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मोदी राज में जॉब: जून में 12.19 लाख लोगों को मिली नौकरी

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प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व में देश में युवाओं के लिए रोजगार के अपार अवसर पैदा हो रहे हैं। मोदी सरकार ने युवाओं के लिए रोजगार के मोर्चे पर गंभीरता से काम किया है। लगभग सभी सेक्टरों में युवाओं को बड़ी संख्या में नौकरियां मिल रही हैं। इस साल जून महीने में 12.19 लाख रोजगार के अवसरों का सृजन हुआ। कर्मचारी राज्य बीमा निगम (ESIC) के वेतन भुगतान से जुड़े आंकड़ों से यह पता चलता है। राष्ट्रीय सांख्यिकी कार्यालय (NSO) के अनुसार ESIC से 2018-19 में 1.49 करोड़ नये अंशधारक जुड़े। NSO की यह रिपोर्ट ESIC, कर्मचारी भविष्य निधि संगठन (EPFO) और पेंशन कोष नियामक और विकास प्राधिकरण द्वारा संचालित विभिन्न सामाजिक सुरक्षा योजनाओं से जुड़ने वाले नए अंशधारकों के आंकड़ों पर आधारित है।

मोदी सरकार की नीतियों और योजनाओं की वजह से देश में रोजगार के करोड़ों मौके पैदा हुए हैं। आइए एक नजर डालते हैं रोजगार सृजन पर-

पीएमकेवीवाई के तहत 52.12 लाख लोगों को मिला रोजगार
कौशल विकास और उद्यमिता मंत्रालय (एमएसडीई) के अनुसार 52.12 लाख लोगों को प्रधानमंत्री कौशल विकास योजना (पीएमकेवीवाई) के तहत रोजगार मिला है। कौशल विकास और उद्यमिता राज्य मंत्री आरके सिंह लोकसभा में कहा कि प्रधानमंत्री कौशल विकास योजना के तहत 12 जून 12 जून 2019 तक लगभग 52.12 लाख लोगों को रोजगार मिला है। एमएसडीई सहित लगभग 20 केंद्रीय मंत्रालय स्किल इंडिया के तहत 40 से अधिक योजनाओं के कार्यान्वयन में शामिल हैं। पीएमकेवीवाई के शॉर्ट टर्म ट्रेनिंग (एसटीटी) के तहत प्रमाणित उम्मीदवारों की संख्या 21.97 लाख है

स्किल डेवलपमेंट के तहत हर साल एक करोड़ युवाओं को प्रशिक्षण 
15 जुलाई, 2015 को शुरू की गई मोदी सरकार की महत्वाकांक्षी परियोजना स्किल डेवलपमेंट मिशन ने युवाओं की किस्मत बदलने का काम किया है। Skill Development के लिए युवाओं को घर से अधिक दूर नहीं जाना पड़े इसके लिए पूरे देश में 13,000 से अधिक प्रधानमंत्री कौशल प्रशिक्षण केंद्र बनाया गया। इन केंद्रों से प्रत्येक साल एक करोड़ युवाओं को प्रशिक्षण दिया जा रहा है, ताकि खुद रोजगार पाने के साथ ही दूसरे को भी रोजगार दे सके। 

पिछले दो साल में 3.81 लाख नई सरकारी नौकरियां
केंद्र सरकार का कहना है कि उसके विभिन्न संगठनों में पिछले दो वित्त वर्ष के दौरान 3.81 लाख से अधिक रोजगार दिए गए। बजट 2019-20 के दस्तावेजों के अनुसार एक मार्च, 2017 तक विभिन्न सरकारी प्रतिष्ठानों में कर्मचारियों की संख्या 32,38,397 थी, जो एक मार्च, 2019 को बढ़कर 36,19,596 हो गई। इस तरह दो साल के दौरान सरकारी प्रतिष्ठानों में रोजगार के अवसरों में 3,81,199 का इजाफा हुआ।

