार को उसे 29 जुलाई तक के लिए अंतरिम संरक्षण प्रदान किया था। जाहिर है कि रतुल पुरी हाल में मामले में पूछताछ के लिए प्रवर्तन निदेशालय के समक्ष पेश हुए थे, जो कि अगस्ता वेस्टलैंड के साथ अब रद्द हो चुके 3,600 करोड़ रुपये के हेलीकॉप्टर सौदे से संबंधित है।