प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की महत्वाकांक्षी स्वास्थ्य बीमा योजना आयुष्मान भारत के अन्तर्गत बाल कैंसर का इलाज भी शामिल कर लिया गया है। नीति आयोग के सदस्य डॉ विनोद कुमार पॉल ने कहा है कि बच्चों में कैंसर का उपचार प्रधानमंत्री जन आरोग्य योजना के दायरे में लाया जाएगा। योजना के तहत कैंसर के साथ मधुमेह, उच्च रक्तचाप और कार्डियोवैस्कुलर बीमारियों के लिए व्यापक उपचार प्रदान किए जाएंगे। इसके लिए दरें भी तय कर दी गई है। दुनिया की सबसे बड़ी इस स्वास्थ्य बीमा योजना- जन आरोग्य योजना से देश के 50 करोड़ लोगों को हेल्थ कवर मिलेगा। इस योजना के तहत दस करोड़ परिवारों को 5 लाख रुपये सालाना का चिकित्सा बीमा कवर दिया जाएगा। इतनी बड़ी संख्या में लोगों को चिकित्सा सेवा उपलब्ध कराने के लिए भारत में मेडिकल इंफ्रास्ट्रक्चर के क्षेत्र में क्रांतिकारी परिवर्तन आने वाला है। इसके लिए सरकार डेढ़ लाख हेल्थ और वेलनेस सेंटर तैयार करने में भी लगी है।
कुल 1350 बीमारियों का इलाज
आयुष्मान भारत योजना के तहत 1350 बीमारियों का इलाज होगा। यह योजना हार्ट अटैक और कैंसर समेत कई गंभीर बीमारियों में राहत दिलाने में बेहद काम आएगी। इलाज के दौरान दवा, मेडिकल जांच (एक्सरे, अल्ट्रासाउंड, एमआरआई समेत कई जांच) पूरी तरह से नि:शुल्क होगी। पहले चरण में समाज के वंचित, पिछड़े, सामाजिक एवं आर्थिक रूप से कमजोर वर्ग के परिवारों को इसका लाभ मिलेगा। योजना के अंतर्गत सामाजिक, आर्थिक एवं जातिगत जनगणना में चिन्हित परिवारों के अलावा स्वत: सम्मिलित श्रेणियों एवं शहरी क्षेत्र की 11 कामगार श्रेणियों के तहत आने वाले लोग जैसे कचरा उठाने वाले और फेरी वालों को इस योजना का लाभ मिलेगा। प्रधानमंत्री जन आरोग्य अभियान के अंतर्गत पात्र परिवार के सभी सदस्य योजना के पात्र होंगे। यानि सदस्यों की संख्या, आयु सीमा जैसी कोई भी बाध्यता नहीं होगी।
सरकारी अस्पतालों में इलाज कराने वालों से लिया जाएगा फीडबैक
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने स्वास्थ्य के क्षेत्र को हर प्रकार से चाक चौबंद करने का जो बीड़ा उठाया है, उसी का एक हिस्सा ये भी है कि सरकारी अस्पतालों में मरीजों को उनकी आवश्यकता के अनुरूप इलाज मिले। इसलिए सरकार मरीजों से लिए जाने वाले फीडबैक को लेकर एक सही सिस्टम तैयार करने जा रही है, जिसमें सरकारी अस्पताल में अपने इलाज को लेकर कोई मरीज अपनी बात खुलकर रख सकता है। सरकार इस फीडबैक के आधार पर सरकारी अस्पतालों की सुविधाओं को लोगों के अनुकूल बनाने की दिशा में हरसंभव कदम उठाएगी।
सभी सरकारी अस्पताल जुड़ेंगे सिस्टम से
आने वाले समय में देश के सभी सरकारी अस्पतालों से इस फीडबैक सिस्टम को जोड़ा जाएगा। जब मरीजों से यह पूछा जाएगा कि उनका इलाज कैसा हुआ, तो इस पर मिलने वाले जवाब से यह ज़ाहिर हो सकेगा कि सरकारी अस्पताल और वहां के चिकित्साकर्मियों ने मर्ज को लेकर कितनी गंभीरता दिखाई है। मौजूदा सरकार ने सरकारी अस्पतालों में सिस्टम की बेहतरी के लिए दो साल पहले ‘मेरा अस्पताल’ नाम से एक और पहल की थी। इस पहल के भी सकारात्मक परिणाम आए हैं और यह मरीजों के अनुभव को पहले से बेहतर बनाने में मददगार रही है। स्वास्थ्य मंत्रालय के मुताबिक अब फीडबैक का यह सिस्टम प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र और कम्युनिटी हेल्थ सेंटर (सीएचसी) के अलावा अन्य सभी सरकारी अस्पतालों पर जल्द ही लागू करने की योजना है।
बेहद कारगर रही है ‘मेरा अस्पताल’ पहल
‘मेरा अस्पताल’ पहल की शुरुआत अगस्त, 2016 में आंध्र प्रदेश से की गई थी। अब तक इससे करीब 1100 अस्पताल जोड़े जा चुके हैं। इसमें मरीज से, जिस भी माध्यम से उन्हें सुविधा हो उस माध्यम से फीडबैक मांगा जाता है। इलाज के हफ्ते भर के भीतर मरीज एसएमएस, इंटरेक्टिव वॉयस रिस्पॉन्स सिस्टम, मोबाइल ऐप और वेब पोर्टल के जरिए अपना फीडबैक दे सकते हैं। अभी यह सुविधा हिन्दी और अंग्रेजी समेत सात भाषाओं में उपलब्ध है जिसे जल्द ही दूसरी भाषाओं में भी उपलब्ध कराया जाएगा।