प्रधानमंत्री मुद्रा योजना: जॉब सीकर नहीं जॉब क्रिएटर बन रहे हैं युवा
प्रधानमंत्रीमोदी द्वारा स्वरोजगार को बढ़ावा देने के लिए शुरू की गई मुद्रा योजना के कारण युवा जॉब सीकर की जगह जॉब क्रिएटर बन रहे हैं। इस योजना के तहत वर्ष 2015-16 से अब तक अपना कारोबार शुरू करने के लिए 18.87 करोड़ से ज्यादा लोगों को बिना गारंटी का ऋण दिया गया है। इस योजना के लाभार्थियों में 70 प्रतिशत से अधिक महिलाएं हैं, यानि महिलाओं की आर्थिक उन्नति में भी यह योजना क्रांतिकारी साबित हुई है। मुद्रा लोन लेने वाले 18.7 करोड़ लोगों में से 3 करोड़ लोगों ने भी अगर एक व्यक्ति को रोजगार दिया तो सीधे तौर पर छह करोड़ लोगों को इसका लाभ मिलता है। इस योजना से महिलाओं को ही नहीं, सभी धर्म, जाति और वर्ग के लोगों को फायदा मिल रहा है।

प्रधानमंत्री मोदी की आयुष्मान योजना देगी 10 लाख रोजगार
पीएम नरेन्द्र मोदी की दुनिया की सबसे बड़ी स्वास्थ्य योजना से अब रोजगार भी मिलेगा। स्वास्थ्य मंत्रालय का अनुमान है कि सरकार की स्वास्थ्य बीमा योजना आयुष्मान भारत से पांच साल में करीब 10 लाख रोजगार के अवसर पैदा होंगे। मोदी सरकार अब सरकारी और निजी अस्पतालों में सीधे तौर पर एक लाख आयुष्मान मित्र तैनात करेगी, इन आयुष्मान मित्रों को 15 हजार रुपए महीना का वेतन दिया जाएगा। इसके साथ ही आयुष्मान मित्रों को हर लाभार्थी पर 50 रुपए का इंसेंटिव भी मिलेगा। योजना लागू होने के बाद डॉक्टर, नर्स, स्टाफ, टेक्नीशियन जैसे अन्य पदों पर भी नौकरियों के अवसर बनेंगे। इस योजना से देशभर के 20 हजार अस्पतालों को जोड़ा जा रहा है।

हर साल 1.5 करोड़ लोगों को मिली नौकरियां- पीपीआरसी
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व में देश में रोज रोजगार के नए अवसर पैदा हो रहे हैं। लोक नीति शोध केंद्र (पीपीआरसी) ने दावा किया है कि नरेन्द्र मोदी की सरकार हर साल 1.5 करोड़ से अधिक नौकरियां सृजित करने में सफल रही है। ‘दिस इज हाउ द बीजेपी वॉक्स द टॉक’ रिपोर्ट के अनुसार पांच साल में यह आंकड़ा सात करोड़ को पार कर गया है। एक कार्यक्रम में केंद्र के निदेशक सुमित भसीन ने रिपोर्ट जारी करते हुए बताया कि कर्मचारी राज्य बीमा (ईएसआइसी), कर्मचारी भविष्य निधि संगठन (ईपीएफओ), राष्ट्रीय पेंशन प्रणाली (एनपीएस) और अटल पेंशन योजना जैसे स्रोतों से मिले आंकड़ों के आधार पर यह निष्कर्ष निकाला गया है। उन्होंने बताया कि आर्थिक क्षेत्र के आकलन में भ्रष्टाचार और काले धन के खिलाफ ई-बाजार (जीईएम), नोटबंदी और इन्सोल्वेंसी कोड प्रभावी रहे।

पीपीआरसी रिपोर्ट पढ़ने के लिए क्लिक करें- ‘दिस इज हाउ द बीजेपी वॉक्स द टॉक’

एमएसएमई क्षेत्र में एक करोड़ रोजगार के अवसर
सूक्ष्म, लघु एवं मझोले उपक्रम (MSME) क्षेत्र में अगले चार से पांच साल में एक करोड़ नए रोजगार के अवसर सृजित हो सकते हैं। नोमूरा रिसर्च इंस्टिट्यूट (एनआरआई कंसल्टिंग एंड साल्यूशंस) की रिपोर्ट में कहा गया है कि आयात होने वाली कुछ वस्तुओं का देश में ही उत्पादन करने के लिये उपक्रमों के विकास पर ध्यान देकर ऐसा किया जा सकता है। रिपोर्ट में कहा गया है कि कुछ खंडों में एमएसएमई का विकास होने पर अगले चार से पांच साल में रोजगार के 75 लाख से एक करोड़ अतिरिक्त अवसरों का सृजन किया जा सकता है। 

MSME में 14% बढ़ीं नौकरियां
सीआईआई के सर्वे के मुताबिक पिछले चार साल के दौरान माइक्रो, स्मॉल एंड मीडियम एंटरप्राइजेज (MSME) सेक्टर में 13.90 फीसदी ज्यादा रोजगार के अवसर पैदा हुए है। आंकड़ों में देखा जाए तो करीब 3,32,394 नई नौकरियां मिलीं, जो रोजगार सृजन के लिहाज से सालाना 3.3 फीसदी की बढ़ोतरी दर्शाती है। सर्वे में देश के 28 राज्यों के 350 औद्योगिक केंद्रों में स्थित 1.05 लाख MSME फर्मों को शामिल किया गया। सबसे ज्यादा नौकरियां सर्विस सेक्टर में मिली है। इसमें खासकर पर्यटन के क्षेत्र में मिलीं। इसके बाद कपड़ा उद्योग और मेटल प्रॉडक्ट्स के क्षेत्र में नौकरियों के मौके बने हैं।

अगले 3 साल में बनेंगे रोजगार के अधिक अवसर
उद्योग संगठन सीआईआई कहता हैं कि अगले तीन साल के दौरान नौकरियों के मौकों में इजाफा होने की उम्मीद है। MSME पर ब्याज में दो फीसदी छूट और ट्रेड रिसविवेबल्स ई-डिस्काउंटिंग सिस्टम (TReDS) की वजह से इसमें वृद्धि होगी। लिहाजा ऐसे में नौकरियों के मौके बनेंगे।

राष्ट्रीय पेंशन प्रणाली से जुड़े करीब 9. 7 लाख
इसी अवधि में राष्ट्रीय पेंशन प्रणाली से जुड़ने वाले अंशधारकों की संख्या 9,66,381 रही। एनपीएस के अंतर्गत केंद्रीय तथा राज्य सरकार के कर्मचारी आते हैं। आम लोग भी इसे स्वेच्छा से अपना सकते हैं। इसमें कहा गया है कि मौजूदा रिपोर्ट संगठित क्षेत्र में रोजगार के बारे में जानकारी देती है और समग्र रूप से रोजगार का आकलन नहीं करती है।

आईटी और स्टार्टअप कंपनियां दे सकती है 5 लाख लोगों को रोजगार 
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व में देश में रोज रोजगार के नए अवसर पैदा हो रहे हैं और वर्ष 2019 नौकरियों के सृजन के लिहाज से बढ़िया रह सकता है। आईटी और स्टार्टअप कंपनियां इस नए साल में पांच लाख लोगों को रोजगार दे सकती हैं। आईटी जगत के दिग्गज और इन्फोसिस के पूर्व सीएफओ मोहनदास पई ने कहा है कि भारतीय आईटी उद्योग फिर से वृद्धि के रास्ते पर लौट रहा है। उन्होंने कहा कि 2019 कर्मचारियों के लिए बेहतर होने जा रहा क्योंकि भर्ती प्रक्रिया में तेजी आ रही है। पई ने कहा कि आईटी और स्टार्टअप कंपनियां मिलकर 4.5 से 5 लाख कर्मचारियों की भर्ती करेंगी।