गरीब से गरीब के समुचित इलाज की प्रतिबद्धता
प्रीवेंटिव से लेकर अफॉर्डेबल हेल्थकेयर के लिए कई ऐसे कदम उठाए गए हैं जिनसे स्वास्थ्य सुविधाओं तक जनसामान्य की पहुंच आसान हो। इसी दिशा में आगे बढ़ते हुए सरकार 25 सितंबर से आयुष्मान भारत योजना के तहत प्रधानमंत्री जन आरोग्य अभियान को लॉन्च करने जा रही है। इस अभियान के लॉन्च के साथ ही देश के गरीब परिवारों को समुचित इलाज और गंभीर बीमारियों से बचाने की महत्वाकांक्षी पहल पर अमल भी शुरू हो जाएगा।योजना के पहले चरण में देश के 10.74 करोड़ रुपये परिवार लाभान्वित होंगे। परिवार में किसी के भी बीमार पड़ने पर सरकार और बीमा कंपनियों की ओर से सालाना 5 लाख रुपये के स्वास्थ्य बीमा का कवर किया जाएगा।
उत्तर प्रदेश में योजना का पायलट उद्घाटन
मंगलवार, 4 सितंबर को उत्तर प्रदेश में प्रधानमंत्री जन आरोग्य अभियान का पायलट रन शुरू हो गया। राज्य के चिकित्सा एवं स्वास्थ्य मंत्री सिद्धार्थ नाथ सिंह ने बलरामपुर अस्पताल में इसका उद्घाटन छह लाभार्थियों को गोल्डेन कार्ड बांटकर किया। इस योजना से अकेले उत्तर प्रदेश में करीब 1.18 करोड़ परिवारों को यानि लगभग छह करोड़ लोगों को लाभ मिलने वाला है। वहीं देश भर में इस योजना से कुल 10.74 करोड़ परिवारों को लाभ मिलने वाला है। योजना के तहत सूचीबद्ध सरकारी और निजी अस्पतालों में भर्ती होकर उन्हें गंभीर से गंभीर बीमारियों में भी 5 लाख लाख रुपये तक की नि:शुल्क उपचार की सुविधा मिलेगी।
उत्तर प्रदेश में सही संचालन के लिए आयुष्मान मित्र
इस योजना को सही तरीके से संचालित करने के लिए हर अस्पताल में एक आयुष्मान मित्र नियुक्त करने का निर्णय किया गया है। ये आयुष्मान मित्र मरीजों को इलाज की सुविधाएं सरकारी और अनुबंधित अस्पतालों में उपलब्ध कराने के लिए जिम्मेदार होंगे।
बिहार में 10 लोगों को गोल्डेन कार्ड
बिहार में दस लोगों को गोल्डेन कार्ड देकर आयुष्मान भारत प्रधानमंत्री जन आरोग्य अभियान का पायलट रन शुरू कर दिया गया है। राज्य के स्वास्थ्य मंत्री मंगल पांडेय ने पीएमसीएच में आयोजित कार्यक्रम में लोगों को यह कार्ड प्रदान किया। बिहार में इस योजना के तहत पहले ही आर्थिक व सामाजिक जनगणना के आधार पर एक करोड़ बीस लाख लोग चयनित किए जा चुके हैं। योजना लागू करने के लिए राज्य के 32 सरकारी अस्पतालों को चयनित कर लिया गया है। इसके साथ ही निजी अस्पतालों से भी आवेदन मांगा गया है।
हरियाणा के करनाल में नवजात बनी पहली लाभार्थी
गौर करने वाली बात ये भी है कि प्रधानमंत्री ने 15 अगस्त को योजना को देश भर में लॉन्च करने की तारीख का ऐलान किया था और उसी दिन हरियाणा के करनाल में इस योजना को पहली लाभार्थी मिल गई। वहां के कल्पना चावला सरकारी अस्पताल में 15 अगस्त को पैदा हुई बच्ची इस योजना की पहली लाभार्थी है। आयुष्मान भारत हरियाणा ने ट्वीट के जरिए इसकी जानकारी दी थी। अस्पताल प्रबंधन के मुताबिक अगर सिस्टम में परिवार का नाम है तो उसके सभी सदस्य लाभार्थी बन जाते हैं और बच्ची का जन्म चूंकि सिजेरियन सेक्शन के माध्यम से हुआ इसलिए वह अपने आप योजना की लाभार्थी बन गई।
Baby Karishma of Karnal, Haryana arrives as the first claim beneficiary of Ayushman Bharat Scheme. Congrats to the proud parents and best wishes to the future of this Daughter of India. Beti Bachao Beti Padhao. @JPNadda @cmohry @anilvijminister @AyushmanNHA @NITIAayog @PMOIndia pic.twitter.com/IEd5e17Fj0
— Ayushman Bharat Haryana (@BharatHaryana) September 1, 2018