मोदी राज में पर्यटन के क्षेत्र में सर्वाधिक रोजगार देने वाला देश है भारत
केंद्रीय पर्यटन राज्यमंत्री अल्फोंस कन्नमथानम ने बताया कि भारत विश्व में पर्यटन के क्षेत्र में सबसे अधिक रोजगार देने वाला देश है। उन्होंने कहा कि भारत पर्यटन के क्षेत्र में दुनिया का सबसे बड़ा नियोक्ता है। जिन लोगों को रोजगार मिला है, उनमें ज्यादातर गरीब हैं। अल्फोंस ने कहा कि भारत में करीब 8.21 करोड़ लोगों को पर्यटन के क्षेत्र में रोजगार मिला हुआ है। विदेश में पर्यटन को बढ़ावा देने के लिए मंत्रालय ने अमेरीका, यूरोप, चीन सहित देशों में कई अभियान चलाए हैं, जिससे भारत विदेशी पर्यटकों के लिए पसंदीदा जगह बनता जा रहा है।

प्रधानमंत्री रोजगार प्रोत्साहन योजना लाभार्थियों की संख्या पहुंची 1 करोड़ के पार
रोजगार सृजन के लिए मोदी सरकार की महत्वाकांक्षी प्रधानमंत्री रोजगार प्रोत्साहन योजना (PMRPY) से लाभान्वित होने वाले कर्मचारियों की संख्या एक करोड़ के पार निकल चुकी है। केंद्र सरकार ने नए रोजगार पैदा करने के लिए अगस्त, 2016 में इस योजना की शुरुआत की थी। और इससे 14 जनवरी, 2019 तक एक करोड़ से अधिक लोगों को लाभ पहुंचा है। इस तरह इस योजना ने कीर्तिमान स्थापित किया है।

‘मेक इन इंडिया’ से 2020 तक 10 करोड़ रोजगार 
देश की अर्थव्यवस्था को मजबूत करने और युवाओं को रोजगार उपलब्ध कराने के लिए प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने 25 सितंबर, 2014 को ‘मेक इन इंडिया’ योजना की शुरुआत की थी। यह योजना रोजगार के क्षेत्र में क्रांति लाने की ताकत रखती है। ‘मेक इन इंडिया’ के जरिए 2020 तक 10 करोड़ नए रोजगार के अवसर पैदा करने का लक्ष्य है।

अनौपचारिक क्षेत्र की नौकरियों में बड़ा उछाल
प्रधानमंत्री मुद्रा लोन योजना, स्वयं सहायता समूह और आधारभूत संरचना विकास खासकर ग्रामीण सड़कों और राष्ट्रीय राजमार्ग विस्तार आदि के बल पर मोदी राज में असंगठित क्षेत्र में रोजगार में भारी वृद्धि दर्ज की गई है।स्कॉच समूह की एक रिपोर्ट का कहना है कि प्रधानमंत्री मुद्रा योजना और केन्द्र सरकार की कुछ योजनाओं की बदौलत नरेंद्र मोदी सरकार के कार्यकाल के दौरान अनौपचारिक क्षेत्र की नौकरियों में बड़ा उछाल आया है। इस रिपोर्ट को स्कॉच समूह के अध्यक्ष समीर कोचर ने तैयार किया है।

प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना से रोजगार के अवसरों में बढ़ोतरी
इस दौरान सड़क बनाने की गति भी तेजी से बढ़ी, जिसकी वजह से रोजगार के अवसरों में बढ़ोतरी हुई। ग्रामीण सड़कों के लिए शुरू की गई प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना की बात करें तो इस दौरान नरेंद्र मोदी के कार्यकाल में हर रोज 134 किलोमीटर सड़क बनायी गई। इससे पहले 2011 से 2014 के बीच हर रोज 73 किलोमीटर सड़क ही बन रही थी।

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